वंचितों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए निरंतर ध्यान दिया जा रहा है: मनोज सिन्हा

manoj sinha
ANI

मनोज सिन्हा आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए 51 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के मद्देनज़र पुलवामा जिले में थे। उन्होंने एक आदर्श जनजातीय पारगमन आवासीय विद्यालय, छात्रावास और समुदाय के लिए 18 अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि प्रशासन समाज के वंचित तबके को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मुद्दे पर “निरंतर ध्यान” दे रहा है, जो लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित था। सिन्हा आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए 51 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के मद्देनज़र पुलवामा जिले में थे। उन्होंने एक आदर्श जनजातीय पारगमन आवासीय विद्यालय, छात्रावास और समुदाय के लिए 18 अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। सिन्हा ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर ध्यान दिया जा रहा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उन लोगों तक पहुंचाई जाए जो लंबे समय से अपने अधिकारों से वंचित थे।” 

इसे भी पढ़ें: मनोज सिन्हा ने आतंकवादी हमले में मारी गई टीवी कलाकार और पुलिसकर्मी के परिवारों से मुलाकात की

सिन्हा ने कहा, “नए छात्रावास, आधुनिक कक्षाएं और आदिवासी छात्रों के लिए रिकॉर्ड संख्या में छात्रवृत्ति आर्थिक समृद्धि और सर्वांगीण विकास के नए द्वार खोलेंगे।” उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं सामाजिक न्याय और समानता की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में आदिवासी समुदाय के लिए संभावनाएं उज्ज्वल हैं, क्योंकि समुदाय के लाभ के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जनजातीय समुदाय की संभावनाएं पहले कभी उतनी उज्ज्वल नहीं थीं, जितनी अब हैं। वन अधिकार अधिनियम, प्रधानमंत्री वन धन योजना, स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन सुविधाएं, छात्रावास, पर्यटक गांव, कौशल विकास आदि हर एक पहल का उद्देश्य न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से जम्मू-कश्मीर की प्रगति सुनिश्चित करना है।’’ 

इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने आतंकवादी हमले में मारी गई टीवी कलाकार के परिवार से मुलाकात की

सिन्हा ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से जम्मू-कश्मीर में आदिवासियों की उपेक्षा की गई और उनके साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा, “1976 से 2020 के बीच आदिवासी छात्रों के लिए केवल 26 छात्रावास स्थापित किए गए थे, जबकि 2023 तक 37 नए छात्रावास खोले जाएंगे।” सिन्हा ने कहा कि पिछले 21 महीनों में, सभी हाशिए पर पड़े लोगों और कमजोर समूहों के सशक्तीकरण के लिए कदम उठाए गए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़