लॉकडाउन में गरीबों को राहत के लिये कारगर उपाय घोषित करे सरकार: येचुरी

Yechury

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की लेकिन संकट की इस घड़ी में गरीबों की मदद के लिये किसी प्रकार की सहायता योजना का जिक्र नहीं किया, यह दुखद है।

नयी दिल्ली। माकपा ने कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर पूरे देश में तीन सप्ताह के लिये घोषित बंद (लॉकडाउन) के दौरान गरीबों की मदद के लिये सरकार द्वारा कारगर उपायों की घोषणा नहीं किये जाने पर निराशा प्रकट करते हुये जरूरतमंद लोगों को राहत के लिये कार्ययोजना घोषित करने की मांग की है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की लेकिन संकट की इस घड़ी में गरीबों की मदद के लिये किसी प्रकार की सहायता योजना का जिक्र नहीं किया, यह दुखद है। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा, ‘‘गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिये कोई घोषणा नहीं किया जाना बेहद दुखद है।’’ उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके लिये उन्होंने देशवासियों से पूरी तरह से घरों में रहने की अपील की जिससे इस घातक वायरस के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ा जा सके। येचुरी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान होने वाली परेशानियों से राहत के लिये जिन्हें तत्काल मदद की दरकार है, उनके लिये सरकार ने कोई कारगर घोषणा नहीं की है। येचुरी ने पत्र में महात्मा गांधी के उस जंतर का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘कोई भी काम करने से पहले उस व्यक्ति का चेहरा याद करके खुद से यह सवाल पूछो कि जो कदम आप उठाने जा रहे हैं, उससे क्या उस व्यक्ति का कोई लाभ होगा जिसे आपने अपने जीवन में सर्वाधिक निर्धन और कमजोर व्यक्ति के रूप में देखा है।’’ 

इसे भी पढ़ें: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 4 और मामले सामने आए, संक्रमितों की संख्या 116 हुई

उन्होंने कहा कि सरकार ने गांधी जी के इस जंतर की भावना के अनुरूप कोई काम नहीं किया। अचानक घोषित किये गये लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कम आय वर्ग वाले उन लोगों की मदद के लिये कुछ नहीं किया जो रोजी-रोटी की खातिर दूसरे शहरों में रह रहे हैं। माकपा नेता ने कहा कि इनमें से अधिकांश लोग अब भोजन और अन्य मूलभूत जरूरतों के बिना बीच भंवर में फंस गये है। इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है कि ये लोग सुरक्षित स्थान पर कैसे पहुंचेगे, बिना पैसे के इनकी गुजर बसर कैसे होगी और इन सबके बीच पुलिस के शोषण से इन्हें कैसे बचाया जा सकेगा? येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से सिर्फ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है लेकिन वह भूल गये कि भाजपा ने इस नाजुक वक्त में किस प्रकार से मध्य प्रदेश की निर्वाचित सरकार को अस्थिर कर दिया। उन्होंने सरकार से यथाशीघ्र जरूरतमंद लोगों, खासकर शहरी क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों की अनिवार्य जरूरतों की पूर्ति में मदद के लिये कार्ययोजना घोषित कर इसे लागू करने की मांग की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़