लॉरी चालकों से अवैध वसूली, HC ने बंगाल सरकार को 4 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश

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अभिनय आकाश । Aug 22 2022 5:44PM

हाईकोर्ट में ध्रुव साहा नाम के शख्स ने जनहित का मामला दायर किया था। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की।

बीरभूम में लॉरी चालकों से अवैध रूप से वसूली का मामला सामने आया है। जनहित मामले में आरोप लगाया गया है कि फर्जी सरकारी बिल छापकर पैसे निकाले गए। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य को उस मामले में चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। साथ ही प्रधान न्यायाधीश की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि धन की अवैध निकासी पर तत्काल रोक लगाई जाए। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के अगले दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित सभी पक्षों के वकीलों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।

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हाईकोर्ट में ध्रुव साहा नाम के शख्स ने जनहित का मामला दायर किया था। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की। ध्रुव ने वहां की अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य और उद्यम विभाग की अधिसूचना के अनुसार खदान से पत्थर लेने पर सरकार को 130 रुपये प्रति घन मीटर पत्थर का राजस्व देना होता है। यह पैसा केवल उसी व्यक्ति से वसूल किया जा सकता है जिसने 'पकड़' चालान के माध्यम से पट्टा लिया है। वादी का यह भी दावा है कि नलहाटी, मुरराई सहित बीरभूम के कई खनन क्षेत्रों में सरकारी बिलों को अवैध रूप से छापकर पत्थर लदे ट्रकों या लॉरी चालकों से पैसा वसूल किया जा रहा है।  

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ध्रुव ने अपनी शिकायत में अदालत को बताया कि मामले की जानकारी होने के बाद उसने संबंधित थाने में शिकायत लिखी. अनुरोध किया कि पुलिस इस शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करे और धन की अवैध वसूली को रोकने के लिए उचित कदम उठाए। इसके अलावा ध्रुव ने मामले को लेकर बीरभूम के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, भूमि सुधार अधिकारी को भी पत्र लिखा है। उन्होंने अदालत में कहा, ''वे फर्जी हस्ताक्षर कर अवैध रूप से पैसे निकाल रहे हैं।  

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