हम फर्जी मतदाताओं को कैसे अनुमति दे सकते हैं? SIR को लेकर EC ने विपक्ष से किए सवाल

gyanesh kumar
ANI
अंकित सिंह । Jul 24 2025 12:51PM

एक बयान में, ईसीआई ने अपने आलोचकों से सवाल किया कि क्या उसे मृत और प्रवासी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है।

भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को चुनावी राज्य बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का बचाव करते हुए विपक्षी दलों से राजनीतिक विचारधाराओं से परे जाकर गहराई से सोचने का आग्रह किया। एक बयान में, ईसीआई ने अपने आलोचकों से सवाल किया कि क्या उसे मृत और प्रवासी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है। इसलिए, इन बातों से डरकर, क्या चुनाव आयोग को कुछ लोगों के बहकावे में आकर, पहले बिहार में और फिर पूरे देश में संविधान के विरुद्ध जाकर, मृत मतदाताओं, स्थायी रूप से प्रवासी मतदाताओं, दो जगहों पर पंजीकृत मतदाताओं, फर्जी मतदाताओं या विदेशी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने का रास्ता बनाना चाहिए? 

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इसके अलावा, ईसीआई ने पूछा कि क्या एक प्रामाणिक मतदाता सूची तैयार करना देश में निष्पक्ष चुनावों की नींव है। क्या चुनाव आयोग द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से तैयार की जा रही प्रामाणिक मतदाता सूची निष्पक्ष चुनावों और एक मजबूत लोकतंत्र की आधारशिला नहीं है? चुनाव आयोग ने नागरिकों से अपनी राजनीतिक विचारधाराओं को दरकिनार करते हुए इन सवालों पर विचार करने का आग्रह किया। चुनाव आयोग ने कहा कि इन सवालों पर, कभी न कभी, हम सभी को और भारत के सभी नागरिकों को राजनीतिक विचारधाराओं से परे जाकर गहराई से सोचना होगा। और शायद आप सभी के लिए इस आवश्यक चिंतन का सबसे उपयुक्त समय अब भारत में आ गया है।

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यह बयान बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के विरोध और आलोचना की पृष्ठभूमि में आया है। इससे पहले आज, इंडिया ब्लॉक ने लगातार चौथे दिन चुनावी राज्य बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया का विरोध किया। विपक्षी दलों ने मानसून सत्र की शुरुआत से ही हर दिन स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए, इस संशोधन प्रक्रिया के संबंध में लोकसभा और राज्यसभा में बार-बार चर्चा की मांग की है और आरोप लगाया है कि एसआईआर की आड़ में मतदाता सूची में हेराफेरी की जा रही है।

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