मुझे उनकी मंशा पता है, वे मुझे मारना चाहते हैं : अतीक अहमद

Atiq Ahmed
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जब पत्रकारों ने पूछा कि उसे पुलिस वैन में ले जाया जा रहा है, तो उसे डर क्यों लग रहा है, अहमद ने कहा, ‘‘मुझे इनका प्रोग्राम (योजना) मालूम है... हत्या करना चाहते हैं।’’ इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रविवार शाम को माफिया अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई

अहमदाबाद/लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रयागराज ले जाए जाने से पहले अहमदाबाद में साबरमती केंद्रीय जेल से बाहर निकलने के बाद माफिया अतीक अहमद ने रविवार को आशंका जताई कि उसकी हत्या की जा सकती है। अहमद को जब जेल से बाहर पुलिस वैन में ले जाया जा रहा था, तब उसने वहां मौजूद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हत्या, हत्या।’’ जब पत्रकारों ने पूछा कि उसे पुलिस वैन में ले जाया जा रहा है, तो उसे डर क्यों लग रहा है, अहमद ने कहा, ‘‘मुझे इनका प्रोग्राम (योजना) मालूम है... हत्या करना चाहते हैं।’’ इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रविवार शाम को माफिया अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई। अतीक इस जेल में जून 2019 से बंद है।

अधिकारियों ने बताया कि अतीक को एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जो 28 मार्च को अपहरण के एक मामले में आदेश पारित करने वाली है, जिसमें वह आरोपी है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम सुबह साबरमती जेल पहुंची और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम करीब छह बजे एक पुलिस वैन में अतीक को लेकर निकल गई। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। समाजवादी पार्टी (सपा) का पूर्व सांसद अतीक जून 2019 से साबरमती जेल में बंद है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अतीक अहमद को उसके गृह राज्य (उत्तर प्रदेश) से साबरमती जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य सुब्रत पाठक ने कहा था कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर अतीक अहमद का वाहन भी गैंगस्टर विकास दुबे की तरह पलट जाए।

पाठक ने एक मार्च को ट्वीट किया था, ‘‘उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा में उमेश पाल सहित पुलिस सुरक्षाकर्मी की हत्या सीधे उत्तर प्रदेश की सरकार पर हमला है, याद रखो जब विकास दुबे नहीं बचा, तो इन दुर्दांतों का क्या होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है, और अब यदि गाड़ी अतीक की भी पलट जाए, तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा।’’ गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद दुबे को कानपुर ले जाते समय रास्ते में पुलिस का वाहन संदिग्ध परिस्थितियों में पलट गया था, जिसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था। घटना जुलाई, 2020 की है। पुलिस का दावा है कि दुबे ने भागने का प्रयास किया था। वहीं, रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वाहन किस वक्त ‘पलटा’ और किसके कारण पलटा, इसे उपग्रह से ली गई तस्वीरों की मदद से देखा जा सकता है।

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अतीक अहमद पर भाजपा नेता की टिप्पणी के संबंध में सवाल करने पर लखनऊ में अखिलेश ने कहा, “उन्हें मुख्यमंत्री ने फोन करके बता दिया होगा कि इस जगह पर गाड़ी पलट दो--- और मैंने उस समय भी कहा था कि जिस समय आप गूगल और अमेरिका से मदद ले लेंगे, आपको पता चल जाएगा कि किस जगह गाड़ी पलटी और किसने पलटी। ये सब डॉक्यूमेंट (दस्तावेज) है--सेटेलाइट (उपग्रह) में रहेगा और यह रिकॉर्ड कहीं नहीं जा रहा है, यह गलती मत करना।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर तीन-चार साल बाद भी अमेरिका से निवेदन करोगे, तो वह रिकॉर्ड निकालकर दे देगा। हर सेकेंड का हिसाब रहता है। पता चल जाएगा कि वाहन कैसे पलटा।’’ वहीं, उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौड़ ने कहा कि अगर कोई अपराधी वाहन में हंगामा करता है, तो वह पलट सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर अपराधी पुलिस की हिरासत में है, तो उसे वाहन में शांति से बैठना चाहिए, ताकि वह सुरक्षित जेल पहुंच सके। अगर वह हाय-तौबा मचाएगा और वाहन से बाहर कूदने की सोचेगा, तो संघर्ष के कारण वाहन पलट सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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