IAF के ऑपरेशन बालाकोट से जैश का जोश खत्म, 350 आतंकी हुए ढेर

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[email protected] । Feb 27 2019 9:09AM

भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए।

नयी दिल्ली। भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। दो मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘हमलों को रोकने’ के उद्देश्य से ‘ऐहतियात’ के तौर पर अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था। इसके चलते यह ‘आसान निशाना’ बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में राजस्थान के चुरू में एक जनसभा में कहा, ‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है। देश से ऊपर कुछ भी नहीं है।’ उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया। ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की साजिश रच रहा है।

बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। गोखले ने पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था। गोखले ने कहा, ‘खुफिया जानकारी के आधार पर आज तड़के चलाए गए अभियान में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया।’

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उन्होंने कहा कि शिविर बालाकोट में स्थित था, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। सूत्रों ने कहा कि संदर्भ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित शहर का था जो नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर और ऐबटाबाद के नजदीक स्थित है जहां अमेरिकी बलों ने 2011 में अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था। गोखले ने इस बारे में भी ब्योरा नहीं दिया कि हमले किस तरह किए गए, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बम गिराने के लिए 12 मिराज 2000 जेट विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया जिनमें अन्य विमान और दूसरी प्रणालियां भी शामिल थीं।

सूत्रों ने कहा कि वायुसेना के विमानों ने आतंकी शिविरों को बर्बाद करने के लिये एक हजार किलोग्राम वजन के कई लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि अभियान की शुरूआत तड़के 3.45 पर हुई जो 4.05 बजे तक चला जबकि वास्तविक हमला करीब दो मिनट ही चला। युद्धक विमानों ने अभियान के लिए कई वायुसैनिक अड्डों से उड़ान भरी थी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरे अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए। उन्होंने सुबह करीब साढ़े चार बजे अभियान में शामिल सभी लोगों को बधाई दी। 

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इस हमले से स्तब्ध पाकिस्तान ने “अपनी पसंद के समय और जगह” पर जवाब देने की बात कही और संयुक्त राष्ट्र व दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मामला उठाया। पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में भारतीय हवाई हमले के कुछ घंटे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की विशेष बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान ने सशस्त्र बलों और पाकिस्तान के लोगों से किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है। इस्लामाबाद में एनएससी की बैठक के बाद एक बयान में कहा गया, ‘फोरम (एनएससी) भारत के दावे को पूरी तरह खारिज करता है कि उसने बालाकोट के नजदीक एक कथित आतंकवादी शिविर को निशाना बनाया और भारी क्षति पहुंचाई। भारत की सरकार ने एक बार फिर काल्पनिक दावे किए हैं।’

इसने कहा, ‘फोरम का मानना है कि भारत ने गैर जरूरी आक्रामकता अपनाई जिसका पाकिस्तान अपनी पसंद के स्थान और समय पर जवाब देगा।’ पाकिस्तानी सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि मंगलवार को तड़के भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एक अभियान में ‘चार बम’ गिराये हैं। पाक सेना ने इसे यह कह कर इसका महत्व कम करने की कोशिश की कि भारतीय हमले को नाकाम कर दिया गया और वापस जाते समय विमानों ने अपने बम गिरा दिये। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि वह अपने जवाब से भारत को ‘‘चौंका’’ देगा और यह राजनयिक, राजनीतिक और सैन्य सहित हर क्षेत्र में होगा।

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गफूर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना तथा लोगों से कहा है कि वे किसी भी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहें। अब समय आ गया है जब भारत हमारे जवाब का इंतजार करे।’ सूत्रों ने बताया कि भारत को खुफिया सूचना मिली थी कि जैश ए मोहम्मद ने अनेक प्रशिक्षु आतंकवादियों, उनके प्रशिक्षकों और इससे जुड़े अन्य लोगों को बालाकोट शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में भेज दिया है जहां 500 से 700 लोग ठहर सकते हैं। शिविर में एक स्विमिंग पूल भी है। उन्होंने कहा कि पूरे तालमेल के साथ चलाए गए अभियान में लड़ाकू और अन्य विमानों ने पश्चिमी और मध्य कमानों के तहत आने वाले विभिन्न वायुसैनिक अड्डों से लगभग एक ही समय पर उड़ान भरी जिससे पाकिस्तान रक्षा अधिकारी यह समझने में भ्रम के शिकार हो गए कि ये विमान कहां जा रहे हैं।

विमानों का एक समूह बेड़े से अलग होकर बालाकोट की ओर चला गया जहां सोते हुए आतंकवादी भारत की बमबारी का आसान निशाना बन गए। विदेश सचिव ने कहा कि आसन्न खतरे को देखते हुए ऐहतियाती हमला “नितांत आवश्यक” हो गया था। गोखले ने कहा, ‘इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए और जिहादियों के समूह नष्ट हो गए जिन्हें फिदायीन हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।’ उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि हमले में किसी आम नागरिक की जान न जाए।

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सूत्रों ने बताया कि शिविर में कम से कम 325 आतंकवादी और 25 से 27 प्रशिक्षक थे। गोखले ने बयान पढ़ते हुए कहा कि आम लोगों की मौजूदगी से काफी दूर बालाकोट में घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित आतंकी शिविर का संचालन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था। बयान में यह नहीं बताया गया कि हमले में यूसुफ अजहर मारा गया या नहीं। पाकिस्तानी सीमा में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई कार्रवाई के लिए सभी दलों ने सर्वदलीय बैठक में वायुसेना की तारीफ की।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने जहां अपनी प्रतिक्रियाओं में वायुसेना की तारीफ की वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने पुलवामा हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के लिये मोदी के निर्णायक नेतृत्व और राजनीतिक इच्छाशक्ति की तारीफ की। पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों ने भी कहा कि इस हवाईहमले से उन्हें कुछ शांति मिली है लेकिन आतंकवाद के खतरे को एक बार और हमेशा के लिये समाप्त करने की मांग की। शहीद सीआरपीएफ जवान नारायण लाल गुर्ज के रिश्तेदार महेश गुर्जर ने कहा, “हम भारत से पाकिस्तान के लिये कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद करते थे और आज यह हुआ। हमारी क्षति अपूरणीय है लेकिन जो किया गया है हम उससे संतुष्ट हैं।”

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हवाईहमले के बाद देश भर में उत्साहित लोग सड़कों पर आ गए और अपनी खुशी जाहिर की। हरियाणा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की विधानसभा में वायुसेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए प्रस्ताव पारित किये गए। गोखले ने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों सहित सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट करे।

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