बिहार में प्रवासियों के लिए रोजगार NDA की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए: चिराग पासवान

Chirag Paswan

लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन से पैदा हुए प्रवासी संकट को बिहार सरकार ‘‘और बेहतर ढंग से संभाल सकती थी’’ तथा कानून एवं व्यवस्था चिंता का विषय है।

पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को कहा कि देशभर से बिहार वापस आये प्रवासियों के लिए रोजगार राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। उनकी कुछ टिप्पणियां नीतीश कुमार नीत सरकार के प्रति आलोचनात्मक होने के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इरादों पर कभी संदेह नहीं किया, लेकिन कुछ ‘‘कमियां’’ हैं, जिन्हें उन्होंने एक ईमानदार सहयोगी के रूप में उजागर किया है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश जी जंगल राज के एक विकल्प के रूप में उभरे और ‘विकास पुरुष’ के रूप में जाने गए। लेकिन हां, कुछ कमियां रही हैं। मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं लेकिन एक ईमानदार सहयोगी के रूप में सुधार के लिए सुझाव दे रहा हूं।’’ पासवान ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए लागू किये गये देशव्यापी लॉकडाउन से पैदा हुए प्रवासी संकट को बिहार सरकार ‘‘और बेहतर ढंग से संभाल सकती थी’’ तथा कानून एवं व्यवस्था चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य में हत्या और लूट जैसे गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं। बिहार में जमुई लोकसभा सीट से सांसद पासवान ने सत्ता को बनाए रखने के मामले में राजग सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम का आह्वान किया। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवम्बर में प्रस्तावित है।

पासवान ने कहा कि रोजगार, विशेषकर अपने प्रवासियों के लिए, स्वास्थ्य और शिक्षा राजग के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस पार्टी वाले विपक्षी गठबंधन से भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के समक्ष कोई गंभीर चुनौती नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राजग राज्य विधानसभा की 243 सीटों में से 225 सीटों पर जीत दर्ज कर सकता है। कुमार जब 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने कहा था कि वह तीन महीने में सभी प्रवासियों को वापस लाने और उन्हें रोजगार देने का काम करेंगे। पासवान ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि जद (यू) के अध्यक्ष के लिए इतने वर्षों के बाद ‘‘अपने सपने को साकार करने के लिए’’ एक ‘‘सुनहरा अवसर’’ आया है। जब उनसे पूछा गया कि लोजपा राज्य विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने कहा कि भाजपा, जद (यू) और लोजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर होने वाली बातचीत में इस पर चर्चा की जायेगी। 

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पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2015 के चुनाव में 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह चाहेंगे कि यही स्थिति बनी रहे लेकिन सहयोगी दलों के बीच बातचीत पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। कुमार की पार्टी जद(यू) पिछले विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा थी। वर्ष 2017 में वह राजग में शामिल हो गई थी। पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में अपने संगठन को मजबूत किया और 119 सीटों पर विशेष रूप से गहनता से काम किया है, जिनका वर्तमान विधानसभा में न तो जद (यू) और न ही भाजपा द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से कोई बड़ी राजनीतिक सभा संभव नहीं होने के मद्देनजर उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में सोशल मीडिया की एक बड़ी भूमिका रहेगी।

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