कश्मीरी पंडित डायसपोरा ने RSS के गुमनाम मदद का किया उल्लेख, कहा- संघ की सहायता से जिंदा हैं कई कश्मीरी हिंदू

Kashmiri Pandit
अभिनय आकाश । Mar 24 2022 8:13PM

ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) के अनुसार नेशनल अवॉर्ड विनर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार का संक्षेप चित्रण किया गया है। जिसकी वजह से 1990 के दशक में घाटी से अपनी जिंदगी और बहन-बेटी की आबरू बचाने के लिए पलायन को मजबूर होना पड़ा।

बशीर भद्र का एक शेर है लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में... 30 बरस पहले बस्तियां ही नहीं दिल भी जला था। 19 जनवरी 1990 की वो कहानी जिसका गुस्सा आज भी लाखों कश्मीरी पंडितों के भीतर उबल रहा है। तीन दशक बाद द कश्मीर फाइल्स ने उन जख्मों को समेटा और पर्दे पर फिल्म के रूप में उतारा। लेकिन फिल्म में जो दिखाया गया है उसकी भयावहता वास्तविकता का 10 फीसद मात्र है। ऐसा कहना है ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायसपोरा के कोऑर्डिनेटर उत्पल कॉल का। ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) के अनुसार नेशनल अवॉर्ड विनर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार का संक्षेप चित्रण किया गया है। जिसकी वजह से 1990 के दशक में घाटी से अपनी जिंदगी और बहन-बेटी की आबरू बचाने के लिए पलायन को मजबूर होना पड़ा। यानी वास्तविकता इससे और भी भयावह रही होगी। कश्मीरी पंडितों की बेबसी को याद करते हुए जीकेपीडी के सदस्य ने कहा कि में अपनी जान और अपना सम्मान बचाने के लिए भागना पड़ा। हम जम्मू की सड़कों पर विस्थापित हो गए और हमें नहीं पता था कि क्या करना है।

इसे भी पढ़ें: कश्मीरी पंडित बाल ठाकरे को अपना आदर्श मानते हैं: शिवसेना सांसद

ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायसपोरा के कोऑर्डिनेटर उत्पल कॉल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म में जो दिखाया गया है वह सच है। फिल्म में जो दिखाया गया है वो सबकुछ  घाटी में घटित हुए अत्याचारों का केवल 10 प्रतिशत है इससे और भी बहुत कुछ है। कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार की कहानी बताने के लिए दुनिया भर में अभियानों में शामिल रहे संगठन जीकेपीडी के कोऑर्डिनेटर कौल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की बदौलत ही आज कई कश्मीरी जीवित हैं। आरएसएस ने हजारों लोगों को गीता भवन में आश्रय दिया था। 700 से ज्यादा जगहों पर काम कर रहे संघ ने हमें 1.5 करोड़ रुपये की मदद भेजी है।

इसे भी पढ़ें: श्रीनगर में सेना ने किया खेल स्पर्धा का आयोजन, बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्रों ने लिया हिस्सा

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा समुदाय के सदस्यों को घाटी छोड़ने के दौरान प्रदान की गई सहायता का उल्लेख किया। इसके साथ ही कौल ने जम्मू के आर्य समाज, डोगरा समाज और सिखों की सहायता का भी उल्लेख किया। कौल के मुताबिक, दिसंबर 1990 में जब पलायन शुरू हुआ था तब तत्कालीन सरकार कहीं नजर नहीं आ रही थी। 19 जनवरी को सामूहिक हत्याएं अपने चरम पर पहुंच गईं, जब अपमानजनक नारे लग रहे थे, जिसे याद कर आज भी रूंह कांप जाती है। यह सब पहली बार हो रहा था।

इसे भी पढ़ें: होटल ने कश्मीरी शख्स को रूम देने से किया मना, वायरल वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने दी ये प्रतिक्रिया

विवेक-अग्निहोत्री निर्देशित 'कश्मीर फाइल्स' जो 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसमें अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य शामिल थे। यह 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के इर्द-गिर्द घूमती है। देश के कई राज्यों में कर मुक्त कर दी गई यह फिल्म भाजपा और विपक्षी दलों के बीच हुई घटनाओं के चित्रण को लेकर विवादों में भी है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़