कश्मीर में अलगाववादियों की हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित

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अधिकारियों ने बताया कि शहर में कहीं भी कोई पाबंदी नहीं है लेकिन कानून एवं व्यवस्था कायम रखने के लिए एहतियाती तौर पर कई स्थानों पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में मुठभेड़ स्थल पर विस्फोट होने से सात नागरिकों की मौत को लेकर अलगाववादियों ने हड़ताल बुलाई जिसके कारण सोमवार को कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दुकानें, निजी कार्यालय, पेट्रोल पम्प और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। उन्होंने बताया कि सड़कों से सरकारी परिवहन के वाहन नदारद रहे जबकि शहर के कुछ इलाकों में निजी कारें दौड़ रही हैं।

उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण सरकारी कार्यालय और बैंकों में उपस्थिति कम रही। अधिकारियों ने बताया कि शहर में कहीं भी कोई पाबंदी नहीं है लेकिन कानून एवं व्यवस्था कायम रखने के लिए एहतियाती तौर पर कई स्थानों पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी हड़ताल की खबरें आ रही हैं।

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क्यों बुलाया गया है हड़ताल

दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के लारलू इलाके में मुठभेड़ स्थल पर हुए विस्फोट में कई नागरिकों के मारे जाने पर अलगाववादियों ने सोमवार को बंद बुलाया। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने रविवार को हड़ताल आहूत की थी। मुठभेड़ में रविवार को तीन आतंकवादी ढेर हो गए थे जबकि मुठभेड़ खत्म होने के बाद हुए विस्फोट में सात नागरिक मारे गए थे।

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कौन-कौन कर रहा समर्थन

कश्मीरी पंडित संगठन कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति और ऑल कश्मीर ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स एसोसिएशन ने अलगाववादियों की हड़ताल को समर्थन दिया है। इस बीच, जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड और इस्लामिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सोमवार को होने वाली परीक्षाएं टाल दी है।

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