लॉकडाउन है पूरी तरह अस्तव्यस्त, भारत बेहतर कदम का है हकदार: प्रशांत किशोर

Prashant Kishore

अपने ट्वीटों में किशोर लॉकडाउन के चलते प्रवासियों के सामने आ रही कठिनाइयों को सामने रख रहे है और उनकी दुर्दशा से निपटने में लगे अधिकारियों की (उनके तौर तरीकों को लेकर) आलोचना की।

नयी दिल्ली। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कोरोना वायरस महामारी के प्रति सरकार की कार्रवाई की शनिवार को आलोचना की और आरोप लगाया कि लॉकडाउन ‘बिल्कुल अस्तव्यस्त’रहा है तथा जरूरतमंद लोगों के लिए उपचार एवं देखभाल की सुविधाएं नदारद हैं। जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व नेता ने ट्वीट किया, ‘‘ हमारी उम्मीदों के अनुसार कटु सच्चाई यह है कि कोविड के प्रति भारत की जवाबी कार्रवाई बस एक अस्तव्यस्त लॉकडाउन पर निर्भर रहने से बेहतर होना चाहिए। फिलहाल प्रति 10 लाख लोगों में दस से भी कम कोविड परीक्षण हो रहे हैं। जिन लोगों को जरूरत है उनके लिए कोविड उपचार और देखभाल सुविधाएं नहीं के बराबर हैं। भारत बेहतर का हकदार है।’’ अपने ट्वीटों में किशोर लॉकडाउन के चलते प्रवासियों के सामने आ रही कठिनाइयों को सामने रख रहे है और उनकी दुर्दशा से निपटने में लगे अधिकारियों की (उनके तौर तरीकों को लेकर) आलोचना की। संशोधित नागरिकता कानून, एनपीआर , और एनआरसी को लेकर भाजपा और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की निरंतर आलोचना करने के चलते किशोर को जदयू से निकाल दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किये के बाद किशोर ने इसे थोड़ा लंबा बताया था और सरकार की आलोचना की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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