राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

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उत्तर प्रदेश की विधान सभा में राज्‍यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर मंगलवार कोचर्चा हुई। इस दौरान विपक्षी दलों ने राज्‍य सरकार पर निशाना साधा जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने अभिभाषण का समर्थन करते हुए सरकार के कार्यों की सराहना की।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधान सभा में राज्‍यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर मंगलवार को चर्चा हुई। इस दौरान विपक्षी दलों ने राज्‍य सरकार पर निशाना साधा जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने अभिभाषण का समर्थन करते हुए सरकार के कार्यों की सराहना की। विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है और सवाल किया है कि डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के साथ किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी।

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चौधरी ने कहा, सरकार पूंजीपतियों के हाथ में खेल रही है, किसानों के साथ अत्‍याचार किया जा रहा है, अगर किसान कृषि कानून नहीं चाहते हैं तो इस कानून को वापस लिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने 18 फरवरी को विधान मंडल के दोनों सदनों को संयुक्‍त रूप से संबोधित करते हुए अभिभाषण पढ़ा था। राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष चौधरी ने मांग की कि किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले उत्तर प्रदेश के दो किसानों रामपुर के नवनीत सिंह और कश्‍मीर सिंह को सरकार शहीद का दर्जा दे और उनके परिवारों की आर्थिक मदद करे।

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उच्चतम न्यायालय की टिप्‍पणी की याद दिलाते हुए चौधरी ने कहा, उत्तर प्रदेश में जंगल राज है और कानून व्‍यवस्‍था लचर हो गई है। राज्‍य में 80 प्रतिशत फर्जी पुलिस मुठभेड़ हो रही है और मुख्‍यमंत्री की ठोको नीति का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त हो गई है। राज्‍यपाल के अभिभाषण को ढपोरशंखी और झुनझुना बताते हुए उन्‍होंने कहा, राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान विपक्षी दलों से परामर्श नहीं किया और यह जानने की कोशिश नहीं की कि भोजन, पानी और दवाओं के अभाव में घर लौटते समय कितने प्रवासियों की मृत्यु हुई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने राज्‍यपाल के अभिभाषण को लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से तैयार किया गया दस्‍तावेज बताया।

धान खरीद में सरकार पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के दबाव के चलते सरकार को धान खरीदना पड़ा। किसानों पर ज्‍यादती का आरोप लगाते हुए उन्‍होंने कहा कि जिस दिन नया कृषि कानून लागू हो जाएगा उस दिन से न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर किसानों के उत्‍पाद की खरीद बंद हो जाएगी। कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा, राज्‍यपाल का अभिभाषण सरकार का प्रतिबिंब होता है और यह सरकार की इच्‍छाशक्ति और संवेदनशीलता को दर्शाता है लेकिन अभिभाषण में बहुत बोलने के लिए कुछ नहीं है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट की घड़ी में सभी दलों ने सरकार का साथ दिया लेकिन कोरोना इस देश में आया नहीं, उसे लाया गया। मिश्रा ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को फरवरी में आगा‍ह किया लेकिन हवाई सेवा बंद नहीं की गई और नमस्‍ते ट्रंप में पांच हजार लोग विदेश से आये। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जहां-जहां ट्रंप का स्‍वागत किया गया वहां-वहां कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा। उन्‍होंन कहा कि आजाद भारत के गत 47 वर्ष में देशबेरोजगारी के सबसे गंभीर संकट से गुजर रहा है।

महिला अपराधों में वृद्धि के साथ उन्‍होंने सरकार को कानून व्‍यवस्‍था के मोर्चा पर असफल बताया। अपना दल (सोनेलाल) की लीना तिवारी ने अभिभाषण का समर्थन करते हुए कहा कि रोजगार प्रोत्‍साहन में सरकार के कार्यों से युवाओं को नई राह मिली है। उन्होंने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली भाजपा गठबंधन की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुख्‍यमंत्री ने उत्‍कृष्‍ट कदम उठाये हैं। भाजपा की अनुपमा जायसवाल ने अभिभाषण का समर्थन करते हुए राज्‍य सरकार के कार्यों की सराहना की।

विधानसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने अभिभाषण पर बोलते हुए भोजपुरी में तंज किया, खाता न बही, बीजेपी जवन कहे उहे सही (खाता न बही, भाजपा जो कहे वही सही)। राजभर नेस्‍नातकोत्तर तक निशुल्‍क शिक्षा की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पिछड़ों के हितों के मद में सरकार लगातार बजट कम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि छात्रवृत्ति के मद में पहले 1610 करोड़ का बजट था जिसे घटाकर 12 सौ करोड़ का कर दिया गया। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ सरकार के विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

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