राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का विपक्ष का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण: संसदीय कार्य मंत्री

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प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं ने कहा कि विपक्षी दलों ने अभिभाषण का बहिष्कार करने को लेकर जो मुद्दे बताये हैं, उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं और विपक्ष के तौर पर भाजपा ने कभी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया।

नयी दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों द्वारा संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के फैसले को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की। प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं ने कहा कि विपक्षी दलों ने अभिभाषण का बहिष्कार करने को लेकर जो मुद्दे बताये हैं, उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं और विपक्ष के तौर पर भाजपा ने कभी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया। उन्होंने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने संबंधी फैसले पर पुनर्विचार करने का विपक्ष से आग्रह किया। कांग्रेस, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए शुक्रवार को संसद में होने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह जानकारी दी। 

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उल्लेखनीय है कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के पारंपरिक संबोधन के साथ शुक्रवार को बजट सत्र शुरू होगा। आजाद ने कहा कि 16 विपक्षी दलों ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में केंद्र की भूमिका की स्वतंत्र जांच की मांग भी की है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ नेराष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला संयुक्त रूप से किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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