मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले, न्याय व्यवस्था में वादी का हित सर्वोपरि है

Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जो लोग धन के अभाव में न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए विद्वान अधिवक्ता कार्ययोजना बनाएं और सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें तो हमें खुशी होगी। हम उसे गंभीरता से लागू करेंगे जिससे प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके।”

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि न्यायपालिका की भूमिका की बात करें तो वादी का हित हमारे लिए सर्वोपरि है क्योंकि न्याय मांगने वाला व्यक्ति, समाज के अंतिम पायदान का व्यक्ति है। यहां केपी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित प्रदेश अधिवक्ता समागम-2020 में प्रदेश भर से आए वकीलों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “जो लोग धन के अभाव में न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए विद्वान अधिवक्ता कार्ययोजना बनाएं और सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें तो हमें खुशी होगी। हम उसे गंभीरता से लागू करेंगे जिससे प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके।” 

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उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए सरकारी कोष और सीएसआर कोष से आवासीय भवनों के लिए 150 करोड़ रुपये और गैर आवासीय भवनों के लिए 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश में अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के तहत तीन वर्षों में 1474 अधिवक्ताओं को कल्याण निधि से भुगतान किया गया। कोरोना से लड़ाई में उत्तर प्रदेश के बारे में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रबंधन में सबसे अच्छा परिणाम पूरे देश में दिया है। आज से दो माह पहले प्रदेश में कोरोना के 68,000 सक्रिय मामले थे जिनकी संख्या आज घटकर 18,000 से कम रह गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे अधिक जांच करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। मौत के मामले में यदि दिल्ली से तुलना करें तो 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से कुल मौत 8,000 है। वहीं दिल्ली की आबादी पौने दो करोड़ है, जबकि कोविड से वहां 10,000 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका उालब्ध होने पर प्रत्येक व्यक्ति तक उसे पहुंचाने के लिए राज्य सरकार व्यवस्थित तैयारी कर चुकी है। यह केवल एक आपदा के खिलाफ लड़ाई नहीं है, बल्कि इसने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है। इस समागम में अधिवक्ताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने विकास प्राधिकरणों को कहा है कि जिन जगहों पर भू माफियाओं का कब्जा है, उन्हें खाली कराके वहां अधिवक्ताओं, पत्रकारों, शिक्षकों के लिए नो प्रॉफिट, नो लॉस पर आवासीय सुविधाएं विकसित करें। 

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कार्यक्रम में प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “कोविड-19 प्रबंधन के साथ सुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोई ले सकता है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस कोविड-19 के दौरान हमें 53,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।” उन्होंने कहा कि हाल ही में सैमसंग कंपनी चीन स्थित अपनी तीन फैक्ट्रियां बंद कर नोएडा में उन्हें स्थापित करने जा रही है जिससे 5,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। वहीं मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का जल्द ही शिलान्यास होने वाला है। इसके अलावा, मेरठ में हवाईअड्डा तैयार होने पर वहां से प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा शुरू करने की तैयारी है। कार्यक्रम के दौरान राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को अधिवक्ताओं की विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी और बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए।

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