लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में साथ नजर आए पीएम मोदी और सोनिया, कई और नेता भी रहे मौजूद
आपको बता दें कि आज ही लोकसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। आज भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर वार पलटवार हुआ।
लोकसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध लगातार जारी रहा। पेगासस मामले की जांच और केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा। इन सब के बीच सरकार ने कई बिल को पास कराने में कामयाबी हासिल की। हालांकि विपक्ष का आरोप रहा कि सरकार बिना चर्चा के ही बिल पास कराई जा रही है। आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ एक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी एक साथ नजर आए।
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद रहे। इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, द्रमुक के टी आर बालू, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, वाईएसआरसीपी के मिथुन रेड्डी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा और जदयू के राजीव रंजन सिंह लल्लन, बसपा के रितेश पांडेय और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव समेत अनेक विपक्षी दलों के नेता भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने पहुंचे। आपको बता दें कि आज ही लोकसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। आज भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर वार पलटवार हुआ।Delhi: PM Narendra Modi, HM Amit Shah, Congress interim chief Sonia Gandhi, Leader of Congress in Lok Sabha Adhir Ranjan Chowdhury & other MPs including those from TMC, Shiromani Akali Dal, YSRCP, BJD and others met Lok Sabha Speaker Om Birla today.
— ANI (@ANI) August 11, 2021
Lok Sabha adjourned sine die. pic.twitter.com/d2g6wi6Nel
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पेगासस जासूसी मामला, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण पूरे सत्र में सदन में कामकाज बाधित रहा और सिर्फ 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन हुआ। मॉनसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही सुचारू तरीके से नहीं चलने पर दु:ख प्रकट करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने आज संवाददाताओं से कहा कि सदन की कार्यवाही सहमति एवं सामूहिक जिम्मेदारी के साथ चलनी चाहिए लेकिन आसन के समीप आकर सदस्यों का तख्तियां लहराना और नारे लगाना परंपराओं के अनुरूप नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सहमति-असहमति लोकतंत्र की विशेषता है। कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाती है, गतिरोध बना रहता है। उन्होंने कहा कि हमने इस दिशा में संवाद के जरिये कोशिश की है और भविष्य में और कोशिश करेंगे।
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