समान वेतन मांग को लेकर बंगाल विधानसभा के बाहर पारा शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में वेतन समानता की मांग को लेकर पारा शिक्षकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।गौरतलब है कि विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘शिक्षक ओईक्यो मुक्त मंच’ के करीब 50 सदस्यों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है।
कोलकाता। पारा शिक्षकों के महिला सदस्यों के एक संगठन ने स्कूलों के स्थायी शिक्षकों के समान वेतन देने की मांग को लेकर बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। महिला पुलिस की एक टीम ने विधानसभा पहुंच कर प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षिकाओं (अनुबंधित शिक्षिकाओं)को वहां से हटाया। गौरतलब है कि विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘शिक्षक ओईक्यो मुक्त मंच’ के करीब 50 सदस्यों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है।
#WATCH | Kolkata: Association of teachers forum including part-time teachers stage protest outside West Bengal Assembly demanding equal salary as that of permanent teachers.
— ANI (@ANI) January 27, 2021
Some protestors are being detained. pic.twitter.com/HaWpOB1CLx
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अधिकारी ने कहा, ‘‘50 से ज्यादा पारा शिक्षिकाओं को विधानसभा परिसर से हटाया गया है। इस दौरान उनमें से एक बीमार हो गई। हम पता लगा रहे हैं कि पुलिस तैनात होने के बावजूद वे सभी विधानसभा परिसर का दरवाजा फांद कर अंदर कैसे पहुंची।’’ उन्होंने कहा, ‘हम पता कर रहे हैं कि सुरक्षा में कोई लापरवाही तो नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा कि मौके पर शहर पुलिस के त्वरित कार्रवाई बल का दस्ता तैनात किया गया है। प्रदर्शन कर रही शिक्षिकाओं में से एक गीता विश्वास ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम स्थायी शिक्षकों की तरह समान कार्य के लिए समान वेतन और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की मांग कर रहे हैं। हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहते हैं। यह आत्मसम्मान की लड़ाई है।’’
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राज्य शिक्षा विभाग ने पारा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की है और प्राथमिक शिक्षकों को अब 5,954 रुपये के स्थान पर 10,000 रुपये प्रतिमाह, जबकि उच्चतर माध्यमिक के शिक्षकों को 8,500 रुपये के स्थान पर 13,000 रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त हो रहा है। घटना के बारे में सवाल करने पर राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘‘विधानसभा किसी पार्टी का नहीं है। इसके अलावा, अपना विरोध जताने और अपनी बात रखने के लिए जगहें हैं। संसदीय लोकतंत्र में कोई भी प्रदर्शन कर सकता है, लेकिन विधानसभा परिसर में नहीं।’’ मंत्री फिरहाद हाकीम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दे खड़े करने के लिए पारा शिक्षकों का इस्तेमाल कर रही है। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि पारा शिक्षकों की समस्याओं को सरकार को मानवीय तरीके से सुलझाना चाहिए था।
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