- |
- |
समान वेतन मांग को लेकर बंगाल विधानसभा के बाहर पारा शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 27, 2021 17:42
- Like

पश्चिम बंगाल में वेतन समानता की मांग को लेकर पारा शिक्षकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।गौरतलब है कि विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘शिक्षक ओईक्यो मुक्त मंच’ के करीब 50 सदस्यों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है।
कोलकाता। पारा शिक्षकों के महिला सदस्यों के एक संगठन ने स्कूलों के स्थायी शिक्षकों के समान वेतन देने की मांग को लेकर बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। महिला पुलिस की एक टीम ने विधानसभा पहुंच कर प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षिकाओं (अनुबंधित शिक्षिकाओं)को वहां से हटाया। गौरतलब है कि विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘शिक्षक ओईक्यो मुक्त मंच’ के करीब 50 सदस्यों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू है।
#WATCH | Kolkata: Association of teachers forum including part-time teachers stage protest outside West Bengal Assembly demanding equal salary as that of permanent teachers.
— ANI (@ANI) January 27, 2021
Some protestors are being detained. pic.twitter.com/HaWpOB1CLx
इसे भी पढ़ें: महबूबा ने पीडीपी नेता पारा की हिरासत पर कहा, केंद्र कश्मीरी नेताओं का दमन कर रहा
अधिकारी ने कहा, ‘‘50 से ज्यादा पारा शिक्षिकाओं को विधानसभा परिसर से हटाया गया है। इस दौरान उनमें से एक बीमार हो गई। हम पता लगा रहे हैं कि पुलिस तैनात होने के बावजूद वे सभी विधानसभा परिसर का दरवाजा फांद कर अंदर कैसे पहुंची।’’ उन्होंने कहा, ‘हम पता कर रहे हैं कि सुरक्षा में कोई लापरवाही तो नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा कि मौके पर शहर पुलिस के त्वरित कार्रवाई बल का दस्ता तैनात किया गया है। प्रदर्शन कर रही शिक्षिकाओं में से एक गीता विश्वास ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम स्थायी शिक्षकों की तरह समान कार्य के लिए समान वेतन और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की मांग कर रहे हैं। हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहते हैं। यह आत्मसम्मान की लड़ाई है।’’
इसे भी पढ़ें: आईटीओ पर यातायात बुरी तरह प्रभावित, बंद हुए यह सभी मार्ग
राज्य शिक्षा विभाग ने पारा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की है और प्राथमिक शिक्षकों को अब 5,954 रुपये के स्थान पर 10,000 रुपये प्रतिमाह, जबकि उच्चतर माध्यमिक के शिक्षकों को 8,500 रुपये के स्थान पर 13,000 रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त हो रहा है। घटना के बारे में सवाल करने पर राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘‘विधानसभा किसी पार्टी का नहीं है। इसके अलावा, अपना विरोध जताने और अपनी बात रखने के लिए जगहें हैं। संसदीय लोकतंत्र में कोई भी प्रदर्शन कर सकता है, लेकिन विधानसभा परिसर में नहीं।’’ मंत्री फिरहाद हाकीम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दे खड़े करने के लिए पारा शिक्षकों का इस्तेमाल कर रही है। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि पारा शिक्षकों की समस्याओं को सरकार को मानवीय तरीके से सुलझाना चाहिए था।
स्वास्थ्य रक्षा हेतु शीविंग्स की नई पहल, मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 10:53
- Like

ग्रेटर नोएडा के तापस हॉल, क्राउन प्लाजा में सात मार्च के दिन दोपहर 1:30 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
लॉकडाउन के दौरान 30 हजार सेनेटरी पैड्स का वितरण करने और उत्तर भारत के कई विद्यालयों और गॉंव में सैनिटरी पैड्स मुहैया कराने का सराहनीय कार्य के बाद मानवीय मूल्यों के निर्वहन और नारी समाज के हज़ारों-लाखों महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु शीविंग्स की ओर से महिलाओं को जागरूक करने और नवंबर के महीने में ही शुरू हुए नए कैंपेन के तहत अब तक लगभग 30-35 हज़ार जोड़ी अंडरगारमेंट्स इकट्ठे किए हैं, जिसे वंचित महिलाओं को दान किया जा रहा है। इसी पहल के तहत अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह मनाया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा के तापस हॉल, क्राउन प्लाजा में सात मार्च के दिन दोपहर 1:30 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इसके अलावा एनसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा,एनसीडब्ल्यू की सदस्य राजुलबेन देसाई, अभिषेक सिंह और पूर्व मिस रुमानिया इस पहल का समर्थन करने शिरकत कर रही हैं। शीविंग्स ने महिला स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली में राजस्थान की अलवर पुलिस की एसपी तेजस्विनी गौतम के साथ मिलकर सक्रिय रूप से काम किया है। ऐसे स्थान जहां शिविर लग रहे हैं: स्लम एरिया / गांव दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश।
इसे भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री स्व-सहायता समूहों को बांटेंगे 200 करोड़ के ऋण
लड़कियों और महिलाओं के लिए कैंप आयोजित करने में शीविंग्स का अच्छा-खासा अनुभव है। ऑर्गनाइज़ेशन ने 7 गांवों और सरकारी स्कूलों को अपनाया है जहां नियमित रूप से कई कैंप और वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है। शीविंग्स की स्वयंसेवी टीम को हमेशा एक स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा सहायता प्रदान की जाती है जो मासिक धर्म के स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन के विषय में गहराई से जानकारी प्रदान करती है। आयोजित वर्कशॉप में इंटरैक्टिव सेशन होते हैं। टीम का ये प्रयास रहता है कि सभी प्रश्नों और आशंकाओं का कुशलता से उत्तर दिया जाए। कार्यशाला और सत्र समाप्त होने के बाद, टीम के द्वारा लड़कियों और महिलाओं को सैनिटरी पैड्स वितरित किये जाते हैं। इसके साथ ही उन्हें इन उत्पादों के महत्व का एहसास भी कराया जाता है। शीविंग्स द्वारा वितरित सैनिटरी पैड्स प्लास्टिक-मुक्त, पर्यावरण के अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल हैं। इन सैनिटरी पैड्स की एक विशेष गुणवत्ता यह है कि वे उसमें एक रेड डॉट होते हैं। इससे पहले भी इस फाउंडेशन द्वारा उत्तर भारत के कई विद्यालयों और गॉंव में सैनिटरी पैड्स मुहैया कराने का सराहनीय कार्य किया गया है। शीविंग्स द्वारा लॉकडाउन के दौरान 30 हजार सेनेटरी नैपकिन्स का वितरण किया गया है।
राकेश टिकैत बोले, कृषि कानून वापस नहीं लिए जाने तक जारी रहेगा आंदोलन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 10:42
- Like

राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने इस मौके पर टैक्टर रैली को रवाना किया।
मुजफ्फरनगर। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक तीन नए कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के सौ दिन पूरे होने के मौके पर यहां रामराज कस्बे में आयोजित कार्यक्रम में टिकैत ने यह कहा। टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से वापस लिए जाएं और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने इस मौके पर टैक्टर रैली को रवाना किया।
इसे भी पढ़ें: छात्रा के सवालों का जवाब नहीं दे पाए राकेश टिकैत, फिर बंद कराया गया माइक
उन्होंने बताया कि यह रैली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों में जाएगी और 27 मार्च को गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचेगी। इस बीच, मुजफ्फरनगर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के कारण यदि एक भी किसान की जमीन ली गई तो मैं संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा। ये कानून किसानों की इच्छा के मुताबिक ही लागू किए गए हैं।’’ उल्लेखनीय है कि नवंबर माह के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
नितिन गडकरी, संघ प्रमुख ने लगवाई कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 10:21
- Like

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और नितिन गडकरी ने नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लगवाई।
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को यहां कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लगवाई। भागवत और संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में टीके की पहली खुराक लगवाई। आज दिन में गडकरी और उनकी पत्नी ने भी इंस्टीट्यूट में टीके की पहली खुराक लगवाई थी।
आज सपत्नी नागपुर के एम्स में जाकर कोरोना वैक्सीन की पहला डोज लगवाई। यह सुरक्षित है, आप भी आगे आइये कोरोना वैक्सीन लगवाइये और देश को कोरोना से बचाने में अपना योगदान दीजिए। pic.twitter.com/jdhU1urBGJ
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 6, 2021

