राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- देश में नहीं है कोई लोकतंत्र
कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में अनुबंध की खेती को लेकर कई किसानों ने खुद को भारी नुकसान होने की शिकायत की है और उनका यह भी कहना है कि हस्ताक्षर या मुहर के बिना ही अनुबंध किए गए।
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है, देश में यह हकीकत में नहीं, केवल कल्पना में है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री अक्षम व्यक्ति हैं जो तीन-चार लोगों की तरफ से इस व्यवस्था को चला रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ पर हमला किया जा रहा है और यही वजह है कि कांग्रेस विरोध में खड़ी है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘करोड़ों लोग हैं जो कृषि से जुड़े हुए हैं और यही लोग देश की रीढ़ हैं। हम मानते हैं कि कृषि क्षेत्र में सुधार होना चाहिए। लेकिन अगर कृषि को तबाह कर दिया जाएगा तो करोड़ों लोगों को बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ेगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं और इससे मजदूरों और किसानों का बहुत नुकसान होने जा रहा है तथा किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि ये मजदूर और किसान वापस चले जाएंगे। जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक ये किसान पीछे नहीं हटेंगे।’’#WATCH | You have an incompetent man who does not understand anything & running a system on the behalf of 3 or 4 other people who understand everything: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/Ct3f7zTtjc
— ANI (@ANI) December 24, 2020
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उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त सत्र बुलाइए और कानूनों को वापस लीजिए।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री ने कानून वापस नहीं लिए तो सिर्फ भाजपा और आरएसएस को नहीं, बल्कि देश को नुकसान होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया है। इससे पहले राहुल गांधी ने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत के किसान त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’’ कांग्रेस नेता ने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में अनुबंध की खेती को लेकर कई किसानों ने खुद को भारी नुकसान होने की शिकायत की है और उनका यह भी कहना है कि हस्ताक्षर या मुहर के बिना ही अनुबंध किए गए।
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