कभी होम वर्क की कमी तो कभी फिसली जुबान, राहुल गांधी के वो 10 बयान, जिसके चलते सबके सामने आया अल्पज्ञान

Rahul Gandhi Birthday
अभिनय आकाश । Jun 19 2021 2:55PM

राहुल गांधी के जन्मदिन पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों के जरिये विरोधियों के निशाने पर आ जाते हैं और तो और चौकीदार चोर है वाले बयान को लेकर अवमानना भी झेलनी पड़ी और माफी भी मांगनी पड़ी।

दिल्ली का होली फैमिली हॉस्पिटल जब 19 जून यानी आज ही के दिन साल 1970 में राजीव गांधी और सोनिया गांधी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, नाम रखा गया राहुल। इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है जिसकी जिक्र कभी पत्रकार शेखर गुप्ता को दिए साक्षात्कार में जाने माने उद्योगपति और गांधी परिवार के करीबी राहुल बजाज ने की थी। उन्होंने कहा था कि जब उनकी माँ ने नेहरूजी से अपने बेटे के लिए नाम सुझाने को कहा तो नेहरू ने अपने मन में अपने नाती के लिए सोचकर रखा गया नाम ही प्रस्तावित किया, राहुल। बाद में इंदिरा ने उनकी मां को उलाहना दिया कि उन्होंने उनके बेटे का नाम चुरा लिया! इसकी भरपाई इस तरह की गई कि राहुल बजाज ने अपने बेटे का नाम राजीव रखा और राजीव गांधी और सोनिया गाँधी के बेटे का नाम राहुल रखा गया। राहुल गांधी आज 51 साल के हो गए हैं। राहुल के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में कांग्रेस पार्टी मना रही है।

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राहुल गांधी के जन्मदिन पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। राहुल गांधी में कांग्रेस ही नहीं आम भारतीय अब भी राजीव गांधी की झलक ढूंढते हैं। राजीव गांधी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी। राजीव प्रधान मंत्री बने क्योंकि 34 साल की उम्र में छोटे भाई संजय गांधी की जून 1980 में और 1984 में माता इंदिरा गांधी की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में अगर कहा जाए कि मनमोहन सिंह के बजाय राजीव गांधी पहले एक्सिडेंटल प्राइममिनीस्टर थे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। राहुल ने मई 1991 में गांधी परिवार के साथ हुए दुखद घटना के बाद से सोनिया गांधी ने परिवार के राजनीतिक जागीर की कमान संभाली। वहीं 2004 में अमेठी की पारंपरिक सीट से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले राहुल गांधी शुरु से ही राजनीति के प्रति उदासीन रहे हैं। राहुल गांधी को लेकर भी राजनीति के प्रति विशेष रूचि नहीं रखने को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसके अलावा बार-बार छुट्टी मनाने के लिए विदेश यात्रा को लेकर भी उन पर विरोधियों द्वारा निशाना साधा जाता रहा है। राजीव गांधी के कई बयान हैं जो वर्तमान दौर में भी कांग्रेस पार्टी का पीछा नहीं छोड़ती है। इंदिरा गांधी की मौत के बाद बोट क्लब की रैली में कहा, 'गुस्से में उठाया गया कोई भी कदम देश के लिए घातक होता है। कई बार गुस्से में हम जाने-अनजाने ऐसे ही लोगों की मदद करते हैं जो देश को बांटना चाहते हैं'। लेकिन इसके बाद उन्होंने जो कहा वो चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध है, कितना ग़ुस्सा है और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। या फिर नवग्रह मैदान में 21 मिनट का भाषण दिया था, जिसमें कहा था कि 'दिल्ली से एक रुपया गांव के लिए भेजा जाता है तो गांव तक सिर्फ 10 पैसे ही पहुंचते हैं। 90 पैसे का भ्रष्टाचार हो जाता है। राहुल गांधी भी अक्सर अपने बयानों के जरिये विरोधियों के निशाने पर आ जाते हैं और तो और चौकीदार चोर है वाले बयान को लेकर अवमानना भी झेलनी पड़ी और माफी भी मांगनी पड़ी। ऐसे में आज आपको राहुल के ऐसे 10 बयानों के बारे में बताते हैं जिसकी वजह से उन्हें कई बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और विरोधियों द्वारा उपहास का पात्र भी बनना पड़ा। 

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फरवरी, 2009: अहमदाबाद के भिकाका हॉल में पेशेवरों के साथ बातचीत करते हुए राहुल ने कहा कि “गुजरात यूनाइटेड किंगडम से बड़ा है और अगर यूरोप और यूएस को साथ रख दें तो भारत उससे भी बड़ा है।

सितंबर 2010: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की अपनी 3 दिवसीय यात्रा समाप्त करते हुए कहा कि राजनीति सभी जगह है, ये आपकी शर्ट, आपकी पैंट हर जगह है। 

जनवरी 2013: वाइस प्रेसिडेंट रहते हुए राहुल गांधी ने कहा था- बदलाव की बात आपने कही, नियम और कानून की बात मैं आपसे कहना चाहता हूं। कांग्रेस पार्टी एक ऐसा संगठन है, दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है मगर इसमें नियम और कानून नहीं चलते हैं। एक भी नियम और कानून इस पार्टी में नहीं हैं। हम हर दो मिनट नए नियम बनाते हैं, पुराने नियम को दबा देते हैं। और यहां शायद किसी को नहीं मालूम कि कांग्रेस पार्टी के नियम क्या हैं? मजेदार संगठन है मैं पूछता हूं कभी-कभी खुद से कि ये चलता कैसे है?

जनवरी, 2013: राहुल गांधी खुद भी नहीं समझ पाए होंगे कि वो सुबह की बात कर रहे हैं या रात की। दरअसल, जब राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाया गया को उन्होंने अपने भाषण में कहा- आज सुबह जब मैं रात को सोकर उठा।

अक्टूबर, 2013: जिन लोगों ने 3 इडियट्स मूवी देखी है, उन्हें फिल्म का एक सीन बहुत अच्छे से याद होगा जब एक महत्वपूर्ण कैरेक्टर चतुर स्पीच देते हुए चमत्कार को बलात्कार पढ़ता है और एक बार नहीं बार-बार पढ़ता है। ठीक ऐसा ही कुछ एक बार राहुल गांधी के साथ भी हो चुका है। मध्यप्रदेश में महिलाओं की रैली को संबोधित करते समय वहां के लोगों से पूछा- आपको क्या लगता है, महिलाओँ को क्या लगता है? इज्जत की आपकी? भ्रष्टाचार किया....बलात्कार सॉरी बलात्कार किया।

नवंबर, 2015: बेंगलुरु में यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने छात्रों से पूछा मेक इन इंडिया काम नहीं कर रहा है, क्या ये काम कर रहा है? जिसके जवाब में स्टूडेंट्स ने हां कहा। इसके बाद राहुल ने स्वच्छ भारत के बारे में पूछा। तो उन्हें हां में ही जवाब मिला। 

मार्च, 2016: एक मौके पर लोकसभा में भाषण के दौरान न्‍होंने लोकसभा में स्‍पीकर की कुर्सी पर बैठे सभापति पी वेणुगोपाल को स्‍पीकर मैडम कह दिया। राहुल ने कहा- स्पीकर मैडम...पीछे से कहा जाता है चेयरमैन तो राहुल सॉरी कहने लग जाते हैं। 

मार्च 2016: राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यहां खड़े होते हैं और कहते हैं नरेगा जैसी बेकार योजना मैंने कभी नहीं देखी। फिर उन्हें अपनी भूल का अहसास होता है तो उसे सुधारते हुए कहते हैं मनरेगा। 

जनवरी, 2016: मुंबई के नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज का है। वहां राहुल गांधी छात्रों की एक सेमिनार में भाग ले रहे थे। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कहा, "एक दिन इस देश की बागडोर आपके हाथों में होगी आप माइक्रोसॉफ्ट के स्टीव जॉब्स तथा फेसबुक के अधिकारियों की तरह इसे संभालेंगे।" देखने और सुनने में यह बयान बिल्कुल साधारण और सही लगता है परन्तु सबसे बड़ी बात, स्टीव जॉब्स माइक्रोसॉफ्ट के नहीं वरन उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी कंपनी ऐप्पल के सीईओ है और यहीं पर उन्होंने गलती कर दी थी।

इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल ने एक बड़ा बयान दिया था- गरीबी सिर्फ मानसिक स्थिति है। इसका खाना खाने रुपए और भौतिक चीजों से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शख्स कॉन्फिडेंस लाता है तो गरीबी से उबर सकता है। 

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