राहुल ने BJP-RSS को बताया महिला विरोधी, कहा- संगठन में नहीं देते जिम्मेदारी

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[email protected] । Oct 25 2018 3:22PM

कांग्रेस पार्टी तथा भाजपा-आरएसएस में अंतर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़ा फर्क तो ‘धर्म निरपेक्षता’ का जरूर है लेकिन सबसे बड़ा अंतर पुरष समाज में महिला की जगह को लेकर है।

कोटा। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 'महिला विरोधी' करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना चाहते हैं। राहुल के अनुसार, वे चाहते हैं कि आने वाले पांच सात साल में पार्टी के मुख्यमंत्रियों में से आधी महिलाएं हों। दो दिन के चुनावी दौरे पर आये राहुल यहां महिला कांग्रेस के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस तो चाहते ही नहीं कि महिलाएं घर से निकलें या प्रगतिशील हों जबकि कांग्रेस पार्टी और संगठन के तौर पर महिलाओं को प्रोत्साहित कर रही है।’’

कांग्रेस पार्टी तथा भाजपा-आरएसएस में अंतर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़ा फर्क तो ‘धर्म निरपेक्षता’ का जरूर है लेकिन सबसे बड़ा अंतर पुरूष समाज में महिला की जगह को लेकर है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा आरएसएस के लोग कहते हैं कि महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए, महिलाओं को प्रगतिशील नहीं होना चाहिए, महिलाओं को संगठन में जगह नहीं मिलनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वह पार्टी संगठन व पार्टी की ओर से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस का अध्यक्ष होने के नाते पार्टी में दो तीन बड़े बदलाव लाना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य है कि इस संगठन में महिलाओं को सही जगह दिलवाऊं। मैं चाहता हूं कि हर राज्य में, मंचासीन नेताओं की सूची में चाहे वह मुख्यमंत्रियों की सूची हो, चाहे वे महासचिवों की सूची हो, चाहे वह मंत्रियों, प्रधानों, एमएलए, एमपी की सूची हो उसमें कम से कम 30 ...35 .. 40 प्रतिशत महिलाओं के नाम हों।’’ उन्होंने कहा कि जीतने की क्षमता (विनेबिलिटी) अगर कोई कसौटी है तो उनका मानना है कि महिलाएं भी जीत सकती हैं और पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के चुनाव में सक्षम, कर्मठ महिला कार्यकर्ताओं को विधानसभा भेजेगी। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वे महिलाओं की वकालत करने उनका पक्ष लेने को तैयार हैं लेकिन महिलाओं को भी राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों में काम करना होगा। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने फैसला कर लिया है कि हर राज्य में पहले जिलापरिषद, प्रधान के स्तर पर महिलाओं को बढावा दिया जाएगा। इसके बाद विधायक और सांसद स्तर पर आपको प्रवेश दिलाया जाएगा। उसके बाद मैं चाहता हूं कि आज से चार पांच.. छह.. सात साल बाद हमारे 50 प्रतिशत मुख्यमंत्री महिला हों।’’

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