उम्रकैद की सजा काट रहे सरवण भवन के संस्थापक राजगोपाल का निधन
उच्च न्यायालय ने 2009 में एक स्थानीय अदालत द्वारा राजगोपाल को दिए गए 10 साल के कारावास और हत्या के मामले में आठ अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
चेन्नई। सरवण भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल का गुरुवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह हत्या के मामले में दोषी थे और कुछ दिन पहले ही आत्मसमर्पण किया था। सूत्रों ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि राजगोपाल (73) का विजय स्वास्थ्य केन्द्र में सुबह करीब 10 बजे ‘सेप्टिक शॉक’ (यह एक जानलेवा अवस्था है जो शरीर के थोड़े हिस्से में या पूरे तंत्र में संक्रमण की वजह से होती है) से निधन हो गया। राजगोपाल के बेटे की अपील के बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें सरकारी ‘स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल’ से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था। उनके बेटे ने कहा था कि उनके पिता की हालत बिगड़ती जा रही है।
#TamilNadu: Saravana Bhawan owner P Rajagopal passes away at hospital in Chennai; Few days ago, he had surrendered to serve life term in a 2001 murder case.
— ANI (@ANI) July 18, 2019
उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए और समय की मांग करने वाली उसकी याचिका को खारिज करने के बाद दक्षिण भारतीय खाने के लिए मशहूर सरवण भवन के संस्थापक राजगोपाल ने नौ जुलाई को एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। गिरफ्तारी के तुरन्त बाद ही उन्हें सरकारी अस्पताल के ‘दोषी वार्ड’ में भर्ती कराया गया था। राजगोपाल ने मद्रास उच्च न्यायालय के उन्हें दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ मार्च में उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिसे उसने ठुकरा दिया था।
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उच्च न्यायालय ने 2009 में एक स्थानीय अदालत द्वारा राजगोपाल को दिए गए 10 साल के कारावास और हत्या के मामले में आठ अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय ने राजकुमार शांतकुमार की हत्या के आरोप में दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए राजगोपाल को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। राजगोपाल को अक्टूबर,2001 में एक कर्मचारी की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई थी। राजगोपाल अपने एक कर्मचारी की हत्या करके उसकी पत्नी से शादी करना चाहता था।
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