RSS Meeting in Jodhpur: जोधपुर में आरएसएस की 3 दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक शुरू, संघ प्रमुख मोहन भागवत मौजूद

कुल मिलाकर 320 कार्यकर्ता बैठक में भाग लेंगे। बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और सीनियर नेता भी शामिल होंगे। बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर पंजाब, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी। संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी बात की जाएगी। इस बैठक में कोई फैसले नहीं लिए जाते, ना ही कोई प्रस्ताव पास होता है।
जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं संघ प्रेरित संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक आरंभ हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बैठक में शिरकत की। इस बैठक में 32 संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि समन्वय बैठक 5 से 7 सितंबर तक होगी। बैठक में एबीवीपी, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती सहित संघ प्रेरित 32 संगठनों के पदाधिकारी और महिला कामों का समन्वय देखने वाली कार्यकर्ता शामिल होंगी।
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कुल मिलाकर 320 कार्यकर्ता बैठक में भाग लेंगे। बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और सीनियर नेता भी शामिल होंगे। बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर पंजाब, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी। संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी बात की जाएगी। इस बैठक में कोई फैसले नहीं लिए जाते, ना ही कोई प्रस्ताव पास होता है।
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आंबेकर ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की योजना सहित कई समसामयिक मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक के दौरान हाल की महत्वपूर्ण घटनाओं का सामूहिक आलोचनात्मक विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता अपने कार्यों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों में सभी संगठनों की भागीदारी पर भी चर्चा होने की संभावना है। इस बैठक में, सभी संगठन अपने-अपने जमीनी अनुभवों के आधार पर देश की वर्तमान स्थिति का आकलन प्रस्तुत करते हैं। आंबेकर ने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाती है। चल रहे कार्यों के लिए आपसी समन्वय स्थापित करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।
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