कमलनाथ और दिग्विजय को सिंधिया की चेतावनी, टाइगर जिन्दा है !

वही अब प्रदेश में होने वाले उप चुनाव में खाली हुई 24 विधानसभा सीटों पर जीत की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर आ गई है। जिसको लेकर भाजपा संगठन और सरकार के साथ मिलकर उन्होनें रणनीति तैयार की है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा कार्यालय पहुँचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चेतावनी दी है। कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन धामने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा कार्यालय पहुँचकर अपने तमाम समर्थकों को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलवाई। इस दौरान वह कांग्रेस नेताओं पर जमकर बरसे और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा। सिंधिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसे प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की चिंता नहीं है। कांग्रेस तो सिंहासन के लिए छटपटा रही है। कांग्रेस जनता की सेवा से भटक गई है। वह काला दिवस मना रही है जबकि उसे तो आपातकाल जिस दिन लगाया गया, उस दिन को काला दिवस मनाना चाहिए।
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वही ज्योतिरादित्य ने उनके उपर कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के आरोपों पर कहा कि उन्हें इन लोगों के प्रमाण की जरूरत नहीं है। सिंधिया ने 15 महीने की कमल नाथ सरकार को किस्तों की सरकार बताया और कहा कि उसने प्रदेश के पूरे भंडार को लूट लिया था। वादा खिलाफी का इतिहास लिखा है। 15 महीने की सरकार के अनुभव बताते हुए सिंधिया ने कहा कि सरकार में वापस आने के लिए इन लोगों ने हर तरह के प्रयास किए और गलत तरीके भी इस्तेमाल किए हैं।
सिंधिया ने तीन महीने प्रदेश नहीं आने पर सफाई देते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश नहीं आ सके और एक महीने से कोरोना संक्रमित होने से घर में रहे। मगर इस दौरान कमल नाथ ने 90 दिन जिस तरह विष कैंपेन चलाकर चरित्र पर दाग लगाने की कोशिश की, उसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्हें प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता जवाब देगी। जनता कोरोना का सामना कर रही है, लेकिन कांग्रेस या कमल नाथ को इसकी चिंता नहीं और न ही उनकी सेवा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता की सेवा में लगे रहे। सिंधिया फाउंडेशन के माध्यम से कोरोना महामारी में लोगों की मदद की। प्रदेश के बाहर रहने वाले प्रदेश के लोगों को वापस लाए और विदेशों से भी कई लोगों को देश वापस लेकर आए। उन्होंने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से सवाल किया कि वे बताएं कि कोरोना महामारी को लेकर उन्होंने क्या सेवा की।
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बीजेपी से राज्यसभा सांसद सिंधिया ने मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा कि यह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं है बल्कि जनसेवकों की सेना का गठन है। मंत्रियों को सलाह दी कि गरीब, किसान और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर उत्थान के लिए एकजुट होकर काम करें। उन्होंने मंत्रियों को चेताया कि मंत्रिमंडल विस्तार को त्योहार की तरह नहीं लें बल्कि जो जिम्मेदारी मिली है, उसे निभाने के लिए अच्छे से काम करें। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा कि अन्याय के खिलाफ छेड़ा गया संघर्ष ही धर्म है। दो दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंच रहा हूं। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में उपस्थित होने के बाद, कार्यकर्ताओं से मुलाकात करूंगा।
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बहरहाल मध्य प्रदेश में गुरुवार को हुए शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, राज्यवर्धन सिंह, बृजेंद्र सिंह यादव प्रभुराम चौधरी, महेंद्रसिंह सिसोदिया, सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा), ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया को लिया गया है। इसके पहले मंत्रिमंडल में तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाया गया था। वही अब प्रदेश में होने वाले उप चुनाव में खाली हुई 24 विधानसभा सीटों पर जीत की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर आ गई है। जिसको लेकर भाजपा संगठन और सरकार के साथ मिलकर उन्होनें रणनीति तैयार की है। हालंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो संवाद आज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चेताते हुए बोला वह संवाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश से भाजपा की सत्ता जाने के बाद ढेड़ साल पहले ही बोल चुके है कि टाइगर अभी जिंदा है !
मध्य प्रदेश के विकास, प्रगति, उन्नति और मेरे प्रदेशवासियों की रक्षा के लिए टाइगर अभी ज़िंदा है। pic.twitter.com/PEIi2vH7mj
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 2, 2020
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