महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध कायम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मुंबई दौरा टाला

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[email protected] । Nov 12 2019 1:37PM

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सूचित किया था कि सरकार गठन के लिए ‘नियम एवं शर्तों’ के बारे में पहले दोनों दलों के राज्य स्तरीय नेता बातचीत करेंगे, जिसके बाद वेणुगोपाल और खड़गे ने दौरा स्थगित कर दिया।

मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को होने जा रहा अपना मुंबई दौरा टाल दिया है। दोनों नेता महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को मुंबई आने वाले थे। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सूचित किया था कि सरकार गठन के लिए ‘नियम एवं शर्तों’ के बारे में पहले दोनों दलों के राज्य स्तरीय नेता बातचीत करेंगे, जिसके बाद वेणुगोपाल और खड़गे ने दौरा स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना को बातचीत के लिए बुलाने से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मंगलवार को राकांपा के अपने समकक्षों के साथ सरकार गठन की व्यापक रूपरेखा के बारे में चर्चा करेंगे।’’

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पवार से राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की थी। इसमें यह फैसला हुआ था कि राज्य के राकांपा और कांग्रेस नेता सरकार गठन के बारे में ‘नियम एवं शर्तों’ तथा ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ के बारे में चर्चा करेंगे। ठाकरे ने कहा, ‘‘कांग्रेस और राकांपा के एक समझौते पर पहुंचने के बाद इस चर्चा में शिवसेना के नेता शामिल हो सकते हैं। शरद पवार ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया है कि वह दिल्ली जाकर, उनके साथ मिलकर इसे अंतिम रूप देंगे। इसलिए वेणुगोपाल और खड़गे ने अपना मुंबई दौरा स्थगित कर दिया।’’

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राकांपा के एक नेता ने कहा कि जब तक कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना तीनों सरकार में शामिल नहीं होंगे, तब तक स्थिर सरकार नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा ‘‘इसलिए हम चाहते हैं कि कांग्रेस को भी सरकार का हिस्सा होना चाहिए।’’ शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी। राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साथ समझौते का कोई फैसला जल्दबाजी में लेती प्रतीत नहीं हुई और उसने समर्थन देने के मुद्दे पर चुनाव पूर्व की अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ आगे और बातचीत करने का फैसला किया। इससे राज्य में गैर-भाजपा सरकार बनाने के शिवसेना के प्रयासों को बड़ा झटका लगा। बाद में महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सोमवार रात को राकांपा को राजभवन में आमंत्रित किया। राकांपा राज्य में तीसरा सबसे बड़ा दल है। शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा के 288 सदस्यीय विधानसभा में 54 विधायक हैं जो भाजपा (105) और शिवसेना (56) के बाद तीसरा सबसे बड़ा दल है।

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