असम में सरकारी नौकरी पाने के लिए एससी,एसटी, आदिवासी को दो बच्चों के नियम से छूट दी गई

Himanta Biswa Sarma
प्रतिरूप फोटो

असम सरकार ने बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी और अन्य पारंपरिक वनवासी समुदाय को सरकारी सेवाओं में आने के लिए दो बच्चों के नियम की रूकावट को दूर किया।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इन समुदायों को असम लोक सेवा (सीधी भर्ती में छोटे परिवार के मानदंड का अनुपालन) नियम, 2019 के दायरे से छूट प्रदान की।

असम मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी और अन्य पारंपरिक वनवासी समुदाय को सरकारी नौकरी पाने के लिए दो बच्चों वाले नियम से छूट प्रदान की।

एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इन समुदायों को असम लोक सेवा (सीधी भर्ती में छोटे परिवार के मानदंड का अनुपालन) नियम, 2019 के दायरे से छूट प्रदान की।

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बयान के मुताबिक, सरकार ने इन समुदायों को सरकारी सेवाओं में आने के लिए दो बच्चों के नियम की रूकावट को दूर किया। इस बीच, मंत्रिमंडल ने राज्य की करीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ करने के लिए 1800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किए।

सरमा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया,‘‘ पहले चरण में हम उन महिलाओं के बारे में विचार कर रहे हैं जिन्होंने नियमित आधार पर किस्त अदा की है। इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हजार रुपये तक के कर्ज माफ होंगे।’’

सरमा ने कहा कि चेक वितरण का कार्य एक दिसंबर से शुरू होगा और अन्य श्रेणियों में ऋण लेने वालों को लाभ देने पर बाद में विचार किया जाएगा। असम मंत्रिमंडल की बैठक पहली बार गुवाहाटी से 460 किलोमीटर दूर धेमाजी में बुलाई गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जून तक 14 लाख लोगों ने सूक्ष्म कर्ज लिए थे और 12 हजार करोड़ रुपये के क्रेडिट फोर्टफोलियों में से राज्य सरकार को इसपर 7200 करोड़ रुपये खर्च करने पडेंगे। राज्य सरकार ने इस साल 24 अगस्त को असम सूक्ष्म वित्तीय प्रोत्साहन और राहत योजना-2021 के लिए 38 सूक्ष्म ऋण कंपनियों और बैंकों से 12 हजार करोड़ रुपये के लिए करार किया था जिससे लाखों महिला कर्जदाताओं को लाभ होगा।

सरमा ने कहा कि 700 करोड़ रुपये पेपर मिल के लिए मंजूर किए गए हैं जबकि 1800 करोड़ रुपये की राशि सूक्ष्म ऋण की पहली किस्त भरने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘ मंत्रिमंडल ने दो पेपर मिलों के लिए 700 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। इनमें से 570 करोड़ रुपये की राशि कर्मचारियों की देनदारी के लिए होगी जबकि बाकी राशि का इस्तेमाल बिजली बिल भरने और तरलता (नकदी) उपलब्ध कराने के भुगतान में व्यय होगा।’’

सरमा ने कहा कि औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद एसपीसी की जगीरोड स्थित पंचग्राम और नगांव मिल की 470 एकड़ जमीन असम सरकार को स्थानांतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने धेमाजी जिले कीविभिन्न परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।

इनमें से 183 करोड़ रुपये जोनाई-माजुली तटबंध सह सड़क परियोजना पर व्यय किए जाएंगे जबकि 150 करोड़ रुपये जिले में बाढ़ नियत्रंण के लिए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 50 करोड़ रुपये जिले में खेल संकुल और एकीकृत जिलाधिकार कार्यालय के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने धेमाजी जिले में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की भी मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जारी करने में समस्या आ रही है जो इस समय ओबीसी बोर्ड द्वारा जारी किए जाते हैं। इसलिए मंत्रिमंडल ने संबंधित समुदाय के बोर्ड और पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने का फैसला किया।

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सरमा ने कहा, ‘‘सदोउ असोम मटक सनमिलानी को आज मटक लोगों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया। धीरे-धीरे अन्य ओबीसी समुदायों के लिए भी यह किया जाएगा। सरमा ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक हर सप्ताह होती है और अब से हर महीने एक बैठक गुवाहाटी से बाहर होगी ताकि उस जिले की समस्याओं को समझा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘यह रस्मी नहीं है बल्कि लोगों से जुड़ने के लिए है। यह (मंत्रिमंडल की बैठक) प्रक्रिया है मामले की जानकारी प्राप्त करने की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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