क्या NDA में शामिल हो सकते हैं ओम प्रकाश राजभर ? भाजपा के साथ बातचीत को लेकर दिया यह जवाब
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था। जिसका उन्हें ईनाम भी मिला था। उत्तर प्रदेश शासन ने ओम प्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। राष्ट्रपति चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बजाय राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए छह महीने भी पूरे नहीं हुए और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन से पार्टियों का छिटकना शुरू हो चुका है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने सहयोगियों को संभाल नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से गठबंधन पार्टियों का सपा से मोहभंग होने लगा है। आपको बता दें कि चाचा शिवपाल यादव के साथ-साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने अखिलेश यादव से दूरियां बना ली हैं। ऐसे में अटकलें लगना शुरू हो चुकी हैं कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) या फिर राजग में शामिल हो सकते हैं।
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हाल ही में अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर को सपा गठबंधन छोड़कर किसी के साथ भी जाने के लिए आजाद कर दिया है। ऐसे में सुभासपा प्रमुख ने अखिलेश यादव पर जमकर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव और भाभी अपर्णा यादव तक को नहीं संभाल पाए, तो हमें कहां से संभालेंगे। इसके साथ ही ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर किसी की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया।
विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के साथ ही अखिलेश यादव का उत्तर प्रदेश की सत्ता में फिर से काबिज होने का सपना चकनाचूर हो गया और फिर वो अपने सहयोगियों को भी संभाल पाने में नाकामयाब रहे। हालांकि राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी उनके साथ मजबूती के साथ खड़े हैं और अखिलेश यादव ने भी उन पर भरोसा जताते हुए जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी लेकिन फिर राष्ट्रपति चुनाव के चलते कई छोटे दल उनसे नाराज हो गए।
भाजपा से नहीं मिला ऑफर
इसी बीच ओम प्रकाश राजभर ने हिन्दी समाचार चैनल न्यूज 18 के साथ बातचीत में बताया कि भाजपा की ओर से अभी तक उन्हें कोई भी ऑफर नहीं मिला है। अगर बात हुई तो इस बारे में हम सोचेंगे और फिर फैसला करेंगे। दरअसल, अटकलें लग रही हैं कि ओम प्रकाश राजभर राजग में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा बसपा के साथ जाने की भी अटकलें हैं। लेकिन भविष्य में ओम प्रकाश राजभर किस दल के साथ जाते हैं यह देखना काफी रोचक होने वाला है।
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द्रौपदी मुर्मू का किया था समर्थन
ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था। जिसका उन्हें ईनाम भी मिला था। उत्तर प्रदेश शासन ने ओम प्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। राष्ट्रपति चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बजाय राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित पहली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि बाद में ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा से नाता तोड़ दिया था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त से तनातनी के बाद सपा ने अपनी आलोचना कर रहे ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव को शनिवार को पत्र जारी कर कहा था कि उन्हें जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए वे आजाद हैं। ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव पिछले कुछ समय से सपा अध्यक्ष के खिलाफ बयान दे रहे थे।
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