फर्जी काम करते रहे हैं आजम, उनके बचाव में अखिलेश ने उतार दी पूरी पार्टी

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अजय कुमार । Aug 2 2019 1:08PM

लखनऊ से लेकर रामपुर तक समाजवादी नेता धरना−प्रदर्शन करके दबाव की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। आजम पर योगी सरकार ज्यों ज्यों डंडा चला रही है, त्यों त्यों अखिलेश यादव का डर भी बाहर निकल कर आ रहा है।

उत्तर प्रदेश की पिता-पुत्र (मुलायम−अखिलेश) की सरकार ने अपने विवादित नेता आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला खान के काले कारनामों की तरफ से आंखें नहीं मूंद ली होतीं तो आज आजम खान समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए मुसीबत का सबब नहीं बने होते। अखिलेश की सबसे बड़ी मजबूरी यह है कि वह आजम का साथ छोड़ भी नहीं सकते हैं। मुलायम और खासकर अखिलेश सरकार में आजम ने जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर जिस तरह हठधर्मी का परिचय देते हुए किसानों, लोक निर्माण विभाग, नदी की जमीन ही नहीं कब्जाई, बल्कि कई सरकारी इमारतों को नेस्तानाबूत करके उसकी जमीनों को भी जौहर विश्वविद्यालय के नाम कर दिया था। उसकी सजा तो आजम को मिलनी ही थी। आजम का बेटा भी पिता से कम नहीं था, उसने तो दो−दो पैन कार्ड ही बनवा रखे थे। आजम अपने आप को मुसलमानों का रहनुमा बताते थे, इसलिए वोट बैंक की सियासत करने वाले अखिलेश दबे रहते थे। मगर, अब अखिलेश को इस बात का अहसास हो गया है कि आजम के दामन पर लगे दाग की छींटे उनके दामन पर भी पड़ सकते हैं। इसीलिए अखिलेश यादव ने पूरी की पूरी समाजवादी पार्टी को आजम के समर्थन में मैदान में उतार दिया है। लखनऊ से लेकर रामपुर तक समाजवादी नेता धरना−प्रदर्शन करके दबाव की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। आजम पर योगी सरकार ज्यों ज्यों डंडा चला रही है, त्यों त्यों अखिलेश यादव का डर भी बाहर निकल कर आ रहा है। क्योंकि अखिलेश जानते हैं कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।

गौरतलब है कि योगी सरकार ने आजम खान को भू−माफिया घोषित कर दिया है। आजम ने अपने गृह जनपद रामपुर में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना और उसे भव्य आकार देने के लिए जिस तरह से सरकारी और किसानों की जमीन पर जर्बदस्ती कब्जा किया, उसके एवज में उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए। आजम की ब्लैकमेलिंग से मोदी−योगी सरकार डर जाएगी इस बात की संभावना ना के बराबर है। इसीलिए आजम का मुस्लिम कार्ड भी नहीं चल पाया। आजम जमीन हड़पने का कृत्य लम्बे समय से कर रहे थे। मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में आजम ने जौहर विवि का सपना देखा था। इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की स्थापना की। जौहर विवि का काम सपा सरकार में तेजी पकड़े रहा था तो गैर समाजवादी सरकारों के कार्यकाल में इसकी रफ्तार कम होती देखी गई।

बताते चलें कि जौहर यूनिवर्सिटी को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट चलाता है, जिसके अध्यक्ष आजम खां हैं। ट्रस्ट में उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा, उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम व अदीब आजम, विधायक नसीर अहमद खां, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष सलीम कासिम, निखत अखलाक और लखनऊ के मुश्ताक अहमद सिद्दीकी सदस्य हैं। मध्य प्रदेश के निवासी राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम भी सदस्य थे, जिनका पिछले दिनों इंतेकाल हो चुका है।

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आजम के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है यह लाजिमी भी है, लेकिन आजम ने जमीन हड़पने का कृत्य जिन सरकारों के दौर में किया, उसका शीर्ष नेतृत्व कैसे अपने दामन को बेदाग बता सकता है। आजम ने लोक निर्माण विभाग की जमीन हड़पी तो उस समय के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव क्या कर रहे थे। उन्होंने इस लूट की तरफ से क्यों मुंह फेरे रखा। किसानों की जमीन हड़पी जा रही थी तो उससे संबंधित विभाग क्या कर रहा था और सरकार का मुखिया होने के बाद भी अखिलेश को क्यों कुछ दिखाई−सुनाई नहीं पड़ रहा था, जबकि उस समय भी जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर आजम जो कर रहे थे, उसको लेकर राजभवन तक शोर सुनाई दे रहा था। मामला कोर्ट में भी चल रहा था।

  

सबसे दुखद यह है कि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के मंत्री और मौजूदा सांसद आजम खां पर जमीन हड़पने के साथ ही विधायक बेटे के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई को लेकर अखिलेश यादव ने पूरी समाजवादी पार्टी को लखनऊ से लेकर रामपुर तक सड़क पर तांडव की खुली छूट दे दी है। गत दिवस समाजवादी पार्टी नेताओं ने राजभवन के बाहर धरना दिया तो आज रामपुर को सपाइयों ने अखाड़ा बना दिया। सपा अपने सांसद आजम खां पर रामपुर जिला प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रही है। विधायक अब्दुल्ला आजम की गिरफ्तारी के बाद सपाइयों ने प्रदर्शन का ऐलान किया था।

अखिलेश की गैर जिम्मेदाराना सियासत के चलते रामपुर में तनाव काफी बढ़ता दिख रहा है। ऐसे समय में जब जिला प्रशासन और पुलिस कांवड़ यात्रा के साथ ही बकरीद पर शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। उस समय सपा का यह कृत्य समझ से परे हैं। हो सकता है कि अपनी सियासत रोटियां सेंकने के लिए रामपुर में सपा आगे भी माहौल गरमाए रहे।

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उधर, रामपुर के जिलाधिकारी ने भी साफ किया है कि किसी को भी कानून−व्यवस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा और बकरीद को देखते हुए पहले ही इस क्षेत्र में धारा 144 लागू है। हमने अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की है। हम रामपुर की सीमा में किसी को भी घुसने नहीं देंगे। जो भी कानून को तोड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस बीच रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय सिंह का कहना है कि वह किसी तरक के दबाव में नहीं हैं। जौहर विवि प्रकरण में ईडी को जो दस्तावेज व तमाम जानकारी देनी है, उसकी तैयारी की जा रही है। मदरसा आलिया एक तरह से खत्म कर दिया गया। आजम खां का बिना नाम लिए उनके संदर्भ में 88 करोड़ रुपये जौहर विश्वविद्यालय में खर्च किए गए। मदरसा आलिया को विश्व का पहला अरबी विश्वविद्यालय बनना था, जो आजम के कारण हो नहीं सका।

-अजय कुमार

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