लॉकडाउन के बीच BCCI बना मसीहा, खिलाड़ियों का बकाया चुकाया

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बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘लॉकडाउन 24 मार्च को घोषित किया गया और इसके बावजूद बीसीसीआई किसी भी तरह की स्थिति के लिये तैयार था।बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों की केंद्रीय अनुबंध भुगतान की तिमाही किश्त चुका दी है।इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वे वेतन में कटौती के लिये तैयार हैं।

नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की तिमाही बकाया राशि का भुगतान कर दिया है और कहा है कि कोविड-19 के कारण बनी अनिश्चितता के बावजूद वह किसी को परेशान नहीं होने देगा। कोरोना वायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के वेतन में कटौती के संकेत दिये हैं। इस महामारी के कारण अभी तक विश्व भर में 95,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने  कहा, ‘‘ लॉकडाउन 24 मार्च को घोषित किया गया और इसके बावजूद बीसीसीआई किसी भी तरह की स्थिति के लिये तैयार था। बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों की केंद्रीय अनुबंध भुगतान की तिमाही किश्त चुका दी है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा इस दौरान भारत या भारत ए की तरफ से खेलने वाले सभी खिलाड़ियों का मैच शुल्क ये सभी बकाये वित्तीय वर्ष के आखिर तक चुका दिये गये हैं। ’’

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इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वे वेतन में कटौती के लिये तैयार हैं। आस्ट्रेलिया में केंद्रीय अनुबंध की घोषणा टाल दी गयी है जबकि इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने यार्कशर के अपने साथियों सहित सरकारी अवकाश पर जाने के लिये आवेदन किया है। इसके तहत ब्रिटिश सरकार वेतन का 80 प्रतिशत का भुगतान करती है जो कि 2500 पौंड तक हो सकती है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि जब अन्य बोर्ड इस मुश्किल घड़ी में अपने घरेलू खिलाड़ियों को भुगतान करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं तब भारतीय बोर्ड की मजबूत वित्तीय स्थिति से मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एक क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को सरकारी अवकाश (सरकारी सहायत कार्यक्रम) पर रख दिया है। हर जगह वेतन में कटौती की बात चल रही है। लेकिन मुझे विश्वास है कि बीसीसीआई हमेशा की तरह अपने खिलाड़ियों की अच्छी तरह से देखभाल करने में सक्षम है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अंतरराष्ट्रीय या घरेलू क्रिकेटरों को परेशानी नहीं होगी।’’ अधिकारी ने हालांकि इस पर सहमति जतायी कि इस साल के आखिर तक आईपीएल का होना जरूरी क्योंकि अगर यह नहीं होता है तो सभी शेयरधारकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि यह कब होगा सितंबर में जबकि एशिया कप होना और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला खेलनी है या फिर अक्टूबर में जब टी20 विश्व कप का आयोजन होगा। ’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘जब आप यही नहीं जानते कि चीजें कब तक सामान्य होंगी तो फिर यह कैसे कह सकते हैं कि आईपीएल कब होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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