Haunted Places In Jharkhand: खूबसूरत तैमारा घाटी का खौफनाक रहस्य, यहां आते ही बदल जाता है मोबाइल का वक्त

Haunted Places In Jharkhand
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झारखंड की खूबसूरत जगहों के बीच तैमारा घाटी के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है। तैमारा घाटी झारखंड में 'मौत का हाइवे' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज हम आपको तैमारा घाटी की डरावनी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

झारखंड भारत का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है। यह राज्य साल 2000 में बिहार से अलग होकर देश का 28वां राज्य बना था। आज झारखंड पूरे भारत का एक खनिज समृद्ध राज्य माना जाता है। झारखंड घने जंगलों, कोयला खदानों और बेहतरीन पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। झारखंड की पतरानू घाटी, हुंडरू, टैगोर हिल और दशम वॉटरफॉल, नेतरहाट और तोपचांची झील जैसी खूबसूरत जगहों के बारे में हर कोई जानता है।

इन खूबसूरत जगहों के बीच तैमारा घाटी के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है। तैमारा घाटी झारखंड में 'मौत का हाइवे' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको तैमारा घाटी की डरावनी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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तैमारा घाटी

तैमारा घाटी एक डरावनी जगह मानी जाती है, जोकि रांची-जमशेदपुर हाईवे यानी एनएच-33 पर है। यह जगह राजधानी रांची से करीब 30 किमी की दूरी पर है। हाइवे पर होने के कारण तैमारा घाटी को 'मौत का हाइवे' के नाम से भी जानी जाती है। यह हाइवे घने जंगलों के बीच में है, जिसकी वजह से यह काफी डरावना लगता है।

तैमारा घाटी की घटनाएं

तैमारा घाटी की एक नहीं बल्कि कई घटनाएं प्रचलित हैं। यह घाटी देखने में तो काफी मनमोहक लगती है। लेकिन यह घाटी कई मौतों की गवाह भी बन चुकी है। बताया जाता है कि इस घाटी गुजरने पर टाइम और तारीख अपने आप बदल जाती है।

तैमारा घाटी को लेकर एक अन्य कहानी है कि जंगलों के बीच से जब गाड़ी गुजरती है, तो उस गाड़ी की स्पीड मीटर खुद ब खुद बदल जाती है। वहीं माना जाता है कि रात के समय इस घाटी से अजीबो-गरीब आवाजें आती रहती हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि डर के कारण लोग रात में अकेले इस घाटी से गुजरना नहीं चाहते हैं।

तैमारा घाटी की डरावनी कहानियां

इस घाटी की सबसे डरावनी कहानियों में फेमस कहानी मोबाइल में डेट और समय का बदल जाना है। कई लोगों का इस घाटी के बारे में मानना है कि जब कोई यहां से गुजरता है तो उसके मोबाइल में साल, डेट और समय अपने आप बदल जाता है।

ऐसा होने के पीछे लोग कुछ और कहानी भी बताते हैं। लोगों का मानना है कि तैमारा घाटी से कुछ ही दूरी पर मैग्नेटाइज्ड रॉक है। जिसकी वजह से यह समस्या होती है। वहीं एक अन्य कारण यह भी है कि इसी घाटी से कर्क रेखा गुजरती है, जिस वजह से यह समस्या होती है।

तैमारा घाटी घूमने जाते हैं पर्यटक

बता दें कि झारखंड की राजधानी रांची से करीब 30 किमी दूर स्थित तैमारा घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां पर भीषण गर्मी में भी ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं। ऐसे में पर्यटक भी तैमारा घाटी घूमने के लिए पहुंचते हैं। मानसून के समय पर्यटक दूर-दूर से यहां पर लॉन्ग ड्राइव के लिए पहुंचते हैं। मानसून में इस घाटी की खूबसूरती देखने लायक होती है।

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