टेस्ट क्रिकेट में भारतीय विकेटकीपिंग का क्या है भविष्य ? पंत और साहा में किसे मिलेगी तरजीह ?
रिषभ पंत के पास किसी भी हालात में गेम बदलने का दमखम है। पंत को लेकर माना जाता है कि वो तेजी से बल्लेबाजी कर मैच एक झटके को अपनी टीम के पाले में डाल देते है और ऑस्ट्रेलिया में पंत ने इस चीज को सच भी कर के दिखा दिया।
रिषभ पंत ने जिस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में किया उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। पंत ने ब्रिस्बेन टेस्ट में नाबाद 89 रन की पारी खेल ऐतिहासिक मैच जिताया। इसके अलावा पंत पूरे दौरे में शानदार प्रदर्शन कर पाएं। पंत ने पहले टेस्ट मैच में जगह नहीं मिलने के बाद भी हौसला नहीं छोड़ा और मौका मिलने पर हर किसी का विश्वास जीता। ऐसे में पंत अब हर भारतीय क्रिकेट फैंस के हीरो बन गए है। पंत को लेकर कहा जा रहा है कि अब वो ही टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए लगातार विकेटकीपिंग करते नजर आएंगे। लेकिन पंत की बल्लेबाजी तक तो बात ठीक है। उनके विकेटकीपिंग स्किल्स को लेकर अब भी कुछ सवाल हर किसी के मन में है। क्योंकि कही ना कही विशेषज्ञ यही मानते है कि पंत से बेहतर विकेटकीपर बल्लेबाज साहा है। ऐसे में हर समय एक ही सवाल उठता है कि आने वाले समय में भारत के लिए टेस्ट में पक्के विकेटकीपर के रूप में किसे जगह मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: विराट कोहली ने भारत की वर्तमान टीम में कभी हार नहीं मानने का भर दिया है जज्बा: हुसैन
क्या साहा को मिलेगी तरजीह ?
रिषभ पंत अपनी बल्लेबाजी की वजह से हमेशा भारतीय टीम में खेलने के लिए फेवरेट रहे हैं। पंत के पास किसी भी हालात में गेम बदलने का दमखम है। पंत को लेकर माना जाता है कि वो तेजी से बल्लेबाजी कर मैच एक झटके को अपनी टीम के पाले में डाल देते है और ऑस्ट्रेलिया में पंत ने इस चीज को सच भी कर के दिखा दिया। लेकिन पंत हमेशा से अपनी विकेटकीपिंग स्किल्स को लेकर निशाने पर रहते हैं। पंत ने जब ऑस्ट्रेलिया में विकेट के पीछे कई कैच गिराए तो पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने उनपर निशाना साधते हुए कहा था कि टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद से उसने दुनिया में किसी अन्य विकेटकीपर से ज्यादा कैच छोड़े हैं। इससे दिखता है कि उसे अपनी विकेटकीपिंग पर कुछ काम करने की जरूरत है।
ऐसे में दूसरी तरफ ऋद्धिमान साहा के विकेटकीपिंग स्किल्स को लेकर हमेशा से तारीफ की जाती है। साहा विकेट के पीछे काफी चतुर माने जाते है। घूमती पिचों पर साहा विकेट के पीछे काफी कारगर साबित होते है। ऐसे में अगर टेस्ट क्रिकेट में जहां एक कैच की कीमत काफी होती है वहां साहा जैसे विकेटकीपर की जरूरत ज्यादा है। लेकिन सवाल यह भी है कि एक बल्लेबाज के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले पंत अगर मुश्किल परिस्थितियों में मैच नहीं खेलेंगे तो अपनी विकेटकीपिंग स्किल्स को बेहतर कैसे बनाएंगे।
इसे भी पढ़ें: सचिन तेंदुलकर का टेस्ट रिकार्ड तोड़ने की क्षमता रखते हैं जो रूट: ज्योफ्री बॉयकॉट
साहा ने पंत की विकेटकीपिंग को लेकर एक समाचार अखबार को दिए अपने बयान में कहा था कि "यह युवा खिलाड़ी धीरे-धीरे इसमें वैसे ही सुधार करेगा जैसे कोई बीजगणित सीखता है। आप हमेशा एक-एक कदम आगे बढ़ते हैं। पंत अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा है और निश्चित रूप से वह विकेटकीपिंग में सुधार करेगा। उसने हमेशा परिपक्वता दिखाई है और खुद को साबित किया है। लंबे समय के लिए यह भारतीय टीम के लिए अच्छा है। वनडे और टी-20 फॉर्मेट से बाहर होने के बाद उसने जो जज्बा दिखाया वह वास्तव में असाधारण है।"
जाहिर है साहा की बात बिल्कुल सही है पंत जितने मैच खेलेंगे उसके साथ ही वो परिपक्व होते जाएंगे। लेकिन अगर साहा भारतीय क्रिकेट में अपना भविष्य देखते है तो उन्हें भी बल्लेबाजी में पंत के बराबर प्रदर्शन करना होगा और अगर वह भी मैच नहीं खेलेंगे तो वह प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाएंगे। ऐसे में अगर पंत और साहा के बल्लेबाजी प्रदर्शन पर नजर डाली जाएं तो ज्यादा फर्क नजर आता है।
इसे भी पढ़ें: अंगूठे में फ्रेक्चर के बाद भी तैयार थे रविंद्र जडेजा, बोले- मैंने पैड पहन लिये थे और इंजेक्शन भी ले लिया था
रिषभ पंत ने बल्लेबाजी में ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया। पंत भारत के लिए टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। कंगारू सरजमीं पर पंत ने 3 मैचों की 5 पारियों में 68.50 की औसत से 274 रन बनाए। जहां पंत ने 2 अर्धशतक लगाएं और उनका बेस्ट स्कोर 97 रन रहा। वहीं साहा को सिर्फ पहले टेस्ट में मौका मिला था। जहां उन्होंने सिर्फ 9 और 4 रन बनाएं जो बेहद ही खराब प्रदर्शन माना जाएगा। इसके साथ ही अगर दोनों बल्लेबाजों के टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन को देखा जाएं तो पंत ने अभी तक अपने करियर के 16 टेस्ट मैचों की 27 पारियों में 43.52 की औसत से 1088 रन बनाए हैं। इसमें उनके नाम 2 शतक और 4 अर्धशतक शामिल है। पंत भारत के लिए सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। वहीं दूसरी तरफ साहा के टेस्ट प्रदर्शन पर नजर डाली जाएं तो उन्होंने 38 टेस्ट मैचों की 52 पारियों में 29.09 की औसत से 1251 रन बनाएं है। जहां उनके नाम 3 शतक और 5 अर्धशतक दर्ज है।
जाहिर है बल्लेबाजी में पंत साहा से एक कदम आगे निकल जाते है लेकिन जब बात विकेट के पीछे स्किल्स की आती है तो साहा उपर है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में पंत को जगह मिलेगी या फिर साहा को जगह मिलेगी और हर किसी के मन में सवाल यह है कि कही पंत और साहा के रिश्तों के बीच में कुछ दरार आई और इससे भारतीय टीम पर असर पड़ने लगा तो क्या होगा। जिसको लेकर साहा का कहना है कि "आप पंत से पूछ सकते हैं, हमारा रिश्ता मैत्रीपूर्ण है और हम दोनों प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने वालों की मदद करते हैं। व्यक्तिगत तौर पर हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इसे नंबर एक और दो के तौर पर नहीं देखता। जो अच्छा करेगा टीम में उसे मौका मिलेगा। मैं अपना काम करता रहूंगा। सिलेक्शन मेरे हाथ में नहीं है, यह मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।"
इसे भी पढ़ें: टेस्ट क्रिकेट में 6000 रन बनाने वाले 11वें भारतीय बने यह खिलाड़ी
ऐसे में अब देखना होगा कि आने वाले समय में किसपर भारतीय टीम ज्यादा भरोसा दिखाती है। क्या पंत को उनके बल्लेबाजी के लिए टीम इंडिया में लगातार मौका मिलता रहेगा या फिर साहा के विकेटकीपिंग पर भरोसा दिखाया जाएगा या फिर रवि शास्त्री के दिए पिछले कुछ बयानों के मुताबिक पंत को विदेश और साहा को भारतीय सरजमीं पर होने वाले मैचों में प्लेइंग इलेवन में मौका मिलेगा।
- दीपक मिश्रा
अन्य न्यूज़