कोविड-19 पर दक्षेस देशों की पहल के अनुरूप था इमरान का भारत को दिया गया प्रस्ताव: पाकिस्तान

xx

पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के गरीबों की सहायता करने के वास्ते प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा उनकी सरकार की नकद हस्तांतरण योजना का अनुभव साझा करने का प्रस्ताव, दक्षेस के सदस्य देशों के बीच कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने में अनुभव साझा करने की पहल के अनुरूप था।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के गरीबों की सहायता करने के वास्ते प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा उनकी सरकार की नकद हस्तांतरण योजना का अनुभव साझा करने का प्रस्ताव, दक्षेस के सदस्य देशों के बीच कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने में अनुभव साझा करने की पहल के अनुरूप था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की इस प्रतिक्रिया से पहले भारत ने खान के प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया था कि पाकिस्तानी सरकार अपने लोगों को धन देने की बजाय देश से बाहर पैसे भेजने के लिए मशहूर है।

इसे भी पढ़ें: सुधांशु मित्तल की शिकायत को खारिज कर FIH ने कहा, बत्रा ने कोई नियम नहीं तोड़ा

लॉकडाउन के दौरान भारत में गरीब लोगों को हो रही समस्याओं की खबरें आने के बाद बृहस्पतिवार को ट्वीट की एक श्रृंखला में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की नकद हस्तांतरण योजना के “सफल” क्रियान्वयन के अनुभव को भारत के साथ साझा करने का प्रस्ताव दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “यह साफ है कि इमरान खान को नए सलाहकारों और बेहतर जानकारी की जरूरत है।

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक के मंत्री बोले- 15 अगस्त के बाद बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले

हम सभी उनके कर्ज की समस्या को जानते हैं और यह भी जानते हैं कि कर्ज में रियायत के लिए उन्हें कितनी कठिनाइयों से जूझना पड़ा है। उनके लिए यह भी बेहतर होगा कि वह याद रखें कि भारत ने जो प्रोत्साहन पैकेज दिया है वह पाकिस्तान के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है।” भारतीय विदेश मंत्रालय के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि महामारी के इस चुनौतीपूर्ण दौर में खान का प्रस्ताव दक्षेस के सदस्य देशों के बीच, कोविड-19 के प्रभाव से निपटने में अपने अनुभव साझा करने की पहल के अनुरूप था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, “यदि उन्होंने गंभीरता से यह कहा है तो प्रधानमंत्री इमरान खान के सुझाव पर भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया उनके अपने नेतृत्व की स्थिति पर सवाल खड़े करती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़