अंधेरी रातों में...जब शहंशाह आता है, पूरा पाकिस्तान डर जाता है, अब कुलभूषण को किडनैप करने वाले को किसने ठोक दिया

पाकिस्तान की पनाह में छिपे हिंदुस्तान के दुश्मनों में दहशत का माहौल है। आतंकी और उनके मददगार अपने गुनाहों का हिसाब दे रहे हैं। शहंशाह के गुमनाम गन मैन भारत में दहशत फैलाने वालों और भारत के खिलाफ साजिश करने वालों का एक एक कर हिसाब कर रहे हैं। ताजा हमले में कुलभूषण जाधव को किडनैप करने वाला आईएसआई एजेंट और तस्कर की हत्या की गई। कैसे हुई शाह मीर की हत्या और अब तक ऐसे कितने लोगों को अज्ञात हमलावर खत्म कर चुका है?
अंधेरी रातो में सुनासन रहो पर, हर ज़ुल्म मिताने को एक मसीहा निकलता है जिसे लोग शहंशाह कहते हैं। 90 के दशक में टीनू आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म शहंशाह का किरदार अभिताभ बच्चन ने निभाया था। जब रात के अंधेरे में गुप्त नायक शहंशाह गरीबों की मदद करता है और अपराधियों को चुनचुन कर ठिकाने लगाता है। जिसके खौफ से मुख्तार सिंह जैसा बदमाश अपनी सारी बदमाशी छोड़ भैंसों का तबेला चलाने लगता है। लेकिन अब कुछ ऐसा ही नजारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में देखने को मिल रहा है। शहंशाह का एक इशारा हुआ और हिंदुस्तान का एक और दुश्मन जहन्नुम पहुंच गया। जिसके बाद से सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत एक खुफिया ऑपरेशन में लगा हुआ है? क्या भारत ने बदला लेने में इजरायल को भी पीछे छोड़ दिया है। ये ऐसे सवाल हैं जिस पर दुनियाभर में कई दिनों से चर्चा चल रही है। पाकिस्तान की पनाह में छिपे हिंदुस्तान के दुश्मनों में दहशत का माहौल है। आतंकी और उनके मददगार अपने गुनाहों का हिसाब दे रहे हैं। शहंशाह के गुमनाम गन मैन भारत में दहशत फैलाने वालों और भारत के खिलाफ साजिश करने वालों का एक एक कर हिसाब कर रहे हैं। ताजा हमले में कुलभूषण जाधव को किडनैप करने वाला आईएसआई एजेंट और तस्कर की हत्या की गई। कैसे हुई शाह मीर की हत्या और अब तक ऐसे कितने लोगों को अज्ञात हमलावर खत्म कर चुका है?
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कुलभूषण का किडनैपर पहुंचा जहन्नुम
पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव का किडनैपर, ड्रग्स और हथियारों का तस्कर। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसएआई का मोहरा मुफ्ती शाह मीर ढेर हो चुका है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में धर्मगुरु मुफ्ती शाह मीर की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मीर 7 मार्च की रात केच के तुरवत शहर में नमाज के बाद एक मस्जिद से बाहर निकल रहा था, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उसे गोली मार दी। भारतीय कारोबारी और नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण कराने में मीर ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद की थी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोली लगने के बाद मीर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मीर मुफ्ती की आड़ में मानव और हथियारों की तस्करी में लिप्त था। वह इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम से भी जुड़ा था। पिछले साल मीर पर दो बार जानलेवा हमले किए गए थे।
कम निकलता था बाहर
मीर जमीयत ओलमा-ए-इस्लाम नामक एक इस्लामी कट्टरपंथी सियासी पार्टी का सदस्य था। वह मुफ्ती होने की आड़ में हथियार और मानव तस्कर के रूप में काम करता था। वह आईएसआई का मददगार था। उसके अक्सर पाक के उन आतंकी शिविरों में जाने की भी खबरें मिलती रही हैं, जहां भारत विरोधी योजनाएं तैयार की जाती रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मीर लंबे समय से पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान क्षेत्र की खुफिया जानकारी देता था। मीर को हत्या का डर था, तभी उसने बाहर आना-जाना काफी कम कर दिया था। एक सूत्र ने बताया, 'वह पाक सेना को बलूच लड़ाकों के बारे में खुफिया जानकारी दे रहा था। 2023 में तुर्बत में ईशनिंदा में टीचर की हत्या में मीर का ही हाथ था।'
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पाक जेल में बंद है कुलभूषण, आईसीजे ने भारत के पक्ष में दिया था फैसला
कुलभूषण जाधव को मार्च, 2016 में पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। पाक का दावा है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के कर्मचारी हैं और उन्हें जासूसी करते हुए पकड़ा गया है। 30 मार्च 2016 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कुलभूषण ईरान में कानूनी तरीके से अपना कारोबार चला रहे थे उस दौरान उनका अपहरण कर लिया गया। भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव को पाक की जेल में प्रताड़ित किया जाता रहा है। पाक सैन्य कोर्ट ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंक के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आईसीजे ने 2019 में पाक से कहा था कि वह भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करे और सजा की समीक्षा भी सुनिश्चित करे।
आईएसआई पर जताया संदेह
इस हाई प्रोफाइल कत्ल के बाद पाकिस्तान की आर्मी और उसकी खुफिया एजेंसी सकते में है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मुफ्ती मीर की हत्या करने वाले को तलशा रही है। मीर आईएसआई का एक करीबी मोहरा था। एजेंसी के इशारे पर वो एलओसी से सटे लॉन्च पैड पर एक्टिव रहता था। पाकिस्तानी लॉन्च पैड से आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराना उसका काम था। जैश अल-अदल के ईरानी को भी उसके दो बेटों के साथ नवंबर 2020 में तुर्बत में कथित तौर पर आईएसआई ने मार डाला था। संदेह है कि मीर को भी ISI ने खत्म कराया है। कुछ समय से चल रहे संघर्ष का यह नतीजा माना जा रहा है। इससे पहले कुलभूषण जाधव की किडनैपिंग से जुड़े एक और शख्स कर्नल हबीब जाहिर पर गोली चल चुकी है। 26 फरवरी को कर्नल हबीब पर अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की थी। कर्नल हबीब जाहिर भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट था। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मन एक एक कर ढेर हो रहे हैं।
भारत के वॉन्टेड आतंकियों का पाकिस्तान में हो रहा सफाया
आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान में इन दिनों कोहराम मचा है। पाकिस्तान वैसे तो आतंकियों का सबसे महफूज पनाहगाह है, इस बात से तो पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन अब पाकिस्तानी आतंकवादी अपने घर में ही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। पाकिस्तान में आतंकी पर यादों को चुन चुन कर मारा जा रहा है। इसलिए पाकिस्तान का हर आतंकी इस वक्त सेफ हाउस की तलाश कर रहा है। भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर, पाकिस्तान के रावलपिंडी में मौत हो जाती है। फिर 26 फरवरी को अज्ञात लोगों ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन अल बद्र के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की हत्या कर दी। फरवरी में ही पाकिस्तान में एक और कश्मीरी आतंकी की हत्या की खबर आई। इस आतंकी का नाम खालिद राजा बताया गया। खबर तो ये भी है कि इसी डर से दाउद इब्राहिम से लेकर हाफिज सईद ने खुद को अंडरग्राउंड कर लिया है। कुछ दिन पहले ही पाक के पूर्व मेजर ने दावा किया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ लाहौर में ऑपरेशन कर रही है। हालांकि इसको लेकर कोई पुष्ट जानाकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
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