हलाला जायज और एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा मुसलमान?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट के जरिए जायरा वसीम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा कि हलाला जायज और एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुसलमान?
बॉलीवुड अदाकारा जायरा वसीम द्वारा फिल्मों से संन्यास लिए जाने की घोषणा करने के तुरंत बाद ही पक्ष और विपक्ष में बहसें शुरू हो गईं। अब इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी का भी नाम जुड़ गया है। उन्होंने ट्वीट के जरिए जायरा वसीम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा कि हलाला जायज और एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुसलमान?
इससे पहले भी कई मशहूर हस्तियों ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की तो कुछ ने बॉलीवुड को धर्म से जोड़े जाने की जमकर आलोचना की। दरअसल, जायरा वसीम ने इस्लाम की राह में अपना करियर कुर्बान कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए कहा कि 5 साल पहले मैंने एक फैसला लिया जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। मैंने जैसे ही अपने कदम बॉलीवुड में रखे, इसने मेरे लिए लोकप्रियता के दरवाजे खोल दिए।
वो आगे लिखती हैं कि मैं लोगों के ध्यान का मुख्य चेहरा बन गई। मुझे सफलता के विचार के तौर पर पेश किया जाने लगा और अक्सर युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर मेरी पहचान होने लगी। हालांकि मैंने कभी भी ऐसा करना या बनना नहीं चाहा था खासकर सफलता एवं विफलता के मेरे विचारों के संबंध में, जिन्हें मैंने समझना एवं खोजना अभी शुरू ही किया है। उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने इस पेशे में पांच साल पूरे कर लिए हैं इस बात को स्वीकार करती हैं कि काम की वजह से मिले पहचान से वह खुश नहीं थीं।
इसे भी पढ़ें: फिल्मों को अलविदा कहने के जायरा वसीम के फैसले से गर्मायी बहस
जब जायरा वसीम को पोस्ट ध्यान से आप पढ़ेंगे तो ऐसा प्रतीत होता है कि वह बॉलीवुड में काम करके खुश नहीं थीं और तो और उन्होंने ऐसा कहा कि इस्लाम की राह में उनका करियर एक रोड़ा बन रहा है। लेकिन जायरा वसीम के इस पोस्ट ने कई लोगों के ज़हन में सवाल खड़े कर दिए, वो मुस्लिम धर्म के अभिनेता जिन्होंने बॉलीवुड में अच्छी शोहरत हासिल की और वो भी जो इस राह पर आगे नहीं बढ़ पाए।
फिल्म दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार से पहचान हासिल करने वाली जायरा वसीम चाहती तो बिना किसी विवाद के फिल्म जगत को अलविदा कह सकती थी लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और एक नए विवाद को जन्म दे दिया। अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हलाला जायज और एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुसलमान? तो इसके बाद यह ट्वीट काफी वायरल हो गया और पक्ष-विपक्ष में लोगों ने अपनी राय रखी।
क्या है हलाला?
हलाला को ही निकाह हलाला के तौर पर देखा जाता है। शरिया के अनुसार अगर कोई पुरुष औरत को तलाक देता है फिर उसी के औरत के साथ शादी करना चाहता है तो औरत को पहले किसी दूसरे पुरुष से शादी कर तलाक लेना पड़ेगा। लेकिन इसे भी ध्यान में रखना पड़ता है कि यह इत्तिफाक से हो तभी जायज है। जानबूझकर या योजनाबद्ध तरीके से किसी और मर्द से शादी करना और उससे सिर्फ इसलिए तलाक ले लेना कि पहले शौहर से निकाह कर सके तो यह साजिश मानी जाती है और अल्लाह के रसूल ने ऐसी साजिश करना गलत बताया है।
ये हैं ऐसे नाम जो सालों से निभा रहे अपने किरदार को
मौजूदा समय में जिस तरीके से इस्लाम का नाम लेकर आलोचनाओं का दौर शुरु हुआ है ऐसे में तो सवाल फिर आयशा टाकिया, सारा अली खान, हुमा कुरैशी, तब्बू, कैटरीना कैफ जैसे तमाम मुस्लिम अभिनेत्रियों पर उठ सकता है। लेकिन सवाल आखिर उठे क्यों? क्या इन महिला कलाकारों का अपना कोई जीवन नहीं है? क्यों उन्हें अपने जीवन के बारे में कोई भी फैसला करने का हक नहीं है? यह ध्यान रखना चाहिए कि जब महिलाओं की तरक्की होती है तभी असल विकास होता है...
इसे भी पढ़ें: दंगल गर्ल जायरा वसीम ने बॉलीवुड को कहा अलविदा, जानें क्या है वजह?
अगर जायरा वसीम को बॉलीवुड को अलविदा कहना ही था तो चुपचाप गुड बॉय बोलकर चली जाती। पूरा लंबा चौड़ा फेसबुक पोस्ट वो भी 1945 शब्दों का यह किसी उन मुस्लिम लड़कियों को मुश्किल में जरूर डाल दिया होगा जो घरवालों के विरोध के बावजूद कुछ बड़ा करने की सोच रखती हैं। ऐसे में उनके ज़हन में कई सारे सवाल उठ रहे होंगे। कश्मीर से आने वाली जायरा उन लड़कियों की रोल मॉडल हुआ करती थी जिन्हें थोड़ी बहुत शिक्षा दिलाकर शादी के बाद घर में बैठा दिया जाता है। ऐसे में उन लड़कियों के सामने अब क्या रास्ता होगा?
अन्य न्यूज़