Mahua Moitra विवाद के बीच राज्यसभा ने अपने सांसदों के लिए जारी की अधिसूचना, विदेश दौरे को लेकर किया सतर्क

नयी अधिसूचना में कहा गया है कि सांसदों को निजी विदेश यात्रा के दौरान विदेशी आतिथ्य स्वीकार करते समय सख्त दिशानिर्देशों का पालन करना होगा तथा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले, राज्यसभा ने अपने सदस्यों को विदेश यात्रा, यहां तक कि निजी यात्रा पर भी जाने से पहले विदेश मंत्रालय (एमईए) से राजनीतिक मंजूरी लेने की याद दिलाई। नयी अधिसूचना में कहा गया है कि सांसदों को निजी विदेश यात्रा के दौरान विदेशी आतिथ्य स्वीकार करते समय सख्त दिशानिर्देशों का पालन करना होगा तथा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
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अधिसूचना में क्या है
राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन अपने सांसदों के लिए 2005 की आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा किसी भी विदेशी स्रोत, अर्थात् किसी भी देश की सरकार या किसी विदेशी इकाई से सभी निमंत्रण विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजे जाने की उम्मीद है। हालाँकि, यदि ऐसा निमंत्रण सीधे प्राप्त होता है, तो सदस्यों को इसे विदेश मंत्रालय के ध्यान में लाना आवश्यक है और इस उद्देश्य के लिए उस मंत्रालय की आवश्यक राजनीतिक मंजूरी भी प्राप्त की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें ऐसे उपहार न लेने का भी आदेश दिया गया है, जो उनके आधिकारिक कर्तव्यों के ईमानदार और निष्पक्ष निर्वहन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय को दो हफ्ते पहले सूचित करें
ये दिशानिर्देश ऐसे समय में आया है जब लोकसभा की आचार समिति ने ‘धन लेकर प्रश्न पूछने’ के विवाद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सदस्य महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की है। मोइत्रा पर संसद में सवाल उठाने के लिए दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से ‘अवैध धन’ लेने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि सांसदों को यह भी सलाह दी जाती है कि विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने के लिए उनके आवेदन यात्रा की प्रस्तावित तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले गृह मंत्रालय के पास पहुंच जाने चाहिए।
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अधिसूचना में कहा गया है, आतिथ्य स्वीकार करने से पहले, संसद सदस्यों को आतिथ्य प्रदान करने वाले संगठन/संस्था की साख के बारे में खुद को संतुष्ट करना चाहिए। एक अन्य अधिसूचना में कहा गया है कि सांसदों से अनुरोध है कि वे अपनी विदेश यात्रा के उद्देश्य की जानकारी कम से कम तीन सप्ताह पहले महासचिव को भेजें, ताकि विदेश मंत्रालय और संबंधित भारतीय मिशन/पोस्ट को इसके बारे में सूचित किया जा सके। सदस्यों से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपने यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप देते ही सम्मेलन एवं प्रोटोकॉल अनुभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव को ई-मेल करें।
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