किसानों के प्रदर्शन से रेलवे को हो रहा भारी नुकसान, अमरिंदर ने केंद्र पर लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

punjab
अंकित सिंह । Nov 5 2020 12:51PM

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दिया और केंद्र सरकार पर उनके राज्य के साथ “सौतेला” व्यवहार करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों के आंदोलन का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और चीन एवं पाकिस्तान इस सीमावर्ती राज्य में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।

पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। सत्ताधारी कांग्रेस के साथ साथ शिरोमणि अकाली दल और किसान संगठन इन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रेल सेवा ठप है और राजनीति अपने चरम पर है। भाजपा और कांग्रेस लगातार एक दूसरे पर बरस रहे है। मामला यहां तक पहुंच गया है कि अब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब से कांग्रेस के सभी विधायकों और सांसदों ने जंतर मंतर पर धरना दिया। इस धरने में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस, पंजाबी एकता पार्टी के विधायक सुखपाल खैरा और शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के विधायक परमिंदर सिंह ढींढसा शामिल हुए। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानून किसानों के हितों के विरोधी हैं और कार्पोरेट घरानों के हित में हैं। हालांकि, केंद्र ने जोर दिया है कि नए कानून किसानों के हित में हैं।

अमरिंदर ने केंद्र पर ‘सौतेले’ व्यवहार का आरोप लगाया

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दिया और केंद्र सरकार पर उनके राज्य के साथ “सौतेला” व्यवहार करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों के आंदोलन का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और चीन एवं पाकिस्तान इस सीमावर्ती राज्य में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने राज्य के किसानों को ‘बचाने’ का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि केंद्र उनकी जीविका के खिलवाड़ कर रही है। धरने में पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि अपको एक व्यवस्था की जगह दूसरी व्यवस्था लाकर क्या मिला और यह दूसरी व्यवस्था पंजाब में नहीं चल सकती। किसानों से खरीद के लिए किसी को कोई रोक नहीं रहा है, लेकिन आप मौजूदा व्यवस्था को बाधित मत करिए। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे मंत्री किसान संगठनों से बातचीत कर रहे हैं और उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं। दो चीजों के साथ किसी शासक को छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। पहला धर्म और दूसरी जीविका। 

इसे भी पढ़ें: अमरिंदर सिंह जंतर मंतर पर धरने पर बैठे, अकाली दल बोला भूख हड़ताल करो

रेलवे को हो रहा नुकसान

पंजाब में जारी किसान आंदोलन से रेलवे को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। रेलवे के मुताबिक उसे अब तक 12 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान हो चुके है जबकि 1350 पैसेंजर ट्रेनें नहीं चल रही हैं। रेलवे ने यह भी दावा किया कि 2225 माल गाड़ियों के नहीं चलने के कारण पंजाब, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश से जरूरी सामानों का आदान-प्रदान नहीं हो रहा है। इसके कारण इन प्रदेशों में सामान की भारी किल्लत शुरू हो गई है। इस प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर फिरोजपुर डिवीजन, अंबाला और दिल्ली व बीकानेर डिवीजन पर पड़ा है। रेलवे ने अब तक 585 ट्रेनें कैंसिल की है। 85 ट्रेनों के रास्ते बदले है। 353 ट्रेनों को मंजिल से पहले रोक दिया जा रहा है जबकि 350 ट्रेनों को आगे के स्टेशनों से चलाया जा रहा है। रेलवे ने दावा किया है कि उसे हर रोज ₹1485 करोड़ का नुकसान हो रहा है। 

इसे भी पढ़ें: कृषि कानून: अमरिंदर सिंह के प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिला राष्ट्रपति से मिलने का समय, राजघाट पर देंगे धरना

कोई रेल पटरी अवरुद्ध नहीं है, प्लेटफार्म खाली कर दिए जाएंगे: पंजाब के किसान संगठन

पंजाब में केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने जोर देकर कहा कि इस समय रेल पटरियों की कोई नाकेबंदी नहीं है और प्लेटफार्मों को खाली कर दिया जाएगा। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा कुछ पटरियों की नाकेबंदी के कारण रेलवे द्वारा मालगाड़ियों का संचालन स्थगित किए जाने के बाद पंजाब में ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसान संगठनों का दावा है कि वे अब रेल पटरियों पर नहीं बल्कि पास के प्लेटफार्मों पर विरोध कर रहे हैं जबकि रेलवे का कहना है कि कुछ पटरियों पर आंदोलन अभी भी जारी है। संगठनों ने घोषणा की कि वे बृहस्पतिवार को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी सड़क नाकेबंदी के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे राज्य में 15 और दिनों के लिए मालगाड़ियों की आवाजाही की अनुमति देंगे।

इसे भी पढ़ें: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ गहलोत सरकार ने पारित किए संशोधन विधेयक

केंद्र ट्रेनों के संचालन को लेकर उत्सुक लेकिन पंजाब सरकार नहीं निभा रही अपनी जिम्मेदारी: नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब में मालगाड़ियों का संचालन निलंबित होने के चलते राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को आड़े हाथों लिया और कहा कि इसके लिए वह खुद और उनकी पार्टी जिम्मेदार है क्योंकि उन्होंने कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों को खुलकर उकसाया। ज्ञात हो कि सिंह ने रविवार को नड्डा को खुला पत्र लिखकर रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के संचालन को लगातार निलंबित रखे जाने पर चिंता व्यक्त की थी और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सशस्त्र बलों पर इसके खतरनाक परिणाम को लेकर आगाह किया था। सिंह के पत्र के जवाब में नड्डा ने पत्र के माध्यम से कहा कि राज्य की स्थिति को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से जताई गई चिंता से वह वाकिफ हैं लेकिन मेरे हिसाब से इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए आप पूरी तरह जिम्मेवार हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि भारत सरकार पंजाब में ट्रेनों के संचालन को लेकर उत्सुक है लेकिन दुर्भाग्य है कि जैसी आपसे और आपकी सरकार से उम्मीद की जाती है, वैसी भूमिका का निर्वाह नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा किए गए कृषि सुधारों को किसानों के हित में बताते हुए नड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य है कि आप (सिंह) और आपकी पार्टी (कांग्रेस) ने इन कानूनों का विरोध आरंभ किया और इस क्रम में सभी सीमाओं और मर्यादाओं को पार कर दिया गया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार और कांग्रेस ने किसानों को प्रदर्शन के लिए उकसाया और खुद धरना व प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं ने ऐसे भड़काऊ बयान दिए जिससे आंदोलन को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार ने आग में घी डालने का काम किया जब खुलकर आपने घोषणा की कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी, भले ही वे सड़कों या रेल की पटरियों पर धरना या प्रदर्शन करेंगे। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़