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अमरिंदर सिंह जंतर मंतर पर धरने पर बैठे, अकाली दल बोला भूख हड़ताल करो
- अनुराग गुप्ता
- नवंबर 4, 2020 15:39
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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहले राजघाट पर धरना प्रदर्शन करने वाले थे लेकिन फिर उन्होंने प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर का चुनाव किया।
नयी दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दों पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा था लेकिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। जिसके बाद अब उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना दिया। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि जब पंजाब विधानसभा में केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी किए जाने वाला विधेयक पारित हो गया है तो फिर अमरिंदर सिंह ऐसा क्यों कर रहे हैं। दरअसल, धरना प्रदर्शन से पहले अमरिंदर सिंह ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है। हमने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए नए कृषि कानून बनाए लेकिन यह बिल अभी राज्यपाल के पास पड़े हैं। हमने 20 अक्टूबर को उन्हें बिल दे दिया था लेकिन उन्होंने अभी तक उसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा है। मैं राष्ट्रपति से मिलकर इसके बारे में अवगत कराना चाहता था। उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रपति इस बिल को स्वीकार करेंगे।
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किसानों की बात करते हुए पंजाब सरकार केंद्र के कानून को निष्प्रभावी करने वाला विधेयक तो पारित कर दिया लेकिन अभी तक राज्यपाल ने अपनी मंजूरी नहीं दी है और राष्ट्रपति महोदय से भी मिलने का समय नहीं मिला। जिसके बाद पंजाब के विधायकों ने जंतर-मंतर का रुख किया।
अमरिंदर सिंह पहले राजघाट पर धरना प्रदर्शन करने वाले थे लेकिन फिर उन्होंने प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर का चुनाव किया। वहीं, धरने में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी को पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोक लिया गया। उन्होंने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया।
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वहीं, दूसरी तरफ पंजाब की विपक्षी पार्टियों- शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के क्रमित ‘धरने’ का नेतृत्व करने के फैसले को ड्रामा और फोटो खिंचवाने का मौका करार दिया। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक बयान में अमरिंदर सिंह से कहा कि वे दिल्ली में क्रमिक ‘धरने’ में शामिल न हों, बल्कि केंद्र के कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने की मांग को लेकर राजघाट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करें। इस बीच शिअद प्रमुख ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या वह वास्तव में विरोध को लेकर गंभीर हैं या केवल दिखावा कर रहे हैं।
##WATCH | Delhi: Punjab MLAs march to Jantar Mantar from Punjab Bhawan to stage a protest.
— ANI (@ANI) November 4, 2020
As per Punjab CMO, the demonstration will 'highlight the state’s power crisis & critical essential supplies situation amid Centre’s refusal to allow movement of goods trains' pic.twitter.com/bp4t3aLJns
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- दिनेश शुक्ल
- जनवरी 28, 2021 07:58
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दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाये गये श्रमिक विरोधी कानून के कारण पूंजीपति व उद्योगपति श्रमिकों को बेरोजगार कर रहे है। जिनकी लड़ाई कांग्रेस हमेशा से लडती आई है और हमेशा लडती रहेगी। चंद पूंजीपतियों के इशारे पर काम करने वाली मोदी सरकार आज देश की जनता को मंहगाई की आग में जोख रही है।
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राजस्थान सड़क हादसे में मध्य प्रदेश के 8 लोगों की मौत,राजगढ़ जिले का रहने वाला था परिवार
- मनीष सोनी
- जनवरी 28, 2021 07:30
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जीरापुर थाना प्रभारी रमाकांत उपाध्याय ने बताया कि टोंक पुलिस से सूचना मिलने के बाद परिवार के लोगों को हादसे की सूचना दे दी गई है। वही दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इस पर शोक जताया है।
राजगढ़। राजस्थान के टोंक जिले के सदर थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात तेज रफ्तार ट्रेलर और जीप की भिड़ंत मे मध्य प्रदेश के रहने वाले एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई,जबकि चार घायल हो गए।इस दुर्घटना में तीन वर्ष की बच्ची नन्नू सुरक्षित बच गई। घायलों को उपचार के लिए जयपुर भेजा गया है। मृतकों में चार पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। दुर्घटना का शिकार परिवार खाटू श्यामजी के दर्शन करके जीरापुर (राजगढ़ )लौट रहा था।
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हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर पक्का बंधा क्षेत्र में हुआ। इसमें ट्रेलर से टकराने के बाद सवारी वाहन पुलिया की दीवार से टकरा गया। जिसके कारण दुर्घटना के बाद वाहन में संवार लोग फंस गए। हादसे मे कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं कुछ की अस्पताल पहुँचने के बाद मौत हो गई। हादसे मे मरने वाले सभी 8 लोग एक ही परिवार के थे। इनमें से एक महिला और एक बच्चा उज्जैन जिले के मक्सी में रहते थे, जबकि एक बच्ची माकड़ोन निवासी थी।
इसे भी पढ़ें: पद्म पुरस्कारों ने बढ़ाया मध्य प्रदेश का गौरव- विष्णुदत्त शर्मा
दुर्घटना के मृतकों में राधेश्याम सोनी (48) निवासी जीरापुर, रामबाबू सोनी (37) निवासी जीरापुर,ललित सोनी ( 24)निवासी जीरापुर, नयन सोनी (15 )निवासी जीरापुर,अक्षत सोनी (7) निवासी मक्सी, ममता सोनी (28 ) निवासी मक्सी,बबली उर्फ संतोष सोनी (28 ) निवासी जीरापुर,अक्षिता सोनी (8) निवासी माकड़ोन शामिल है। एक तीन वर्ष की बालिका नन्नु को हादसे में खरोंच तक नहीं आई। चारों घायलों का जयपुर एसएमएस मे उपचार जारी है। जीरापुर थाना प्रभारी रमाकांत उपाध्याय ने बताया कि टोंक पुलिस से सूचना मिलने के बाद परिवार के लोगों को हादसे की सूचना दे दी गई है। वही दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इस पर शोक जताया है।
राजस्थान में हुई सड़क दुर्घटना में हमारे राजगढ़ के एक ही परिवार के कई भाई - बहनों के असामयिक निधन के समाचार से अत्यधिक दुःख पहुंचा है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 27, 2021
ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
राज्यपाल की ओर से 12 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए सम्मानित
- दिनेश शुक्ल
- जनवरी 27, 2021 23:57
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इसके तहत राजभवन के अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को राज्यपाल की ओर से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ सहित शॉल, श्रीफल और मिठाई भेंट कर सम्मानित किया।
भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कोविड-19 संक्रमण की स्थितियों को देखते हुए मध्य प्रदेश के 12 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के निवास पर जाकर उन्हें सम्मानित करने की व्यवस्था कराई है। इसके तहत राजभवन के अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को राज्यपाल की ओर से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ सहित शॉल, श्रीफल और मिठाई भेंट कर सम्मानित किया।
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भोपाल में निवासरत स्वतंत्रता सेनानियों को राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया गया। इनमें श्री देवीशरण, श्रीमती पार्वती देवी, श्रीमती सावित्री देवी, श्रीमती चंद्रावती सिंह, श्री मुफ्ती अब्दुल रज्जाक, श्री मुख्तार खान, श्री हबीब नजर, श्री माणिकचंद चौबे, श्री नारायण प्रसाद नरोलिया, श्री मोहम्मद जमीर, श्री लक्ष्मीकांत मिश्रा और श्रीमती नारायणी देवी शामिल है।

