राज्यसभा चुनाव: राजस्थान के रण में आया दिलचस्प मोड़, बसपा ने जारी किया व्हिप तो कांग्रेस ने दावों को किया खारिज

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बसपा ने व्हिप जारी करते हुए अपने विधायकों को निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले 6 विधायक साल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बसपा ने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करना उल्लंघन माना जाएगा।

जयपुर। राज्यसभा चुनाव 10 जून को होने वाला है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने तो बाकायदा एक बार फिर से रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लिया है। पार्टी ने हरियाणा और राजस्थान के विधायकों को एकजुट रखने के लिए रिजॉर्ट में भेज दिया है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों के लिए व्हिप जारी कर मामले को और भी ज्यादा दिलचस्प बना दिया है। 

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बसपा ने व्हिप जारी करते हुए अपने विधायकों को निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले 6 विधायक साल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बसपा ने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करना उल्लंघन माना जाएगा।

निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के लिए बसपा के छह पूर्व विधायकों का वोट निर्णायक साबित हो सकता है। दरअसल, 6 विधायकों की सदस्यता की वैधता अभी तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नहीं की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि छहों विधायक कांग्रेस को वोट देंगे।

अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि कोई भ्रम नहीं है, चूंकि बसपा के टिकट पर जीते हैं तो विधायक बसपा के व्हिप के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं। राजेंद्र गुढ़ा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली ने बसपा उम्मीदवार के रूप में साल 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन सितंबर 2019 में सत्तारूढ़ कांग्रेस में विलय कर लिया था।

कांग्रेस ने बसपा के दावे को किया खारिज

कांग्रेस ने बसपा के दावों को खारिज कर दिया। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि किसी भी कोर्ट ने उनकी कांग्रेस सदस्यता पर रोक नहीं लगाई है, इसलिए वे कांग्रेस के सदस्य बने हुए हैं। उनके (बसपा) दावों की कोई कानूनी वैधता नहीं है और अगर उनके पास दावों का समर्थन करने के लिए कोई कागज है तो उन्हें उसे साझा करना चाहिए। 

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निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा के नामांकन दाखिल करने के साथ ही मुकाबला दिलचस्प हो गया। सुभाष चंद्रा को भाजपा और जजपा ने समर्थन देने का ऐलान पहले ही कर दिया था और अब बसपा ने व्हिप जारी किया है। ऐसे में मामला फंसने की संभावना दिखाई दे रही है।

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है और इससे पहले कांग्रेस के कुछ विधायक पार्टी आलाकमान के फैसले से नाराज दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए रिजॉर्ट का सहारा लिया है। इसके बावजूद कांग्रेस समीकरण साधने में जुटी हुई है। कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं। इसके अलावा पार्टी को लगता है कि 11 निर्दलियों, 2 माकपा और एक आरएलडी विधायक का समर्थन उन्हें मिल सकता है।

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