उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: बाईपास,रिंग रोड, फ्लाईओवर के चालू कार्यों हेतु धनराशि की गई अवमुक्त

Keshav Prasad Maurya

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में शहरों के बाईपास/रिंग रोड/फ्लाईओवर निर्माण योजनान्तर्गत स्वीकृत जनपद बरेली व महाराजगंज के 02 चालू कार्यों हेतु रूपए 15 करोड़ 84 लाख 26 हजार की धनराशि का आवंटन उप्र शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उप्र शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण लखनऊ का 47वाँ स्थापना दिवस समारोह 2021 का कल 24 नवम्बर, 2021 को अपराह्न 04:00 बजे से राज्य लोक सेवा अधिकरण, इन्दिरा भवन लखनऊ के मीटिंग हॉल कक्ष-संख्या 118 में आयोजित किया गया है। इस स्थापना दिवस समारोह-2021 कार्यक्रम में पूर्व मुख्य न्यायाधीश मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मा0 न्यायमूर्ति  गोविन्द माथुर, मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा मा0 उच्च न्यायालय खण्ड पीठ लखनऊ के मा0 न्यायमूर्ति  डी0के0 उपाध्याय एवं तेलंगाना उच्च न्यायालय की मा0 न्यायमूर्ति जी0 देवी तथा अन्य वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी उ0प्र0 राज्य लोक सेवा अधिकरण के संयुक्त निबन्धक (न्यायिक) स्वतंत्र प्रकाश ने दी है। 

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बाईपास/रिंग रोड/फ्लाईओवर के चालू कार्यों हेतु रू धनराशि अवमुक्त

 

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में शहरों के बाईपास/रिंग रोड/फ्लाईओवर निर्माण योजनान्तर्गत स्वीकृत जनपद बरेली व महाराजगंज के 02 चालू कार्यों हेतु रू0 15 करोड़ 84 लाख 26 हजार की धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन 02 चालू कार्यों में जनपद बरेली में बरेली शाहजहांपुर मार्ग पर सेटेलाईट बस स्टैण्ड के पास स्थित चौराहे पर उपरिगामी सेतु का निर्माण कार्य तथा जनपद महाराजगंज में महराजगंज बाईपास का निर्माण कार्य (अ0जि0मा0) के कार्य शामिल हैं। जारी शासनादेश में निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग अंकित परियोजनाओं पर ही मानक/विशिष्टियों के अनुरूप एवं वित्त विभाग द्वारा निर्गत आदेशों/ज्ञापों तथा बजट मैनूअल और वित्तीय हस्तपुस्तिका के नियमों/स्थाई आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये व्यय की जायेगी। उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

छात्रहित में रिक्त सीटों को भरे जाने हेतु परिषद द्वारा लिया गया निर्णय

 

प्रदेश की राजकीय अनुदानित एवं निजी पॉलीटेक्निक संस्थाओं में चल रहे विभिन्न डिप्लोमा इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी, फार्मेसी, मैनेजमेंट एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों  में सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउन्सिलिंग का एक अतिरिक्त विशेष ग्यारहवां चरण 25 नवम्बर, 2021 तक आयोजित किया जायेगा। इस विशेष चरण का आयोजन 19 नवम्बर, 2021 से किया जा रहा है। यह जानकारी संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव,  राम रतन ने दी। उन्होंने बताया कि सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउन्सिलिंग के नौ चरण 25 अक्टूबर, 2021 को तथा विशेष दसवें चरण की काउन्सिलिंग 09 नवम्बर, 2021 को पूर्ण हो चुकी है। संस्था में प्रवेश के लिए आवंटित अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात कतिपय छात्र/ छात्राओं द्वारा संस्था में प्रवेश न लेने के कारण अब तक कुछ सीटें रिक्त हैं। छात्रहित में इन रिक्त सीटों को भरे जाने के लिए ही परिषद द्वारा एक अतिरिक्त विशेष ग्यारहवां चरण आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन काउन्सिलिंग के ग्यारहवें चरण से सम्बंधित रिक्त सीटों की संस्थावार एवं पाठ्यक्रम विवरण, विस्तृत समय सारिणी, काउन्सिलिंग प्रक्रिया एवं अन्य आवश्यक जानकारियॉँ परिषद की वेबसाइट रममबनचण्दपबण्पद पर उपलब्ध हैं। इच्छुक अभ्यर्थी परिषद की वेबसाइट देख सकते हैं।

आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन हेतु स्वैच्छिक संगठनों हेतु 1.81 करोड़ रूपए मंजूर

 

प्रदेश सरकार ने मानसिक मंदित एवं मानसिक रूप से बीमार निराश्रित दिव्यांगजन हेतु आश्रय गृह सह-प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान योजना के तहत लगभग 1.81 करोड़ रूपये मंजूर किये हैं। यह धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष व्यय की स्वीकृति सहित निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण को उपलब्ध करा दी गई है। इस संबंध में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार यह धनराशि गोरखपुर, सुल्तानपुर, लखनऊ, कासगंज, इटावा, बरेली, बिजनौर, हापुड़, बदायूं, कन्नौज, मथुरा एवं आजमगढ़ जिलों में संचालित कुल 18 स्वैच्छिक संस्थाओं हेतु मंजूर की गयी है। इस धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार व नियमानुसार किये जाने का दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का होगा। इस योजना के अन्तर्गत जिन संस्थानों को अनुदान दिया जा रहा है, संस्थायें प्राप्त अनुदान का उपभोग वित्तीय नियमों का पालन करते हुये उसी कार्य के लिए करेंगे, जिस कार्य के लिए उन्हें अनुदान प्राप्त हुआ है। संस्थाओं को प्रदत्त अनुदान राशि के व्यय का ऑडिट निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा कराकर ऑडिट रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायी जायेगी। मंजूर की जा रही धनराशि के व्यय करने में शासन द्वारा निर्गत सभी दिशा-निर्देशों, वित्तीय नियमों एवं मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने का दायित्व निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का होगा।

प्रयागराज में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला एवं मण्डलीय कार्यालय के भवन निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद प्रयागराज के ग्राम मलाक चौधरी तहसील सौरांव, परगना-मिर्जापुर चौहारी, में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला एवं मण्डलीय कार्यालय के निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में 01 करोड़ रूपये की धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। निर्माण कार्य हेतु यू0पी0 स्टेट कांस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि0 (यू0पी0सिडको) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि प्रायोजना का सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। कार्य की गुणवत्ता, मानक एवं विशिष्टियों की जिम्मेदारी आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ की होगी। योजना हेतु भारत सरकार के दिशा-निर्देेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा तथा कार्य को निर्धारित अवधि में ही पूर्ण किया जायेगा, जिससे कास्ट ओवर एवं टाइम ओवर की स्थिति उत्पन्न न हो। निर्माण कार्य नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियों एवं पर्यावरणीय क्लीयरेन्स सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये।

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किसानों को किया गया 808.56 करोड़ रूपये का भुगतान

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 752137.87 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आज 65920.08 मीट्रिक टन खरीद हुई है। इस योजना से अब तक 109420 किसान लाभान्वित हुए हैं और करीब 808.567 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।

निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ाने पर.515 करोड़ रूपये का निवेश

प्रदेश में गन्ने की खेती एक नगदी फसल के रूप में प्रचलित है और राज्य के लगभग 45 लाख गन्ना कृषकों एवं उनके परिवारीजनों तथा इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार में लगे कामगारों की आजीविका का प्रमुख संसाधन है। गन्ना फसल एवं चीनी मिलें प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। उक्त के दृष्टिगत राज्य सरकार चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के माध्यम से गन्ना कृषकों की आय दोगुनी करने एवं गन्ना विकास तथा गन्ना आपूर्ति को सुगम बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास,  संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि विगत चार वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में चीनी मिलों के साथ-साथ गन्ना आपूर्ति हेतु अन्य वैकल्पिक साधनों को विकसित किये जाने एवं ग्रामीण क्षेत्र में लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास तथा स्थानीय रोजगार सृजन के दृष्टिगत खाण्डसारी इकाइयों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरलीकृत किया गया, जिसके फलस्वरूप खाण्डसारी इकाईयों के 275 नवीन लाइसेंस निर्गत किये गये। इन परियोजनाओं पर कुल 1,161.20 करोड़ रूपये का निवेश होने का अनुमान है।  भूसरेड्डी ने बताया कि पूर्वांचल क्षेत्र में किसानों को पुनः गन्ना खेती हेतु प्रेरित कर आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए तथा उ.प्र. राज्य चीनी निगम के अधीन बंद चीनी मिलों के संचालन का निर्णय लेते हुए मुण्डेरवा एवं पिपराईच में 5,000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलें एवं सल्फरलेस शुगर उत्पादन का संयंत्र स्थापित कर संचालित की गई इसके साथ ही 27 मेगावाट का नया कोजन प्लाण्ट भी लगाया गया। इन परियोजनाओं पर कुल 873.30 करोड़ रूपये का निवेश किया गया। निगम क्षेत्र की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल की पेराई क्षमता 2,500 से बढ़ाकर 3,500 टी.सी.डी. की गई तथा 15 मेगावाट का कोजन लगाया गया, जिस पर 165 करोड़ रूपये का निवेश किया गया। सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल रमाला की पेराई क्षमता को बढ़ाते हुए 5,000 टी.सी.डी. का नया प्लाण्ट स्थापित किया गया तथा 06 चीनी मिलों यथा सरसांवा, अनूपशहर, सम्पूर्णानगर, बेलरायां, पुवांया एवं नानपारामें तकनीकी अपग्रेडेषन एवं 06 आसवनियों यथा ननौता, सम्पूर्णानगर, अनूपशहर, कायमगंज, नानपारा एवं घोसी में जेड.एल.डी. प्लाण्ट की स्थापना कर आसवनियों को दोबारा संचालित किया गया। 02 चीनी मिलों नजीबाबाद एवं सठियांव में नये आसवनी प्लाण्ट स्थापित किये गये। इन परियोजनाओं पर कुल 647.25 करोड़ रूपये का निवेश किया गया। पिपराईच एवं मुण्डेरवा नई चीनी मिलों की स्थापना, पूर्वांचल क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होगा, वहीं मोहिउद्दीनपुर एवं रमाला चीनी मिलों के क्षमता विस्तार से पश्चिमी उ.प्र. के गन्ना कृषकों को अपने गन्ने की आपूर्ति करने में सुगमता होगी जो क्षेत्र की उन्नति में सहायक होगा। इसके अतिरिक्त 11 निजी चीनी मिलों में गन्ने की उपलब्धता को देखते हुए गन्ना आपूर्ति को सुगम बनाने हेतु इन चीनी मिलों की 20,600 टी.सी.डी. पेराई क्षमता बढ़ायी गई है तथा इन पर लगभग  515 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। निगम, सहकारी एवं निजी क्षेत्र में उपरोक्तानुसार किये गये पूंजी निवेश से प्रदेश के गन्ना किसानों की समृद्धि, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन एवं चीनी मिलों की कार्य दक्षता बढ़ेगी तथाग्रामीण क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होने के फलस्वरूप प्रदेश के आर्थिक विकास को गति प्राप्त होगी। प्रदेश सरकार द्वारा चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास के क्षेत्र में किसानों के हित में किये गये निवेषों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास,  संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू रखने, लघु ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने एवं गन्ना आपूर्ति हेतु एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में वर्ष 2018-19 में विभाग द्वारा नई खाण्डसारी नीति लागू करते हुए ऑनलाइन लाइसेन्सिंग की व्यवस्था की गई। इस व्यवस्था के तहत अब तक 275 नवीन लाइसेन्स (पेराई क्षमता 69,450 टी.सी.डी.) निर्गत किये जा चुके है, जिनकी स्थापना से 1,161.20 करोड़ रूपये का निवेश ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित है। उक्त के सापेक्ष अब तक 176 इकाईयों (पेराई क्षमता 43,802 टी.सी.डी.) का संचालन शुरू हो चुका है, जिनके अधीन 388 करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों की गन्ना आपूर्ति समस्या के दृष्टिगत सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल रमाला-बागपत की पेराई क्षमता 2,750 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 5,000 टी.सी.डी. की गई तथा 27 मेगावाट का नया कोजन प्लाण्ट स्थापित किया गया, जिस पर कुल 309.46 करोड़ रूपये का निवेश किया गया। ऊर्जा उत्पादन से प्रदेश की ऊर्जा समस्या का हल होगा। चीनी मिल की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार, जिससे गन्ना मूल्य भुगतान में सहूलियत मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी क्षेत्र की स्नेहरोड-बिजनौर चीनी मिल में 40 के.एल.पी.डी. क्षमता की नई आसवनी स्थापित की गई जिस पर कुल 51.37 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। सहकारी क्षेत्र की सठियांव-आजमगढ़ चीनी मिल में 30 के.एल.पी.डी. क्षमता की नई आसवनी स्थापित की गई जिस पर कुल   56.41 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। इससे दोनों चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार तथा गन्ना मूल्य भुगतान में सुगमता होगी और अतिरिक्त रोजगार का सृजन भी होगा। एथनॉल उत्पादन में वृद्धि से पेट्रोलियम ईधन की समस्या का समाधान होगा एवं पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आयेगी। सहकारी क्षेत्र की सरसांवा, अनूपशहर, सम्पूर्णानगर, बेलरायां, पुवांया एवं नानपारा की कार्यक्षमता में सुधार हेतु तकनीकी अपग्रेडेशन किये गये, जिस पर कुल 68.71 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। आधुनिकीकरण के उपरान्त इन चीनी मिलों में स्टीम की खपत कम होगी तथा ऊर्जा एवं बगास की बचत होगी। मिलों के संचालन के दौरान ब्रेकडाउन कम होंगे तथा चीनी की गुणवत्ता में सुधार होगा। सहकारी क्षेत्र की ननौता, सम्पूर्णानगर, अनूपशहर, कायमगंज, नानपारा एवं घोसी में पर्यावरण संरक्षण हेतु बायो-कम्पोस्ट आधारित जेड.एल.डी. संयंत्र स्थापित किये गये, जिस पर कुल 161.30 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सहकारी एवं निगम क्षेत्र के अतिरिक्त निजी क्षेत्र की 11 चीनी मिलों द्वारा यथा-शामली-1,500 टी.सी.डी., ऊन-2,000 टी.सी.डी., बिलारी-2,000 टी.सी.डी., हरियांवा-5,000 टी.सी.डी., निगोही-1,500 टी.सी.डी., अगवानपुर-2,000 टी.सी.डी., टिकौला-1,200 टी.सी.डी., वीनस-500 टी.सी.डी., बिसवां-1,000 टी.सी.डी., करीमगंज-2,000 टी.सी.डी. एवं मोतीनगर-1,500 टी.सी.डी. कुल-20,600 टी.सी.डी. पेराई क्षमता बढ़ाई गई। इसके अतिरिक्त पेराई क्षमता के सृजन पर प्रति टी.सी.डी. 2.50 लाख रूपये  निवेश के आधार पर लगभग 515 करोड़ रूपये का अतिरिक्त निवेश किये जाने का अनुमान है। जिससे इन मिल क्षेत्रों के गन्ना किसान लाभन्वित होंगे। इस प्रकार चीनी उद्योग एवं खाण्डसारी से जुड़ी उपर्युक्त परियोजनाओं पर विगत 04 वर्षों में लगभग कुल 3,333 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। जिनसे प्रदेश के गन्ना उत्पादक कृषकों को अपनी गन्ना फसल के विक्रय में सुगमता आयेगी।

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दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (छंजपवदंस ैबीवसंतेीपच च्वतजंस) के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु संचालित केन्द्र पोषित छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को 15 नवम्बर से बढ़ाकर 30 नवम्बर, 2021 कर दी गयी है। यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए उपलब्ध करायी गयी है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन आवेदन करने की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर 2021 है। यह जानकारी सत्य प्रकाश पटेल, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल खुलने की तिथि 18 अगस्त, 2021 है। पोर्टल पर प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 निर्धारित की गई है। पोर्टल पर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन स्वीकार हेतु अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 है। छात्रवृत्ति हेतु प्राप्त आवेदनों का प्रथम स्तर पर सत्यापन हेतु अंतिम तिथि 15 दिसम्बर, 2021 है तथा इन आवेदन पत्रों के द्वितीय स्तर पर सत्यापन हेतु अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2021 निर्धारित है। छात्रवृत्ति की पात्रता की शर्तें एवं विस्तृत जानकारी भारत सरकार के सुसंगत दिशा-निर्देश में वर्णित प्रतिबंधों के अनुसार होगी। विस्तृत दिशा-निर्देश/पात्रता की शर्तें दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की छात्रवृत्ति सम्बंधी वेबसाइट तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

जैविक खाद के उपयोग से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होगी

 

उ0प्र0 गोसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो0 श्याम नन्दन सिंह ने वर्तमान समय में रासायनिक खाद की कमी पर चर्चा करते हुए समस्या के निराकरण हेतु किसानों से यह अपील की है कि वे रासायनिक खाद के स्थान पर अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों से विश्व में कोरोना की बीमारी के चलते प्रत्येक क्षेत्र में उत्पादन कम हुआ है तथा आपूर्ति श्रंखला प्रबन्धन प्रभावित हुआ है। इसी कारण से वर्तमान समय में रासायनिक खाद की अस्थायी कमी दिख रही है।  प्रो0 श्याम नन्दन सिंह ने कहा कि जैविक खाद के उपयोग से आगे चलकर भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होगी, साथ ही साथ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से उपज की लागत में कमी आयेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी जैविक खाद का उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है, भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ती है तथा भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होता है जिससे भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है। प्रो0 श्याम नन्दन सिंह ने कहा कि आधुनिक समय में निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यन्त लाभदायक है। मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए नितान्त आवश्यक है कि प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित न हों, शुद्ध वातावरण रहे एवं पौष्टिक आहार मिलता रहे, इसके लिये हमें जैविक खेती की कृषि पद्धतियाँ को अपनाना होगा जोकि हमारे नैसर्गिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किये बगैर समस्त जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सकेगी तथा हमें खुशहाल जीवन की राह दिखा सकेगी।

विभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न

 

प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री  रमापति शास्त्री की अध्यक्षता में आज भागीदारी भवन लखनऊ में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में योजनाओं की अद्यतन प्रगति से सम्बंधित विवरण प्रस्तुत किया गया तथा विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिये गये।  शास्त्री जी ने वृद्धावस्था पेंशन योजना से सम्बंधित क्रियान्वयन से सम्बंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिलों में जन-प्रतिनिधियों व समाज कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए योजना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें। बैठक में  शास्त्री ने बताया कि सोनभद्र व मिर्जापुर के बीच में अनुसूचित जनजातियों के म्यूजियम निर्माण से सम्बंधित आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि आश्रम पद्धति के विद्यालयों में अनुदान तथा अन्य व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा की जाय। बैठक में  शास्त्री ने शादी अनुदान योजना से सम्बंधित दिशा- निर्देश जारी किये कि इस योजना से सम्बंधित आवेदन करने वालों को जल्द से जल्द अनुदान मिले तथा किसी भी प्रकार की शिथिलता की जांच की जाय। बैठक में अधिकारियों ने  शास्त्री को अवगत करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक सामान्य वर्ग के लिए छात्रवृत्ति वितरण योजना के अन्तर्गत 1580 पात्रों को लाभान्वित किया गया। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 40545 परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है। इन योजनाओं के अतिरिक्त  शास्त्री ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना की समीक्षा की।  शास्त्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के द्वारा अंिन्तम पायदान पर खड़े व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हो, इसके लिए विभागीय अधिकारियों के बीच सकारात्मक सामंजस्य बनाना आवश्यक है। बैठक में प्रमुख सचिव समाज कल्याण  हिमांशु, निदेशक समाज कल्याण  राकेश कुमार व अन्य विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

अल्पसंख्यक छात्रों के लिए नेशनल स्कालरशिप हेतु ऑनलाइन आवेदन 

 

प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदायों (जैन, बौद्ध, सिक्ख, पारसी, मुस्लिम, ईसाई) से सम्बंधित छात्र/छात्राओं के लिए वर्ष 2021-22 हेतु नेशनल स्कालरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2021 तक कर दी गयी है। पात्र छात्र नेशनल स्कालरशिप पोर्टल पर छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मैट्रिक-पूर्व, मैट्रिकोत्तर और मेरिट-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति के अन्तर्गत छात्रवृत्तियों का लाभ लेने के लिए पात्र छात्र आवेदन कर सकते हैं। आवेदक ने पिछले वार्षिक बोर्ड/कक्षा की परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों, ऐसे छात्रों को ही अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए पात्र माना जायेगा। छात्र राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल वेबसाइट या मोबाईल एप पर छात्रवृत्ति योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अल्पसंख्यक छात्र केवल वही बैंक खाता और विवरण पोर्टल पर दें जो सक्रिय हों अथवा बैंक के निर्देशों के अनुसार हों, जिससे छात्रवृत्ति के भुगतान में कोई दिक्कत न आ सके। इस संबन्ध में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की वेबसाइट टोल फ्री नं0 1800-11-2001 के माध्यम से अथवा अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ के कार्यालय से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया जायेगा नेशनल मीडिया अवार्ड-2021

 

भारत निर्वाचन आयोग ने नेशनल मीडिया अवार्ड-2021 दिये जाने का निर्णय लिया है। यह अवार्ड नेशनल वोटर डे (25 जनवरी, 2022) के दिन प्रदान किये जाएंगे। यह अवार्ड 2021 के लिए वोटरों को शिक्षित व जागरूक करने के लिए बेहतर अभियान चलाने के लिए प्रदान किये जायेंगे। ये अवार्ड सन 2012 से दिये जा रहे हैं। यह जानकारी संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी  अम्बरीश कुमार वास्तव ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक (टेलिविजन) मीडिया, इलेक्ट्रानिक (रेडियो) मीडिया एवं ऑनलाइन (इन्टरनेट) सोशल मीडिया के 04 श्रेणियों मंे प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि वे 04 श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए सम्बंधित क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने वाले एक या अधिक मीडिया संगठनों के आवेदन प्रत्येक दशा में 30 नवम्बर, 2021 तक सीधे आयोग को उपलब्ध करायें।

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग

 

माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली में योजित प्रभात वास्तव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य के मामले में सिंचाई विभाग का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मुख्य अभियंता (शारदा सहायक) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ को वाद की पैरवी करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। नोडल अधिकारी द्वारा इस प्रकरण में समय-समय पर आयोजित एवं भविष्य में आयोजित होने वाली बैठकों में शामिल होंगे। विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन  मुश्ताक अहमद की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी समय-समय पर एनजीटी के समक्ष दिये गये आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा प्रकरण से सम्बंधित बैठकों में शासन का प्रतिनिधित्व करेंगे एवं इस कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत कराएंगे।

कुआनो पम्प नहर परियोजना 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत अधिशासी अभियंता, सरयू नहर खण्ड, खलीलाबाद के चौधरी चरण सिंह, कुआनो पम्प नहर परियोजना हेतु ग्राम मुखलिसपुर, भैंसहीजोत, बनियाभार, अतरौलिया उर्फ मठिया में निर्मित बीयर कॉलोनी एवं डूब क्षेत्र का अवशेष भू-प्रतिकर भुगतान किये जाने के लिए 01 करोड़ रूपये की धनराशि चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की गयी है। इस सम्बंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा आवश्यक शासनादेश जारी किया गया है। इस शासनादेश में कहा गया है कि इस धनराशि का भुगतान किये जाने के पहले पुनः एक बार भूमि के स्वामित्व के अभिलेखों एवं तत्सम्बंधी गणनाचक्र का स्थापित नियमों के आलोक में भलीभांति परीक्षण एवं समाधान करने के बाद ही वास्तविक भू-स्वामी को भुगतान किया जाय। जिन किसानों को भुगतान उनके द्वारा प्रस्तावित किया गया है, वे भुगतान प्राप्त करने के पात्र हों तथा भुगतान की जाने वाली धनराशि शासनादेशों के तहत हो। 

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देश के निर्माण में अभियंताओं की महत्वपूर्ण भागीदारी

प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग  नितिन रमेश गोकर्ण ने सहायक अभियंताओं (सिविल) के 90 दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि देश के निर्माण में अभियंताओं की अहम भूमिका है। इसके साथ ही विभिन्न निर्माण की योजनाओं को पूरा कराने की इनकी जिम्मेदारी है। इसलिए निर्माण कार्य से जुड़े सभी अभियंताओं को निरन्तर निर्माण सम्बंधी नई तकनीकी ज्ञान से हमेशा लैस रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का समय तेजी से बदल रहा है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप निर्माण कार्यों को गति देने एवं पूरा कराने के लिए अभियंताओं को निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग विगत 15 नवम्बर को वाल्मी संस्थान में आयोजित लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंताओं के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाल्मी संस्थान जमीनी हकीकत से जुड़ा हुआ है और आम जनता की बुनियादी समस्याओं के स्थायी समाधान एवं निर्माण कार्य को उत्कृष्ट एवं टिकाऊ बनाने के लिए अभियंताओं एवं अन्य तकनीकी स्टाफ का प्रशिक्षण आयोजित करता रहता है। प्रमुख सचिव ने सहायक अभियंताओं को शुभकामनाएं देते हुए निर्माण कार्य में नये कीर्तिमान स्थापित किये जाने की कामना की। इस आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में जितेन्द्र कुमार बांगा मुख्य अभियंता (बिल्डिंग), डॉ0 पीयूष द्विवेदी, निदेशक अन्वेषणालय व  अश्विनी कुमार मिश्र अधीक्षण अभियंता अधिष्ठान उपस्थित थे। इन लोगों ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए अभियंताओं को तकनीकी गुर बताये। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर कृष्ण कुमार मुख्य अभियंता एवं निदेशक (वाल्मी) द्वारा अतिथियों का आभार प्रकट किया गया। इस कार्यक्रम में वाल्मी संस्थान के  ए0के0 झा, प्रोफेसर  जी0सी0 सिंह, प्रोफेसर, के0एन0 त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर/कोर्स निदेशक  ए0पी0 सिंह उप निदेशक प्रशासन व  राजेश शुक्ला एसोसिएट प्रोफेसर के साथ-साथ लो0नि0वि0 के सभी 38 सहायक अभियंतागण मौजूद थे।

विश्व धरोहर सप्ताह के अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा विश्व धरोहर सप्ताह (19 से 25 नवम्बर) के अन्तर्गत दिनांक 23 नवम्बर, 2021 को ‘‘विश्व विरासत’’ विषय पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विविध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभागिता की गयी। प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा0 मंजुला उपाध्याय, प्राचार्या, नवयुग कन्या महाविद्यालय, लखनऊ द्वारा चयनित प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गये। कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ के  दिग्विजय वर्मा को प्रथम एवं  विनय सिंह को द्वितीय तथा जय नारायण पी0जी0 कालेज के  विमलेश कुमार को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त  विशिष्ट प्रताप सिंह,  विशाल दीक्षित,  सुखचैन सिंह, कु0 स्नेहलता नागर, कु0 शालिनी यादव को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा0 मंजुला उपाध्याय ने उक्त अवसर पर अपने सम्बोधन में विश्व विरासतों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि धरोहरें राष्ट्र की सम्पत्ति होती हैं। ये हमारे गौरवशाली अतीत को जानने का सबसे सबल माध्यम हैं। यह हमारा दायित्व है कि हम इन्हें संरक्षित कर अपनी आगामी पीढ़ियांे हेतु सुरक्षित रखें। संग्रहालय के निदेशक डा0 आनन्द कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व धरोहर सप्ताह मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को धरोहरों के प्रति जागरूक करना है। यह हमारा भी दायित्व है कि हम अपने साथ अन्य को भी धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने का प्रयास करें। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति से ही होती है। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक, डा0 मीनाक्षी खेमका द्वारा किया गया। इस अवसर पर राज्य संग्रहालय की सहायक निदेशक  अल् शाज फात्मी, रंजना मिश्रा, डा0 अनिता चौरसिया, धनन्जय कुमार राय, शारदा प्रसाद त्रिपाठी, शशिकला राय, शालिनी वास्तव, माधुरी कीर्ति आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

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प्रदेश सरकार अनाथ, त्यक्त, अभ्यर्पित सहित विभिन्न प्रकार के बच्चों का संरक्षण, कल्याण, शिक्षा, पुनःस्थापन आदि बाल संरक्षण सेवायें प्रदान कर रही है

भारत सरकार के सहयोग से किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्राविधानों के अनुसार देखरेख की आवश्यकता एवं संरक्षण तथा विधि विरूद्ध कार्यों में लिप्त बच्चों के संरक्षण, कल्याण एवं पुनःस्थापन को सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा बाल संरक्षण सेवाएं योजना प्रदेश में संचालित की जा रही है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में 51 राजकीय संस्थायें (26 राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, 08 बाल गृह (बालक), 04 बाल गृह (बालिका), 05 बाल गृह (शिशु), 02 विशेष गृह, 01 प्लेस ऑफ सेफ्टी, 05 पश्चातवर्ती देख रेख संगठन) संचालित है। राज्य सरकार दत्तक ग्रहण के लिये अनाथ, त्यक्त, या अभ्यर्पित बच्चों के पालन-पोषण, देखभाल सहायता हेतु बच्चों के पुनर्वासित किये जाने हेतु प्रदेश में 05 राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण तथा स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से 07 विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित है। प्रदेश में पी0पी0पी0 माडल के अन्तर्गत स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से जनपद लखनऊ, एवं गौतमबुद्धनगर में मानसिक मंदित विशेषीकृत बच्चों के लिए राजकीय विशेषीकृत संचालित है। अनाथ, उपेक्षित, आदि विभिन्न प्रकार के बच्चों के विकास हेतु शहरी तथा अर्द्धशहरी क्षेत्रों में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से प्रदेश में अनुदान प्राप्त 16 खुले आश्रय गृह संचालित है। शासकीय, सहायता प्राप्त तथा स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित संस्थाओं में लगभग 6000 संवासी निवास करते हैं। स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से बाल गृहों का संचालन हेतु प्रदेश में विभिन्न प्रकार के 21 बाल गृहों (09 बालक, 09 बालिका एवं 03 शिशु) को शासकीय मान्यता प्रदान की गयी है। इस दौरान जनपद गाजीपुर एवं इटावा में 50-50 की क्षमता के नवीन राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का संचालन प्रारम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त जनपद मुजफ्फरनगर में भवन का निर्माणकार्य पूर्ण हो जाने के उपरान्त राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का पुनः संचालन प्रारम्भ कर दिया गया। प्रदेश में स्टेट डॉटा मैनजेमेंट सेंटर की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित समस्त संस्थाओं, मण्डलीय, कार्यालयों तथा जिला कार्यालयों का सी0सी0टी0वी0 के माध्यम से मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण का कार्य किया जाता है। विभागीय सूचना प्रबंधन प्रणाली (एम0आई0एस0) को तैयार कर समेकित बाल संरक्षण योजना (आई0सी0पी0एस0) के अन्तर्गत विभाग की समस्त सूचनाओं को रियल टाइम में अपलोड किये जाने का कार्य किया जा रहा है। किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत प्रदेश में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित विभिन्न अनाथालयों/आश्रमों/बाल गृहों को अधिनियम के अधीन पंजीकरण एवं मान्यता प्रदान की जा रही है। प्रदेश में महिला कल्याण विभाग के अधीन किराये के भवनों में संचालित राजकीय गृहों में निवासरत अन्तःवासियों के सुरक्षित एवं पर्याप्त स्थान के दृष्टिगत विभागीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद आगरा, रायबरेली, चित्रकूट, मीरजापुर, इटावा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, कानपुर नगर में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बच्चों का पुनःस्थापना के लिये योजना के अन्तर्गत स्पांसरशिप, फोस्टर केयर एवं दत्तक ग्रहण का प्राविधान किया गया है। वर्ष 2020-21 में स्पांसरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के अन्तर्गत क्रमशः 1007 व 05 बालक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 तक 236 बालकों को दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुर्नवासित किया गया है। गत वर्ष अभी तक 53 बच्चों को एडॉप्शन में 711 बच्चों को स्पॉन्सरशिप से तथा 03 बच्चों को फॉस्टर केयर के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है।

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