बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की नई पीढ़ी में हो रही बढ़ोत्तरी

Bandhavgarh tiger reserve area
प्रतिरूप फोटो
दिनेश शुक्ल । May 27 2021 6:13PM

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि गश्ती दल द्वारा मानपुर परिक्षेत्र के बड़खेड़ा बीट की एक गुफा में दो नवजात शावक देखे गये। इसी तरह पनपथा कोर परिक्षेत्र के चन्सुरा और बिरुहली क्षेत्र में तकरीबन 3-3 माह के 4 शावक होने की पुष्टि हुई है।

भोपाल। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र बाघों की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। यहाँ से बाघों के वयस्क होने पर कम घनत्व के संरक्षित क्षेत्र में प्रदेश के अंदर और बाहर भेजे जाते हैं। यहाँ हाल ही में बाघों के दो नवजात शावक सहित 3 से 6 माह के 8 शावकों के होने की पुष्टि हुई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने बताया कि गश्ती दल द्वारा मानपुर परिक्षेत्र के बड़खेड़ा बीट की एक गुफा में दो नवजात शावक देखे गये। इसी तरह पनपथा कोर परिक्षेत्र के चन्सुरा और बिरुहली क्षेत्र में तकरीबन 3-3 माह के 4 शावक होने की पुष्टि हुई है।

 

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आलोक कुमार ने बताया कि बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा एक वर्ष तक के बाघों के होने की जानकारी तैयार की गई है। इसमें विभिन्न गश्ती के दरम्यान ट्रेक कैमरा और प्रत्यक्ष रूप से देखने में 41 बाघ शावक के प्रमाण मिले हैं। कल्लवाह परिक्षेत्र में 8 से 10 माह के 4 शावक, ताला परिक्षेत्र में बाघिन टी-17 के 5, पतौर परिक्षेत्र में 8 से 10 माह के 12, धमोखर परिक्षेत्र में 6 माह के 4, पनपथा बफर परिक्षेत्र में 3 माह के 2, पनपथा कोर परिक्षेत्र में 3 माह के 2, भानपुर में नवजात 2 शावक, मगधी परिक्षेत्र में 10 से 12 माह के 5 और खितौली परिक्षेत्र में 8 से 12 माह के 4 शावक की पुष्टि परिक्षेत्र अधिकारियों ने की है। उल्लेखनीय है कि ताला परिक्षेत्र के पर्यटन जोन में बाघिन टी-17 के 4 शावक पर्यटकों को निरंतर आकर्षित कर रहे हैं।

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