RSS पर टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने किया राज्यपाल के संबोधन का बहिष्कार

विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि उन्होंने संबोधन के बहिष्कार का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें संदेह है कि यह अभिभाषण राज्यपाल का होगा या आरएसएस के किसी व्यक्ति का।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामे के साथ साथ हुई जब विपक्षी दलों ने आरएसएस के संबंध में हालिया टिप्पणी को लेकर संयुक्त बैठक में राज्यपाल विद्यासागर राव के संबोधन का बहिष्कार कर दिया। इस महीने की शुरुआत में नागपुर में एक टिप्पणी में राव ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को सबसे धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संस्थाओं में से एक बताते हुए कहा था कि उसने हमेशा अपने धर्म का पालन करने के लोगों के अधिकारों का सम्मान किया है।
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टिप्पणी पर अप्रसन्नता जताते हुए विपक्ष के सदस्य केन्द्रीय सभागार में नहीं बैठे। बजट सत्र के आरंभ में इसी सभागार में विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राज्यपाल संबोधित करने वाले थे। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि उन्होंने संबोधन के बहिष्कार का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें संदेह है कि यह अभिभाषण राज्यपाल का होगा या आरएसएस के किसी व्यक्ति का।
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उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है। हमें संदेह था कि उनका संबोधन राज्य के हित में होने वाला है या फिर आरएसएस के हित में। इसलिए हमने बहिष्कार करने का फैसला लिया।’ विधानसभा में राकांपा के नेता जयंत पाटिल ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष ने आरएसएस के लिए राव के समर्थन का विरोध करने का फैसला लिया है।
CM @Dev_Fadnavis greets Hon Governor C. Vidyasagar Rao as he arrives to address joint session on the 1st day of #BudgetSession of Maharashtra Legislature, earlier today. pic.twitter.com/1PwPqiG0Qg
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) February 25, 2019
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