सिसोदिया की मानहानि शिकायत पर मिले समन को रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंचे मनोज तिवारी

Manoj Tiwari

भाजपा नेता ने सिसोदिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें और अन्य को आरोपी के तौर पर समन किए जाने के आदेश को चुनौती दी है।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर एक दिसंबर को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में जारी समन को चुनौती दी है। तिवारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा से याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई का अनुरोध किया। भाजपा नेता ने सिसोदिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें और अन्य को आरोपी के तौर पर समन किए जाने के आदेश को चुनौती दी है। सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के स्कूलों की कक्षा के संबंध में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए भाजपा के नेताओं-लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी, हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा, विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विजेंद्र गुप्ता तथा भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। 

इसे भी पढ़ें: सिख विरोधी दंगा: HC ने वर्मा को सुरक्षा जारी रखने के लिए पुलिस को दिए निर्देश

इससे पहले निचली अदालत में पेश होने पर आरोपियों को जमानत मिल गयी थी। अपने वकील नीरज के जरिए तिवारी ने अपने खिलाफ समन को निरस्त करने का अनुरोध किया है। आम आदमी पार्टी के नेता ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर फर्जी और मानहानिकारक बयानों के लिए आईपीसी की धारा 34 और 35 के साथ धारा 499 और 500 के अंतर्गत अपराध के लिए सीआरपीसी की धारा 200 के तहत शिकायत दर्ज करायी थी।  सिसोदिया ने कहा था कि भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप फर्जी, मानहानिकारक और अपमानजनक थे और उनकी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाने की मंशा से ऐसे बयान दिए गए। दोष साबित होने पर मानहानि के अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़