महाराष्ट्र के नए गठबंधन ने SC के आदेश का किया स्वागत, बीजेपी ने झटका मानने से किया इंकार

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[email protected] । Nov 26 2019 2:35PM

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया गया था कि क्या उन्हें महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण के दौरान जीत का विश्वास है तो सोनिया ने कहा, ‘‘बिल्कुल।’’राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराने के न्यायालय के आदेश की मंगलवार को प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों को बरकरार रखने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं।

नयी दिल्ली। शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा गठबंधन ने महाराष्ट्र में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र एवं संवैधानिक सिद्धांतों की जीत बताया जबकि भाजपा ने कहा कि यह फैसला उसके लिए कोई ‘‘झटका’’ नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया गया था कि क्या उन्हें महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण के दौरान जीत का विश्वास है तो सोनिया ने कहा, ‘‘बिल्कुल।’’राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराने के न्यायालय के आदेश की मंगलवार को प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों को बरकरार रखने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं।

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पवार ने ट्वीट किया, “मैं लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संवैधानिक सिद्धातों को बरकरार रखने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय का आभारी हूं। यह खुशी की बात है कि महाराष्ट्र पर फैसला संविधान दिवस के मौके पर आया जो भारत रत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर को एक श्रद्धांजलि है।” शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने महाराष्ट्र में शक्ति प्रदर्शन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम यकीनन बहुमत साबित करेंगे।सावंत ने कहा, ‘‘ आधी रात को महाराष्ट्र में सरकार गठन का भाजपा का कदम संविधान का अपमान था। हमने हमेशा कहा कि जिसके पास बहुमत है वह सरकार बनाए। हमारे पास शत प्रतिशत बहुमत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी केवल यही मांग थी कि शक्ति प्रदर्शन जल्द से जल्द कराया जाए क्योंकि जितनी देर होगी उतनी ही खरीद-फरोख्त होगी। भाजपा को इसकी आदत है और वे यह करेंगे।’’इसके जवाब में भाजपा ने कहा कि शक्ति परीक्षण विभिन्न दलों की स्थिति साफ कर देगा।

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भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने, न्यायालय का फैसला पार्टी के लिये झटका साबित होने की बात को खारिज करते हुये कहा कि संविधान के मामले में कोई भी न्यायिक फैसला किसी राजनीतिक दल के लिये झटका नहीं हो सकता और न्यायिक आदेश संविधान को मजबूत बनाते हैं। कोहली ने कहा, ‘‘क्या यह विडंबना नहीं है कि एक तरफ राजनीतिक दल संविधान के मूल्यों की बात करते हैं और दूसरी तरफ संविधान दिवस के अवसर पर संसद के बहिष्कार की बात करते हैं।’’उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बोम्मई मामले के अपने पूर्व फैसले को ही बरकरार रखा है जिसमें उसने कहा था कि बहुमत साबित करने का एकमात्र स्थान सदन है।  कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण कराने के न्यायालय के आदेश को ‘‘लोकतंत्र की जीत” बताते हुए इसकी प्रशंसा की और कहा कि यह “भाजपा-अजित पवार की अवैध” सरकार पर एक “तमाचा” है।विपक्षी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र को “कलंकित” किया जबकि न्यायालय ने संविधान दिवस के मौके पर आदेश देकर राष्ट्र को भेंट दी।कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “उच्चतम न्यायालय का फैसला भाजपा-अजित पवार की नाजायज सरकार पर तमाचा है, जिसने ‘जनादेश’ को बंधक बना लिया था। फर्जीवाड़े की नींव पर बनी सरकार को संविधान दिवस के मौके पर शिकस्त मिली।”शीर्ष अदालत के आदेश के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराए जाने के न्यायालय के फैसले पर संतुष्टि प्रकट की और कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा गठबंधन को सदन में बहुमत हासिल है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा ने ‘‘लोकतंत्र को कलंकित किया है’’।उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र में शक्ति परीक्षण कराने के न्यायालय के फैसले का स्वागत करते है। यह भारत के संविधान, लोकतंत्र और सच्चाई की जीत है।’’

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उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा।शीर्ष अदालत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें। न्यायालय ने कहा कि समूची प्रक्रिया पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए।न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं हो और विधानसभा की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सत्ता में काबिज रहने के लिए 145 विधायकों का समर्थन साबित करना होगा। भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।  हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया।  राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

 

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