रूस-यूक्रेन युद्ध ने सैन्य जरूरतों में आत्मनिर्भरता की जरूरत को रेखांकित किया: राजनाथ

Rajnath
ANI

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को रेखांकित किया है कि सैन्य साजोसामान के मामले में आत्म-निर्भर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के तालमेल की जरूरत बताई।

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस बात को रेखांकित किया है कि सैन्य साजोसामान के मामले में आत्म-निर्भर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के तालमेल की जरूरत बताई। नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन में सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अभियानों में ‘संयुक्त रूप से काम करना’ भविष्य में किसी भी युद्ध में अहम होगा और सैन्य कमानों का पुनर्गठन और थियेटर कमानों की स्थापना भी जरूरी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में ‘प्रामाणिक और प्रतिक्रियाशील’ मौजूदगी स्थापित की है।

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तीनों सेनाओं के बीच समन्वय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जानकारी है कि समुद्री थियेटर कमान पर अध्ययन को लेकर काफी प्रगति हुई है।’’ योजना के अनुसार प्रत्येक थियेटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक अभियान कमांडर के नेतृत्व में एक इकाई के रूप में काम करेंगी। सिंह ने कहा, ‘‘दुनिया में मौजूद सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने एक बार स्पष्ट कर दिया है कि बिना किसी पर निर्भरता के आत्म-निर्भर होना अति महत्वपूर्ण है।’’ सरकार ने पिछले कुछ साल में भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने पर ध्यान दिया है।

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रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेश निर्मित पहले विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ का जलावतरण एक और ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा। यह पोत अपने तीन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘जी जान से कोशिश करनी होगी ताकि इस पोत को हमारी आजादी के 75वें वर्ष में नौसेना में शामिल किया जा सके। यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में अहम योगदान होगा।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि 41 जहाजों और पनडुब्बियों के ऑर्डर दिये गये हैं जिनमें से 39 भारतीय गोदियों में बनाये जा रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘‘नौसेना स्वदेशीकरण में अग्रणी रही है, वहीं हमें अभी तक प्राप्त सफलताओं को थामकर रखना होगा। मेरा वरिष्ठ पदाधिकारियों से अनुरोध है कि अपना ध्यान भविष्य को लेकर क्षमता विकास पर रखें ताकि देश की समुद्री ताकत हमारे आर्थिक हितों के साथ तालमेल करते हुए बढ़े।’’ उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता और समृद्धि सशस्त्र बलों पर निर्भर है। चार दिवसीय नौसेना कमांडर सम्मेलन की शुरुआत सोमवार को हुई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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