क्या फिर बदलेंगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री ? अमित शाह के दौरे को लेकर अटकलें तेज

Amit Shah
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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पिछली बार कर्नाटक का दौरा एक अप्रैल को किया था और राज्य भाजपा कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था। इस दौरान ने पार्टी के लिए लक्ष्य तय किया गया था और विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के तरीके और अन्यदलों के नेताओं को शामिल करने पर चर्चा की गई थी।

बेंगलुरु। कर्नाटक में 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए 150 सीटों का लक्ष्य तय करने के ठीक एक महीने बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह का मंगलवार से राज्य का दौरा शुरू हो रहा है। इस बार उनका दौरा राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की अटकलों के बीच हो रहा है। शाह ने पिछली बार कर्नाटक का दौरा एक अप्रैल को किया था और राज्य भाजपा कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था। इस दौरान ने पार्टी के लिए लक्ष्य तय किया गया था और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के तरीके और अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने पर चर्चा की गई थी।

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विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले हो रहे शाह के इस दौरे को मोटे तौर पर आधिकारिक दौरा ही माना जा रहा है। इस दौरे में शाह द्वारा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा सहित अन्य नेताओं से मिलकर पार्टी की चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने की संभावना है। खबरों के मुताबिक, नेता दोपहर के भोजन पर शाह से मिलेंगे।

येदियुरप्पा ने शिमोगा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (शाह) आ रहे हैं। मैं उनसे मुलाकात करूंगा। वह राज्य की राजनीतिक स्थिति जानने की कोशिश करेंगे। राज्य में चुनाव होने है, प्रधानमंत्री और अमित शाह ने कर्नाटकको प्राथमिकता देने का फैसला किया है। वह संभवत: 150 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचने का सुझाव देंगे जो हमने अगले विधानसभा चुनाव के लिए तय किया है।’’ हालांकि, शाह के राज्य में कार्यक्रमों की जो सूची जारी की गई है उसमें पार्टी नेताओं से मुलाकात का उल्लेख नहीं है। 

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शाह, सोमवार देर रात बेंगलुरु विमान से पहुंचेंगे और मंगलवार को ‘खेलो इंडिया’ विश्वविद्यालय खेल में सम्मान समारोह में शामिल होने सहित कई कार्यक्रम निर्धारित है। वह 12वीं सदी के समाज सुधारक व लिंगायत संत बसवन्ना को भी बसावा जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में लिंगायत को प्रभावशाली समुदाय और भाजपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता है। माना जा रहा है कि बोम्मई पर विधानसभा चुनाव से पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने या विस्तार करने को लेकर दबाव है और उन्होंने पहले ही संकेत दिया है कि शाह के इस दौरे के दौरान वह इस मुद्दे पर चर्चा करने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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