सोनिया ने लॉकडाउन का किया समर्थन, PM मोदी से की न्याय योजना लागू करने की मांग

Sonia

केंद्र सरकार द्वारा उनकी ईएमआई को छः महीनों के लिए रोका जा सकता है। इस अवधि में बैंकों द्वारा लिया जा रहा ब्याज माफ किया जाना चाहिए। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन से सभी रिण किश्तों की कटौती को भी छः महीने के लिए रोका जाए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 21 दिनों के बंद का समर्थन तथा कोरोना वायरस के संकट से निपटने में सरकार के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र से आग्रह किया कि न्यूनतम आय गारंटी योजना (न्याय) लागू करके आजीविका के संकट का सामना कर रहे मजदूरों एवं गरीबों के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाए और वेतनभोगी वर्ग, किसानों एवं छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए इससंकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस की महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में, खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश संगठित होकर एक साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, कोराना वायरस से लड़ने के लिए आपकी सरकार द्वारा घोषित ‘21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन’ का हम समर्थन करते हैं।मैं विश्वास दिलाती हूँ कि इस महामारी को रोकने के लिए उठाए गए हर कदम में हम सरकार को अपना पूरा सहयोग देंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने आग्रह किया कि कोरोना से लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिएएन-95 मास्क एवं दूसरे सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबोंको राहत देने के लिए न्याय योजना लागू करके उनके खातों में सीधी आर्थिक मदद भेजी जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ को इस समय लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस मुश्किल दौर में जिन गरीबों पर इस महामारी की सबसे ज्यादा आर्थिक मार पड़ने वाली है, उन्हें न्याय योजना से सबसे अधिक राहत मिलेगी। दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय ठीक एक साल पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को ‘न्याय’ योजना का वादा किया था। इसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया था। 

इसे भी पढ़ें: कोरोना महामारी के बीच सोनिया गांधी ने सरकार से की अपील, कहा- न्याय योजना करें लागू

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के मुताबिक सरकार को हर ‘जनधन’ खाताधारक, ‘पीएम किसान योजना’ खाताधारक, सभी बुजुर्गों/विधवाओं/दिव्यांगजनों के पेंशन खातों, मनरेगा मजदूरों के खातों में एकमुश्त 7500 रु. डालना चाहिए, जिससे वो 21 दिनों के लॉकडाउन की अवधि में अपना व परिवार का जीवन यापन कर सकें। सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, इस विपदा की घड़ी में किसानों के रिण व बकाया राशि की वसूली को छः महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं नए सिरे से तथा उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति बारे निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा, केंद्र सरकार को हर सेक्टर के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट देनी चाहिए। ’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ वेतनभोगी वर्ग के कर्मचारी भी इस बीमारी का प्रसार रोकने के लिए उठाए गए कड़े कदमों से पीड़ित हैं। केंद्र सरकार द्वारा उनकी ईएमआई को छः महीनों के लिए रोका जा सकता है। इस अवधि में बैंकों द्वारा लिया जा रहा ब्याज माफ किया जाना चाहिए। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन से सभी रिण किश्तों की कटौती को भी छः महीने के लिए रोका जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़