बंगाल पुलिस ने रोकी हर घर तिरंगा रैली तो शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह को लिखा पत्र, सख्त कार्रवाई की मांग

Suvendu Adhikari
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पूर्बा मेदिनीपुर हल्दिया की एडिशनल एसपी श्रद्धा एन पांडे ने कहा कि बाइक रैली नहीं हो सकती है क्योंकि सिर्फ पदयात्रा की अनुमति है। उनके पास बाइक रैली के लिए पुलिस की अनुमति नहीं है। ऐसे में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 'हर घर तिरंगा' राजनीतिक और धार्मिक रैली नहीं है और न ही जनसभा है।

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। दरअसल, पश्चिम बंगाल में भाजपा के हर घर तिरंगा बाइक रैली को रोके जाने के बाद विवाद पैदा हो गया। शुभेंदु अधिकारी हर घर तिरंगा बाइक रैली निकाल रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने मामले को केंद्रीय गृह मंत्री तक पहुंचाने की बात कही।

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पूर्बा मेदिनीपुर हल्दिया की एडिशनल एसपी श्रद्धा एन पांडे ने कहा कि बाइक रैली नहीं हो सकती है क्योंकि सिर्फ पदयात्रा की अनुमति है। उनके पास बाइक रैली के लिए पुलिस की अनुमति नहीं है। ऐसे में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 'हर घर तिरंगा' राजनीतिक और धार्मिक रैली नहीं है और न ही जनसभा है। हम शांतिपूर्ण अभियान चाहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को निर्देश दिया है कि शुभेंदु अधिकारी को ऐसा नहीं करने दिया जाए... इस मुद्दे को लेकर मैं केंद्रीय गृह मंत्री को मेल करूंगा।

अधिकारी ने गृह मंत्री को लिखा पत्र

हर घर तिरंगा बाइक रैली को पुलिस द्वारा रोके जाने के मामले को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने अमित शाह को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लिखा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मैं आज अपने विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम, पूर्बा मेदिनीपुर में तिरंगा यात्रा में भाग ले रहा था। देशभक्ति के जोश से कई सामान्य ग्रामीण और आम जनता भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के साथ इकट्ठे हुए और स्वेच्छा से मेरे साथ मार्च किया।

उन्होंने पत्र में लिखा कि कार्यक्रम का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 अगस्त, 2022 से 15 अगस्त तक अपने घर पर तिरंगे की मेजबानी करने के आह्वान को बढ़ावा देकर और लोगों को जागरूक कर "हर घर तिरंगा" आंदोलन के लिए प्रचार करना था।

उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा एक राष्ट्रीय कार्यक्रम और एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम होने के कारण राष्ट्रीय ध्वज के अलावा कोई भी किसी भी राजनीतिक दल का झंडा नहीं ले जा रहा था। कोई भी राजनीतिक पोस्टर या बैनर नहीं दिखा रहा था। स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के सम्मान में नारे "भारत माता की जय" और "लॉन्ग लिव इंडिया" और अन्य "लॉन्ग लाइव" नारे तक ही सीमित थे।

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पत्र के मुताबिक, जुलूस भव्य तरीके से आगे बढ़ रहा था और देशभक्ति की भावना भर गई। प्रतिभागी सभी स्थानीय थे और उन्हें देशभक्त के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को एक गौरवशाली और यादगार अवसर बनाने के लिए राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा देना आवश्यक समझा। लेकिन तिरंगा यात्रा जैसे ही तेखाली पहुंची तो हमारा सामना बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों से हुआ। जिन्होंने हमे कहा कि तिरंगा यात्रा बाइक रैली की इजानत नहीं है।

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