कांग्रेस के हाथ को कौन करेगा मजबूत, 24 साल बाद पार्टी को मिलेगा गैर-गांधी अध्यक्ष, बुधवार को आएंगे नतीजे

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ANI
अंकित सिंह । Oct 18 2022 8:55PM

सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे का दवा काफी मजबूत माना जा रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार का बेहद करीबी बताया जाता है। यही कारण है कि कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका समर्थन किया था। साथ ही साथ कई प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी उनके समर्थन की बात कही थी।

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के हाथ को आखिर कौन मजबूत करेगा, इसको लेकर आखरी फैसला बुधवार को होगा। 17 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव की मतगणना बुधवार को होगी। कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर हैं। इन्हीं दोनों के बीच अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था। 24 साल बाद ऐसा मौका आया है जब गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता कांग्रेस की कमान संभालने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे का दवा काफी मजबूत माना जा रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार का बेहद करीबी बताया जाता है। यही कारण है कि कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका समर्थन किया था। साथ ही साथ कई प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी उनके समर्थन की बात कही थी। 

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दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी 22 वर्ष तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं हैं उन्होंने PM पद नहीं स्वीकारा। 30 साल से यह परिवार किसी पद पर नहीं आया सिर्फ संगठन की ज़िम्मेदारी संभाली थी वो भी छोड़ दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसका दुख हम सबको है राहुल गांधी जी अगर इसे संभालते तो एक नया मैसेज जाता। आपको बता दें कि 2019 में मिली चुनावी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद की कमान छोड़ दी थी। इसके अलावा कई वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी के अंदर कुछ मांग रखी थी। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे थीं। 

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कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। इस बार पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। उन्होंने बताया किइस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा। इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे। थरूर ने निर्वाचकों से ‘‘बदलाव अपनाने’’ का साहस दिखाने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा था कि वह जिन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं, उनमें पार्टी के ‘‘मूल्यों’’ में कोई बदलाव नहीं होगा और केवल लक्ष्य पाने के तरीकों में परिवर्तन आएगा। वहीं, खड़गे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई झिझक नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने काफी संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में बड़ा योगदान दिया है।

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