ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल : अदिति अशोक

Aditi Ashok

किसी और टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहकर अदिति अशोक कोदुख नहीं होता लेकिन यह ओलंपिक था और भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली इस भारतीय गोल्फर ने कहा कि यहां चौथे स्थान पर रहकर खुश होना संभव नहीं है।

तोक्यो। किसी और टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहकर अदिति अशोक कोदुख नहीं होता लेकिन यह ओलंपिक था और भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली इस भारतीय गोल्फर ने कहा कि यहां चौथे स्थान पर रहकर खुश होना संभव नहीं है। कल रात दूसरे स्थान पर काबिज अदिति चौथे और आखिरी दौर के बाद तीन अंडर 68 और कुल 15 अंडर 269 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर खिसक गई। उन्होंने कहा ,‘‘ किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है। मैने अच्छा खेला और अपना शत प्रतिशत दिया। ’’

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आखिरी दौर में पांच बर्डी और दो बोगी करने वाली अदिति ने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रूचि बढेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है। उन्होंने कहा ,‘‘ काश मैं पदक जीत पाती लेकिन मुझे उम्मीद है कि अभी भी सब खुश होंगे। मैने आखिरी दौर से पहले इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा कि लोग मुझे टीवी पर देख रहे हैं।’’ अदिति ने कहा ,‘‘ कुछ और अच्छे प्रदर्शन से खेल में लोगों की रूचि बढेगी। ज्यादा बच्चे गोल्फ खेलने लगेंगे।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैने गोल्फ खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि ओलंपिक खेलूंगी। गोल्फ उस समय ओलंपिक का हिस्सा नहीं था।

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कड़ी मेहनत और अपने खेल का पूरा मजा लेकर आप यहां तक पहुंच सकते हैं।’’ यह पूछने पर कि क्या उन्हें इसकी जानकारी है कि मिल्खा सिंह जैसे महान खिलाड़ी ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे हैं और अब वह उनकी श्रेणी में है, अदिति ने कहा ,‘‘ नहीं मुझे नहीं पता था कि मैं उस क्लब में हूं। उस क्लब में शामिल नहीं होना चाहती थी लेकिन हो गई। वैसे अच्छा है।ओलंपिक में शीर्ष पांच या दस में रहना अच्छा है।’’ अदिति लेडीज यूरोपीय टूर क्वालीफाइंग स्कूल जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी थी। लेडीज यूरोपीय टूर पर जीत दर्ज करने वाली वह पहली भारतीय बनी जब उन्होंने 2016 में हीरो महिला इंडियन ओपन जीता। अब तक वह 18 मेजर खेल चुकी है जो पुरूष और महिला दोनों वर्ग में किसी भारतीय का रिकॉर्ड है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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