Breaking: जापान के पूर्व PM शिंजो आबे का निधन, नारा में भाषण के दौरान हुआ था हमला, PM मोदी ने जताया शोक

Shinzo Abe
प्रतिरूप फोटो
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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर शुक्रवार सुबह हमला हुआ था। इस दौरान हमलावर ने उन्हें गोली मारी थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर शुक्रवार सुबह हमला हुआ था। इस दौरान हमलावर ने उन्हें गोली मारी थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। दरअसल, शिंजो आबे संसद के ऊपरी सदन के लिए रविवार को होने वाली वोटिंग के मद्देनजर एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए नारा गए हुए थे। इसी बीच जब वो भाषण दे रहे थे तभी गोली चलने की आवाज सुनी गई।

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PM मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मित्र शिंजो आबे के निधन की खबर से स्तब्ध हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। उन्होंने कहा कि शिंजो आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस मुश्किल घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। 

पकड़ा गया संदिग्ध 

पुलिस ने 41 वर्षीय एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। उसका नाम यामागामी तेत्सुया बताया जा रहा है, जिसके पास से एक बंदूक बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि दो गोलियां चलाई गई थीं। इस हमले के बाद पुलिस सतर्क हो गई और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।  

लंबे समय तक थे PM

शिंजो आबे साल 2006 में पहली बार जापान के प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि 2007 में बीमारी के चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने 2012 में एक बार फिर से जापान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और साल 2020 तक इस पद पर रहे। 

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आपको बता दें कि शिंजो आबे ने 2020 में स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी एक पुरानी बीमारी फिर से उभर आई है। उन्होंने कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए परेशान करने वाली बात है। उन्होंने सालों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी।  

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