26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के दो करीबी सहयोगियों को हुई 15 साल कैद की सजा

Hafiz Saeeds

हाफिज सईद के दो करीबी सहयोगियों को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है।इससे पहले अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के तीन मामले में मुजाहिद को 47 साल जेल की सजा सुनायी थी।

लाहौर। पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के दो करीबी सहयोगियों को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 15-15 साल से ज्यादा जेल की सजा सुनायी है। सईद के संगठन के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद को भी सजा सुनायी गयी है। लाहौर में आतंकरोधी अदालत ने मंगलवार को सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की को भी छह महीने जेल की सजा सुनायी थी। अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने पंजाब पुलिस के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा दर्ज मामले में याह्या मुजाहिद और जफर इकबाल में से प्रत्येक को 15 साल छह महीने और प्रोफेसर अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने कैद की सजा सुनायी।’’ इससे पहले अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के तीन मामले में मुजाहिद को 47 साल जेल की सजा सुनायी थी।

इसे भी पढ़ें: अमेरिका में हो सकता है सशस्त्र विरोध प्रदर्शन, 50 राज्यों को FBI ने भेजा अलर्ट

इसी तरह, तीन मामलों में इकबाल को 26 साल की सजा दी गयी थी। मुजाहिद और इकबाल दोनों को करीब 15 साल जेल में रहना होगा क्योंकि उन्हें सुनायी गयी सभी सजा एकसाथ चलेगी। आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए पाकिस्तान पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पिछले सप्ताह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में पांच साल जेल की सजा सुनायी गयी। लखवी को तीन अपराधों के लिए पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी और तीन लाख पाकिस्तानी रुपये (करीब 620 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया। उसकी सजा एक साथ चलेगी। सीटीडी ने अलग अलग शहरों में हाफिज सईद समेत उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ 41 मामले दर्ज किए थे। आतंकरोधी अदालत अब तक पांच मामलों में आतंक के वित्तपोषण के आरोपों को लेकर सईद को कुल मिलाकर 36 साल की सजा सुना चुकी है।

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान के लिए तैयार अमेरिकी प्रतिनिधि सभा

सभी मामलों में उसकी सजा एक साथ चलेगी। उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है। वर्ष 2008 में मुंबई हमले के लिए जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व वाला लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था। हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी। संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था और अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और 2019 के अंत तक धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण समय सीमा आगे बढ़ा दी गयी थी। ‘ग्रे लिस्ट’ में रहने से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से आर्थिक सहायता लेने में दिक्कतें होंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़