हमारे साथ आने से किसे दिक्कत है? राज संग गठबंधन पर Uddhav Thackeray का बेबाक सवाल

Uddhav Thackeray
ANI
एकता । Jul 20 2025 1:32PM

महाराष्ट्र में दो दशकों बाद उद्धव और राज ठाकरे के मिलन ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। उद्धव ठाकरे ने 'सामना' इंटरव्यू में अपने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि यह एकजुटता सभी समुदायों को पसंद आ रही है, और यह आने वाले समय में मुंबई सहित स्थानीय राजनीति के समीकरण बदल सकती है।

दो दशकों तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे ठाकरे भाई, उद्धव और राज, एक बार फिर साथ आ गए हैं। उनके इस मिलन ने महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा दी है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए एक खास इंटरव्यू में महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर खुलकर बात की। इस इंटरव्यू की सबसे ज्यादा सुर्खियां उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के साथ दोबारा जुडने पर उनकी टिप्पणियों ने बटोरीं।

राज ठाकरे के साथ गठबंधन पर उद्धव का बेबाक जवाब

जब उद्धव ठाकरे से राज ठाकरे के साथ एक बडे राजनीतिक गठबंधन की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया, 'हमारे साथ आने से किसे दिक्कत है? उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान खुद करना चाहिए। हम इसके बारे में क्यों सोचें?' उन्होंने आगे कहा कि उनके इस पुनर्मिलन से न केवल मराठी लोगों को, बल्कि अन्य समुदायों को भी खास खुशी मिली है।

उद्धव ने जोर देकर कहा, 'हमारे मुस्लिम भाई भी खुश थे, और खुलकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे थे। गुजराती और हिंदी भाषी नागरिकों ने कहा, 'अच्छा किया आपने।' अगर किसी को पेट में दर्द है, तो वह उनका पेट दर्द है। मैं इसे नजरअंदाज करता हूं।' यह बयान सीधे तौर पर उन लोगों पर हमला था, जिन्हें ठाकरे भाइयों का साथ आना रास नहीं आ रहा।

इसे भी पढ़ें: Monsoon Session 2025: मानसून सत्र से पहले हलचल तेज, विपक्ष की अहम मांगों पर सरकार ने भरी हामी

'यह कोई छोटी बात नहीं, बहुत बडी बात है!'

यह पूछे जाने पर कि क्या यह एकता का प्रदर्शन महज दिखावा है या राजनीतिक तालमेल में बदलेगा, उद्धव ने कहा, 'हम 20 साल बाद एक साथ आए हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है - यह बहुत बडी बात है। आज हमारे भाषण से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारा एक साथ होना है।' उन्होंने साफ किया कि फिलहाल राजनीति उनकी तत्काल प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं मराठी भाषा, महाराष्ट्र के धर्म और मराठी लोगों के लिए जो भी जरूरी होगा, करने को तैयार हूं।' इससे साफ जाहिर होता है कि उद्धव पहले 'मराठी अस्मिता' और सांस्कृतिक एकजुटता पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

इसे भी पढ़ें: 'पार्टी नहीं, देश पहले', Shashi Tharoor के बागी तेवर से Congress में भूचाल!

महाविकास अघाडी और मनसे के साथ तालमेल

महाविकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन और आगामी स्थानीय चुनावों पर पूछे गए सवालों के जवाब में, उद्धव ने बताया कि चर्चाएं अभी जारी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्थानीय स्तर पर फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है और अगर ऐसा होता है, तो उनकी पार्टी उसी के अनुसार जवाब देगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या मनसे के साथ आने से एमवीए की गतिशीलता प्रभावित हो सकती है, उन्होंने स्पष्ट किया, 'मुंबई राजनीतिक रूप से महाराष्ट्र से अलग नहीं है। यह राजधानी है। हर नगर निगम को स्वायत्तता प्राप्त है। हर इकाई वही करेगी जो राजनीतिक रूप से सही होगा।' इसका मतलब है कि ठाकरे बंधुओं का मिलन मुंबई की स्थानीय राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है, और एमवीए के भीतर समीकरण बदल सकते हैं।

All the updates here:

अन्य न्यूज़