Unlock 5 के 55वें दिन देश में प्रतिदिन की संक्रमण दर चार प्रतिशत से कम, 13.36 करोड़ नमूनों की हुई जांच

नयी दिल्ली। देश में एक दिन में कोविड-19 की 10,99,545 जांच समेत अब तक 13.36 करोड़ नमूनों की जांच हुई है और रोजाना की संक्रमण दर भी घटकर चार प्रतिशत से कम हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि छह दिन बाद पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 40,000 से कम मामले आए। आठ नवंबर के बाद से संक्रमण के मामले 50,000 से नीचे ही आ रहे हैं। रोजाना औसतन 10 लाख से अधिक जांच के साथ संक्रमण दर भी निचले स्तर पर है। प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या बढ़कर 96,871 हो गयी है। देश में जांच की क्षमता भी बढ़ी है और वर्तमान में 2134 प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के नमूनों की जांच की जा रही है। मंत्रालय ने बताया कि 24 घंटे में 10,99,545 जांच के साथ रोजाना 10 लाख से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है। मंत्रालय ने बताया, ‘‘कुल मामलों के हिसाब से संक्रमण दर 6.87 प्रतिशत है जबकि रोजाना की संक्रमण दर घटकर 3.45 प्रतिशत हो गयी है। जांच की संख्या बढ़ाने के कारण संक्रमण दर में गिरावट आयी है।’’ पिछले कुछ हफ्ते में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटी है। पिछले 24 घंटे के दौरान 42,314 मरीजों ने संक्रमण को मात दी। देश में वर्तमान में 4,38,667 संकमित मरीज हैं जो कि कुल मामलों का 4.78 प्रतिशत है। अब तक 86 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से ठीक होने वाले 75.71 प्रतिशत मरीज 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के थे। दिल्ली में सबसे ज्यादा 7216 मरीज ठीक हो गए। इसके बाद केरल में 5425 और महाराष्ट्र में 3729 मरीज स्वस्थ हुए। मंत्रालय ने कहा कि सबसे ज्यादा 4454 मामले दिल्ली से ही आए। महाराष्ट्र से 4153 मामले आए। पिछले 24 घंटे के दौरान 480 मरीजों की मौत हो गयी। मौत के 73.54 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आए। दिल्ली में सबसे अधिक 121 लोगों की मौत हो गयी। पश्चिम बंगाल में 47 और महाराष्ट्र में 30 मरीजों की मौत हो गयी। देश में कोविड-19 के के 37,975 नए मामले आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या91,77,840 हो गयी और मृतकों की संख्या 1,34,218 हो गयी है।
टीकाकरण में प्राथमिकता तय करने का काम राज्यों की सलाह से पूरा किया जाएगा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जिस तरह कोविड-19 महामारी से लड़ाई में प्रत्येक जान बचाने पर ध्यान दिया गया, उसी तरह यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जाएगी कि प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य वैज्ञानिक मापदंड पर खरा उतरा टीका उपलब्ध हो सके। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण में प्राथमिकता तय करने का काम राज्यों की सलाह से पूरा किया जाएगा। यह बैठक कोविड-19 से निपटने और प्रबंधन की स्थिति तथा तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी। इस दौरान आठ मुख्य राज्यों पर विशेष ध्यान दिया गया जिनमें हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। मोदी ने कहा कि हर स्तर पर सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिल कर काम करना होगा कि टीकाकरण अभियान सुगमतापूर्वक, व्यवस्थित, और लगातार चलाया जा सके। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘सरकार टीके के विकास के काम पर करीबी नजर रख रही है और वह टीके का विकास और उत्पादन करने वाले भारतीयों के साथ-साथ वैश्विक नियामकों, अन्य देशों की सरकारों, बहुपक्षीय संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के सम्पर्क में है।’’
उन्होंने कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों के लिए जो टीके आएं, वे अनिवार्य वैज्ञानिक मापदंड पर खरे उतरें। मोदी ने कहा, ‘‘जैसे कोविड के खिलाफ हर व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, उसी तरह यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होगी कि टीका हरेक व्यक्ति तक पहुंचें। सरकारों को सभी स्तरों पर यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा कि टीकाकरण अभियान सहज, व्यवस्थित और सतत आधार पर चलाया जाए।’’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टीके के विषय में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाकर और नागरिक समाज, एनसीसी और एनएसएस के छात्रों तथा मीडिया की मदद लेकर इन अफवाहों से प्रभावी रूप से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई में शुरुआत से ही एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता यही होगी कि सभी तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचे। इसमें तो कोई विवाद हो ही नहीं सकता है। कोरोना की वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान, अपने हर नागरिक के लिए एक प्रकार से राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है।’’ मोदी ने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बेहतर परिणामों के लिए वे राज्य स्तरीय संचालन समिति तथा राज्य और जिला स्तरीय कार्यबल का गठन करें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें हमारे रोजमर्रा के काम के साथ कोरोना से लड़ते-लड़ते भी इस एक व्यवस्था को तुरंत विकसित करना पड़ेगा। यह मेरा आग्रह रहेगा।Discussed various aspects relating to the COVID-19 situation, including further ramping up of health infrastructure and ensuring vaccination to our citizens, during the interaction with CMs earlier today. https://t.co/lLs8auUQN1
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2020
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कोविड-19 से निपटने के लिए भारत ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता दिखाई: हर्षवर्धन
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि देश में बन रहे टीकों से लेकर जांच की नयी तकनीकों और उपचारात्मक पद्धतियों तक भारत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में अपनी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने पहले ऑनलाइन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युवा वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी एक परीक्षा है जो दर्शाती है कि इस प्रकार की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग अहम है। हर्षवर्धन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती के रूप में सामने आया है, जिससे निपटने के लिए रणनीति तैयार कर सामूहिक वैश्विक प्रयास करने की आवश्यकता है और इसमें युवा वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है। हर्षवर्धन ने भारत के उठाए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत ने अपनी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में भारतीय शोध संस्थानों ने वैश्विक महामारी से निपटने के प्रभावी तरीके विकसित करने के लिए स्वदेशी टीके बनाने, घर जाकर जांच करने की नयी तरह की तकनीकों और पारम्परिक ज्ञान पर आधारित उपचारात्मक पद्धतियों से लेकर अनुसंधान संसाधनों को स्थापित करने तक अथक कार्य किया।’’ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार के सहयोग से 100 से अधिक स्टार्ट अप ने कोविड-19 से निपटने के लिए नवोन्मेषी उत्पाद और समाधान मुहैया कराए हैं।
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कोविड-19: महाराष्ट्र में 5439 जबकि गुजरात 1,510 नए मामले सामने आए, तमिलनाडु में 17 मरीजों की मौत
महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में मंगलवार को कोरोना वायरस के क्रमश: 5,439, 1,510 और 1,557 नए मरीज सामने आए। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मंगलवार को कोविड-19 के नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 17,89,800 हो गई। वहीं, संक्रमण से30 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 46,683 हो गई है। विभाग के मुताबिक राज्य में कोविड-19 संक्रमण से मुक्त होने के बाद आज 4,086 मरीजों को छुट्टी दे गई, जिसके साथ ही अबतक 16,58,879 कोविड-19 मरीज ठीक हो चुके हैं। विभाग के अनुसार राज्य में फिलहाल 83,221 कोविड-19 रोगियों का इलाज चल रहा है। मुम्बई में 939 नये मरीज सामने आए जिससे यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर2,77,453 हो गयी। वहीं, शहर में 19 और मरीजों की मौत से मृतक संख्या 10,708 पर पहुंच गई। राज्य में अबतक 1,03,66,579 नमूनों की जांच हो चुकी हैं उधर, गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मंगलवार कोरोना वायरस के 1510 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,00,409 हो गई। राज्य में तीन दिनों के दौरान यह दूसरी बार हुआ है कि कोविड-19 के 1500 से अधिक नये मामले सामने आये हैं।
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विभाग ने बयान में बताया कि दिन के दौरान कोविड-19 के 16 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,892 पहुंच गई। विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इसी अवधि में 1,286 मरीजों को स्वस्थ होने पर पर अस्पतालों से छुट्टी दी गई। राज्य में अब तक 1,82,473 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 91.05 फीसद है। गुजरात में फिलहाल कोविड-19 के 14,044 मरीज उपचाररत हैं। विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में अब तक 73,89,330 लोगों के नमूनों की जांच की जा चुकी है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मंगलवार कोरोना को वायरस के 1,557नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,73,176 हो गई। विभाग ने बयान में बताया कि दिन के दौरान कोविड-19 के 17 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 11,639 पहुंच गई। विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इसी अवधि में 1,910मरीजों को स्वस्थ होने पर पर अस्पतालों से छुट्टी दी गई। राज्य में अब तक7,49,662मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में फिलहाल 11,875 मरीज उपचाररत हैं। राज्य में 13 नवंबर से 2000 से कम नये मामले सामने आ रहे हैं। चेन्नई में इस महामारी के अबतक 2,12,970 मामले सामने आ चुके हैं। शहर में इस वायरस से अबतक 3829लोगों की जान गयी है। विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में अब तक 1,16,73,521लोगों के नमूनों की जांच की जा चुकी है।
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आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के 1085, नगालैंड में 79 नए मामले सामने आए
आंध्र प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस के 1085 नए मरीज सामने आए, जबकि पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में 79 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। अमरावती में आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि नए मामलों के बाद प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या 8,63,843 हो गई। बुलेटिन के मुताबिक, मंगलवार सुबह नौ बजे खत्म हुए 24 घंटों में 1447 मरीज संक्रमण मुक्त हुए जबकि आठ की मौत हुई। इसमें बताया गया है कि प्रदेश में अबतक 8,43,863 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं जबकि 6956 संक्रमितों की मौत हो गई है। वहीं 13,024 लोग संक्रमण का इलाज करा रहे हैं। उधर, नगालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एस पी फोम ने कोहिमा में बताया कि प्रदेश में मंगलवार को 79 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 10,931 हो गई। उन्होंने बताया कि 9291 लोग संक्रामक रोग सेस्वस्थ हुए, जबकि 1471 संक्रमित फिलहाल उपचाराधीन हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस से अबतक 63 लोगों की मौत हो चुकी है।
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केंद्र ने राज्यों से कोविड-19 टीके के प्रतिकूल प्रभावों पर निगरानी मजबूत करने की तैयारी करने को कहा
केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि कोविड-19 की रोकथाम का टीका आने से पहले वे टीकाकरण के बाद के संभावित प्रतिकूल प्रभावों की निगरानी मजबूत करने के लिए कदम उठाएं। केंद्र ने कहा कि कुछ प्राथमिकता वाले समूहों का टीकाकरण करने के लिए तैयारियां चल रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 नवंबर के पत्र में कुछ कदम गिनाते हुए कहा है कि ये भारत में ‘टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों’ (एईएफआई) की निगरानी की मौजूदा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए जरूरी हैं ताकि कोविड-19 के टीकाकरण के लिए एईएफआई की समय पर और पूरी जानकारीमिलना संभव हो। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डॉ मनोहर अगनानी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘मेरा अनुरोध है कि इन पहलों को जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि राज्य और जिले में कोविड-19 का टीका आने से पहले आवश्यक बदलाव हों।’’ इसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से राज्य और जिला एईएफआई समिति में बाल रोग विशेषज्ञों सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों को शामिल करने को कहा क्योंकि कोविड-19 का टीका वयस्कों को लगाया जाएगा, जिनमें से अधिकतर को पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि रोगियों में पहले से हृदय और मस्तिष्क आदि संबंधी समस्याएं होने की वजह से टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव सामने आ सकते हैं और ऐसे में राज्य एईएफआई समितियों की सदस्यता को संशोधित कर उसमें तंत्रिका रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, श्वसन रोग संबंधी विशेषज्ञों को शामिल किया जाए जो इन चीजों पर नजर रख सकें।
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